सरायकेला की बेटी ने चार लोगों की जान बचाई, नेत्रदान कर दो की दुनिया रोशन की; पीएम ने मन की बात में किया जिक्र
Snehlata Chaudhary Who Saved Four Lives सरायकेला की बेटी 65 वर्षीय स्नेहलता चौधरी ने अपनी मौत के बाद अपनी हार्ट किडनी लीवर व आंखें दान कर चार लोगों की जान बचाई व दो लोगों की आंख की रोशनी बन कर उन्हें नया जीवन दिया है।
सरायकेला/रांची, जागरण संवाददाता: सरायकेला की बेटी 65 वर्षीय स्नेहलता चौधरी ने अपनी मौत के बाद अपनी हार्ट, किडनी, लीवर व आंखें दान कर चार लोगों की जान बचाई व दो लोगों की आंख की रोशनी बन कर उन्हें नया जीवन दिया है। इनकी इस अंगदान की सोच ने पूरी दुनिया में एक मिसाल कायम कर दी है।
पूरी दुनिया के लोगों को स्नेहलता चौधरी से प्रेरणा लेनी चाहिए, ताकि ऐसे लोगों की आंखों की रोशनी बन सके जो आज इस रंग-बिरंगी दुनिया को नहीं देख पा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मासिक कार्यक्रम मन की बात के 99 वें संस्करण में सरायकेला की बेटी स्नेहलता चौधरी के बारे में पूरे देश को बताते हुए कहा कि स्नेहलता चौधरी ने ईश्वर बन कर दूसरों को जिन्दगी दी।
जो लोग अंगदान का इंतजार करते हैं वे जानते हैं कि इंतजार का एक-एक पल गुजरना कितना मुश्किल होता है, ऐसे में जब कोई अंगदान या देहदान करने वाला मिल जाता है तो उसमें ईश्वर का स्वरुप ही नजर आता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में स्व. स्नेहलता चौधरी के बेटे अभिजीत चौधरी से बात करते हुए कहा, "आपके पिता व माता जी दोनों ही नमन के अधिकारी है।
आपके पिताजी ने इतने बड़े निर्णय में आप परिवारजनों का नेतृत्व किया ये वाकई बहुत ही प्रेरक है। मैं मानता हूं कि मां तो मां ही होती है। मां एक अपने आप में प्रेरणा भी होती है, लेकिन मां जो परंपराएं छोड़ कर जाती है। वो पीढ़ी दर पीढ़ी एक बहुत ही बड़ी ताकत बनकर जाती है। अंगदान के लिए आपकी माताजी की प्रेरणा आज पूरे देश तक पहुंच रही है।"
घटना के बारे में प्रधानमंत्री ने ली जानकारी
अभिजीत चौधरी ने दूरभाष पर प्रधानमंत्री को बताया कि उनकी माता जी पिछले 25 वर्षों से मॉर्निंग वॉक कर रही थी। घटना वाले दिन सुबह चार बजे वह मॉर्निंग वॉक के लिए निकली तो पीछे से एक बाइक सवार ने उन्हें टक्कर मार दी।
दुर्घटना में उनके सिर में गंभीर चोट लगी थी, उन्हें तुरंत सरायकेला सदर अस्पताल ले गए। जहां से बेहतर इलाज के लिए टीएमएच रेफर किया गया, जहां उनकी सर्जरी के बाद उन्हें ऑब्जर्वेशन में रखा गया। स्थिति में सुधार नहीं होने पर उन्हें दिल्ली एम्स ले गए। जहां सात से आठ दिनों तक उनका इलाज चला।
इसके बाद अचानक उनका ब्लड प्रेसर नीचे आ गया और उनका ब्रेन डेड हो गया, जिसके बाद अंगदान की प्रक्रिया के बारे में डॉक्टरों ने बातचीत शुरू कर दी।
मां के अंगदान की जानकारी वे लोग पिता को नहीं देना चाहते थे, लेकिन जब पिता से इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि स्नेहलता का बहुत मन था अंगदान करने को लेकर। पिता के मुंह से यह बात सुनकर वे लोग खुद को गौरवान्वित महसूस करने लगे।
रमन चौधरी ने भी अंगदान करे की जाहिर की इच्छा
स्व. स्नेहलता चौधरी के पति रमन कुमार चौधरी ने बताया कि स्नेहलता ने दस वर्ष पहले ही अपनी दोनों आंखों को दान करने का निर्णय ले लिया था और उन्होंने इसके लिए फॉर्म भी भर दिया था।
इसके साथ ही अंगदान करने के लिए लोगों को वह प्रेरित किया करती थी और खुद भी अंगदान करने की इच्छा अपने स्वजनों के बीच जाहिर कर दी थी, जिसके बाद ही उनकी मृत्यु के बाद अंग दान करने का निर्णय लिया गया।
पत्नी के अंगदान से प्रेरित होकर रमन कुमार चौधरी ने भी अपने अंगदान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि अपने परिवारवालों को उन्होंने अंगदान करने पर अपनी सहमति दे दी है।
उन्होंने बताया कि स्नेहलता की आंखे व अन्य अंग किसे दान किए गए हैं। यह जानकारी अभी उनलोगों को नहीं दी गई है। उन्होंने बताया कि मन की बात को वे लोग घर में बैठ कर देख रहे थे, लेकिन उनका बेटा अभिजीत चौधरी गुड़गांव में है। जहां वह सर्विस करते हैं।
गुड़गांव से ही वे प्रधानमंत्री से मन की बात में जुड़े थे। स्नेहलता चौधरी 17 सितंबर 2022 को सड़क हादसे में घायल हो गई थीं, उनका निधन एक अक्टूबर को रिम्स में हो गया था।
स्नेहलता सरायकेला के पूर्व उपायुक्त रविंद्र अग्रवाल की बहन थी। स्व. स्नेहलता चौधरी के देवर मनोज कुमार चौधरी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम को सुन रहे थे। जैसे ही उनकी भाभी स्व. स्नेहलता चौैधरी का नाम प्रधानमंत्री ने आदरपूर्वक लिया और प्रशंसा की। उनका मन भर आया।