रांची के मनातू में पीएलएफआइ उग्रवादियों का क्रशर पर हमला, फायरिंग में चार घायल
बीती रात हिंदूकुश क्रशर पर हथियारबंद उग्रवादियों ने धावा बोलकर आठ राउंड फायरिंग की और कई वाहनों में आग लगा दी।
रांची, जासं। राजधानी रांची के शहर से सटे इलाकों में भी पीएलएफआइ उग्रवादी पुलिस को चुनौती दे रहे हैं। इसकी बानगी बुधवार की देर रात कांके थाना क्षेत्र के मनातू गांव स्थित हिंदकुश कंस्ट्रक्शन कंपनी के क्रशर कैंप पर दिखी। रात के एक बजे नौ हथियारबंद उग्रवादियों ने जमकर उत्पात मचाया। दर्जनों राउंड फायङ्क्षरग की। इसके बाद वहां खड़ी एक जेसीबी और बाइक के फूंक डाला। इसके अलावा अन्य सामान भी जला डाले।
इतना ही नहीं कैंप में जो भी मजदूर या कर्मी दिखे उनके साथ मारपीट की गई। इसके बाद सभी उग्रवादी हथियार लहराते हुए वहां से निकल गए। जाते-जाते धमकी भी दी, कहा अपने मालिक से कह देना कि हमारी बातों को अनदेखा न करें। उनके जाने के बाद घटना की जानकारी वहां मौजूद कर्मियों ने जनरल मैनेजर को दी गई। मैनेजर संजय कौशिक ने ही पुलिस को सूचना दी। इसके बाद वहां पुलिस पहुंच गई।
उग्रवादियों की मारपीट से चार व्यक्ति घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कई को हाथ-पैर में चोट लगी है। जिनको स्थानीय अस्पताल में इलाज कराने के बाद छोड़ दिया गया है। कैंप के कर्मियों के मुताबिक रात के लगभग एक बजे सभी सोए हुए थे। उसी दौरान बाहर से शोर की आवाज सुनाई दी। बाहर निकलकर देखा कि नौ हथियारबंद अपराधी खड़े थे। वे कैंप में घुस-घुस कर कर्मियों को पीट रहे थे। बताते चलें कि एक वर्ष पूर्व इसी क्रशर में ग्रामीणों ने हमला किया था। पूरे परिसर को आग के हवाले कर दिया था। दर्जन भर पोकलेन और जेसीबी फूंक डाले थे।
10 अगस्त को पर्चा भेजा मांगे थे लेवी : हिंदकुश कंस्ट्रक्शन कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक संजय कौशिक के अनुसार बीते 10 अगस्त को एक व्यक्ति ग्राहक बन आया था। उसने एक थैला छोड़ा था, जिसमें लिफाफे में पीएलएफआइ लेटर था। पत्र में सहयोग राशि देने अन्यथा काम बंद करने को कहा गया था। सहयोग राशि दिए बिना काम करने पर सजाए मौत दी जाएगी। इसके बाद कंपनी ने रांची एसएसपी अनीश गुप्ता को अवगत कराया था। कांके थाने को भी आवेदन दिया गया था। लेकिन कोई सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई। इसके बाद घटना को अंजाम दिया गया।
रात से अधिकारी कर रहे कैंप : घटनास्थल पर रात के लगभग दो बजे पुलिस बल के साथ ग्रामीण एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। वहां पुलिस बलों की तैनाती कर दी गई है।
एसएसपी अनीश गुप्ता का कहना है कि यह काम पीएलएफआइ संगठन का है, या किसी अपराधियों की साजिश इसका पता लगाया जा रहा है।
इस चिट्ठी में मांग पूरी नहीं करने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी गई थी। घटनास्थल पर रात्रि लगभग दो बजे पुलिस बल के साथ ग्रामीण एसपी अजीत पीटर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। सुरक्षा के तौर पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पुलिस घटना की जांच कर रही है।
जनरल मैनेजर कौशिक ने बताया कि 10 अगस्त को पीएलएफआई की चिट्ठी मिलने के बाद थाना प्रभारी और अन्य अधिकारियों से मिल कर घटना से अवगत कराया गया था। चिट्ठी के बाबत बताया गया था कि पुलिस की छानबीन चल रही थी और इसी बीच यह घटना घट गई ।