Lok Sabha Polls 2019: नेताओं को छपवाना होगा अपने आपराधिक रिकॉर्ड का विज्ञापन
Lok Sabha Polls 2019. चुनाव मैदान में उतरने वाले प्रत्याशी को अपने आपराधिक रिकॉर्ड के ब्योरे का विज्ञापन अखबार और टीवी में देना होगा। इसे चुनावी खर्च में शामिल किया जाएगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। लोकसभा चुनाव लडऩे वाले सभी प्रत्याशियों को अपने ऊपर चल रहे आपराधिक मामले का ब्योरा अखबारों के अलावा इलेक्ट्रानिक चैनलों में भी तीन-तीन बार अनिवार्य रूप से देना होगा। इसके लिए मतदान से दो दिन पूर्व तक की समय सीमा तय की गई है। बकायदा संबंधित धारा का भी जिक्र करना होगा। वहीं, अखबारों में सूचना प्रकाशित करने के लिए न्यूनतम 12 साइज के फॉन्ट निर्धारित किए गए हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एल खियांग्ते ने सोमवार को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में इसकी जानकारी दी। मौके पर अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे व मनीष रंजन भी उपस्थित थे।
राजनीतिक दलों को यह भी बताया गया कि उन्हें अपनी वेबसाइट पर भी प्रत्याशियों पर चल रहे मामले या जिनमें दोष सिद्ध हो गया है, की जानकारी देनी होगी। साथ ही उन्हें इसकी जानकारी रिटर्निंग ऑफिसर को भी देनी होगी। भारत निर्वाचन आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर पहली बार यह प्रावधान किया है। बता दें कि अभी तक प्रत्याशियों को सिर्फ शपथ पत्र में ही इसकी सूचना देनी होती थी। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बैठक में राजनीतिक दलों को विस्तार से जानकारी दी कि चुनाव के समय उन्हें क्या करना है क्या नहीं।
उम्मीदवारों के नामांकन पत्र भरते समय सभी बिंदुओं को अनिवार्य रूप से भरने, आचार संहिता तथा प्रिवेंशन ऑफ डिफेसमेंट ऑफ प्राॅपर्टी एक्ट के प्रावधानों को सख्ती से लागू करने का अनुरोध किया। बैठक में सोशल मीडिया की सीमाओं के बारे में कहा गया कि जो बंधेज इलेक्ट्रानिक चैनलों पर लागू हैं, वहीं बंधेज सोशल मीडिया पर भी हैैं।
प्रत्याशी वोटर लिस्ट में चेक कर लें अपना नाम
बैठक में यह बात उठी कि वोटर लिस्ट में यदि किसी प्रत्याशी के नाम में थोड़ी गलती है तो मान्य होगा या नहीं? इसपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी राजनीतिक दलों को सुझाव दिया कि वे प्रत्याशियों को निर्देश दें कि वे अपना नाम वोटर लिस्ट में चेक कर लें। यदि उसमें कोई त्रुटि है तो अभी भी सुधार कराने का मौका है। हालांकि यह भी कहा गया कि सामान्य गलती में नामांकन पत्र स्वीकार कर लिया जाता है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी कार्यकर्ताओं का भी नाम चेक करा लेने का भी सुझाव दिया।
होर्डिंग में नहीं चलेगी किसी पार्टी की मोनोपोली
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने राजनीतिक दलों को बताया कि जिला प्रशासन तथा नगर निगम/नगरपालिका की होर्डिंग में किसी पार्टी की मोनोपोली नहीं चलेगी। जिला प्रशासन व नगर निगम को यह निर्देश दिया गया है कि वे सुनिश्चित करें कि होर्डिंग पर विज्ञापन देने के लिए सभी दलों को बराबर मौका मिले।