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कवि सम्‍मेलन में जमी महफिल, 'कामवाली बाई नहीं आई' पर जमकर बजी तालियां Ranchi News

Jharkhand Latest News Update सांस्कृतिक साहित्यिक मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष के जन्मदिवस पर फेसबुक लाइव कवि सम्मेलन में कविताओं की धूम रही। सूरज श्रीवास्तव की ग़जल नरगिसी नजरों को तलवार होने दीजिए ने माहौल को रूमानी बना दिया।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 02:22 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 02:25 PM (IST)
फेसबुक लाइव कवि सम्‍मेलन में उपस्थित लोग। जागरण

रांची, जासं। प्रेरणा दर्पण सांस्कृतिक साहित्यिक मंच के तत्वावधान में मंच की राष्ट्रीय अध्यक्ष कीर्ति काले के जन्म दिवस के उपलक्ष्‍य में गोष्ठी और कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। कवि सम्मेलन में हास्य रस की कविताओं की धूम रही। खुशबू बर्नवाल सीपी की हास्य रचना 'कामवाली बाई नहीं आई' का लोगों ने खूब आनंद उठाया। कविता रानी ने गरीब के दर्द को उजागर करते हुए अपनी कविता सुनाई तो लोग भावविभोर हो उठे।

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मुनमुन ढाली की 'कभी डायन देखी है' को भी खूब पसंद किया गया। सूरज श्रीवास्तव की ग़जल 'नरगिसी नजरों को तलवार होने दीजिए' ने माहौल को रूमानी बना दिया। संध्या चौधरी ने सुनाया खामोशी का भी होता वजूद। कार्यक्रम की शुरुआत में दीपोत्सव के बाद गोष्ठी हुई। गोष्ठी की अध्यक्षता साहित्यकार डॉ पंपा सेन विश्वास ने की। इसके बाद रेनू बाला धार ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। फेसबुक लाइव के जरिये मंच के संस्थापक हरि प्रकाश पांडे भी कार्यक्रम से जुड़े।


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