Punai Oraon Killed: कल जीदन गुड़िया, आज पुनई उरांव मारा गया; 2 दिनों में PLFI के 2 टॉप कमांडर ढेर
Punai Oraon Killed उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ का रिजनल कमांडर 15 लाख रुपये के इनामी जीदन गुड़िया को मुठभेड़ में मार गिराने के दूसरे ही दिन पुलिस ने इस उग्रवादी संगठन के दूसरे कुख्यात उग्रवादी दो लाख रुपये के इनामी पुनई उरांव को भी मार गिराया।
रांची, राज्य ब्यूरो। Punai Oraon Killed पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) के खिलाफ झारखंड पुलिस को लगातार सफलता हाथ लग रही है। उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ का रिजनल कमांडर 15 लाख रुपये के इनामी जीदन गुड़िया को मुठभेड़ में मार गिराने के दूसरे ही दिन पुलिस ने इस उग्रवादी संगठन के दूसरे कुख्यात उग्रवादी दो लाख रुपये के इनामी पुनई उरांव को भी मार गिराया। रांची-खूंटी सीमा पर लोधमा के पास मंगलवार को पुनई उरांव मारा गया।
पुनई उरांव के मारे जाने से रांची-खूंटी के व्यवसायी अब राहत की सांस लेंगे, क्योंकि पिछले एक साल के भीतर पुनई दस्ते ने व्यवसायियों, ठेकेदारों के नाक में दम कर रखा था। पुनई दस्ते के उग्रवादी इंटरनेट कॉल से रंगदारी मांगते थे और रंगदारी नहीं देने पर गोली चलाने से भी नहीं चुकते थे। पुनई दस्ते के उग्रवादी लेवी वसूलकर पुनई को देते थे, जिसके बदले में वह सहयोगियों को 20 से 30 प्रतिशत कमीशन देता था।
पुनई दिनेश गोप के लिए लेवी वसूलता था और बहुत कम समय में आतंक का दूसरा नाम बन गया था। पूर्व में गिरफ्तार दस्ते के सदस्यों से मिले इनपुट के आधार पर ही पुलिस पुनई उरांव की तलाश में जुटी थी। संभावित ठिकानों पर छापेमारी चल रही थी, इसी बीच उसके लोधमा में मिलने की सूचना पर पुलिस पहुंची तो पुनई दस्ते से मुठभेड़ हो गई, जिसमें वह मारा गया।
चार महीने में पकड़े जा चुके हैं दस्ते के डेढ़ दर्जन सदस्य
रांची व खूंटी की पुलिस ने चार महीने के भीतर पुनई दस्ते के डेढ़ दर्जन से अधिक सदस्यों को गिरफ्तार किया है। अक्टूबर महीने में रांची के कांके स्थित संग्रामपुर में रंगदारी नहीं देने पर एक व्यवसायी की हत्या करने आए पुनई दस्ते के तीन उग्रवादी पुलिस के हत्थे चढ़े थे। उनके पास से हथियार भी बरामद किए गए थे। इसी तरह नामकुम में अगस्त में रंगदारी वसूलने पहुंचे पुनई दस्ते के ही तीन अन्य उग्रवादी भी दबोचे गए थे। अक्टूबर में ही रांची पुलिस ने लेवी-रंगदारी वसूलने के मामले में इस दस्ते के दस उग्रवादियों को दबोचा था, जिससे पुनई के बारे में पुलिस को कई अहम जानकारियां हाथ लगी थी। पुनई के दस्ते में इटकी, नगड़ी, कर्रा आदि के युवक शामिल रहे हैं।
एक दिन पहले डीजीपी कर चुके हैं दस्ते के सफाया का ऐलान
15 लाख के इनामी उग्रवादी जीदन गुड़िया के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद ही डीजीपी एमवी राव ने यह ऐलान कर दिया था कि पीएलएफआइ संगठन वास्तव में उग्रवादी संगठन नहीं, आपराधिक संगठन है और इसका खात्मा होने तक पुलिस का अभियान जारी रहेगा। उन्होंने दो टूक कहा था कि या तो वे आत्मसमर्पण करें या फिर गोली खाने के लिए तैयार रहें। डीजीपी ने मुठभेड़ में शामिल जवानों-पदाधिकारियों का हौसला भी बढ़ाया था। लगातार दूसरे दिन मिली सफलता से पुलिस का हौसला बुलंद है।