नदी किनारे लगाए जाएंगे पौधे, निजी भूमि होने पर रैयत से किया जाएगा करार Ranchi News
Jharkhand. मानसून के दौरान नदियों के किनारे वन विभाग पौधे लगाएगा। इसमें वन भूमि और गैर मजरूआ जमीन को प्राथमिकता दी जाएगी। निजी जमीन होने पर रैयत से करार किया जाएगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। मानसून के दौरान नदियों के किनारे वृहद पैमाने पर पेड़ लगाने की वन विभाग की मुहिम में निजी भूमि का पेंच फंस रहा है। ऐसे में तय किया गया है कि नदियों के किनारे पौधरोपण अभियान में वन भूमि और गैर मजरूआ जमीन को ही प्राथमिकता दी जाएगी। लेकिन यदि बीच के किसी हिस्से में निजी भूमि पड़ती है तो वन विभाग बकायदा रैयत से करार कर उक्त जमीन को हासिल करने की कोशिश करेगा।
दरअसल, नदी किनारे पौधरोपण की वृहद योजना में कई स्थल ऐसे पाए गए हैं, जहां रैयत की जमीन बीच में पड़ रही है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास) विक्रम सिंह गौड़ के स्तर से नदियों के किनारे पौधरोपण को लेकर हुई विभाग स्तर की बैठक में नदियों के किनारे पडऩे वाली निजी भूमि को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। तय किया गया नदियों के किनारे में यदि निजी भूमि आ रही है तो विभागीय स्तर से भू-स्वामी से इस बाबत एकरारनामा किया जाएगा।
शर्त यह भी तय की गई कि 100 मीटर के किसी भू-भाग में अधिकतम 30 प्रतिशत ही निजी भूमि के स्थल को पौधरोपण के लिए स्वीकार किया जाएगा। इस क्रम में जमीन मालिक वन विभाग की योजना अवधि के लिए उक्त रैयती भूमि को पौधरोपण के लिए स्वेच्छा से सुपुर्द करने को तैयार हो और इसके लिए वन विभाग को एकरारनामा सह अनापत्ति प्रमाण पत्र उपलब्ध करा दे। वैसे भी मुख्यमंत्री जन वन योजना में निजी भूमि पर पौधरोपण को सरकार बढ़ावा दे रही है। नदी किनारे के पौधरोपण अभियान को भी मुख्यमंत्री जन वन योजना से जोड़ा जाएगा।
नदियों के किनारे 250 किमी में रोपे जाएंगे पौधे
नदियों को बचाने की मुहिम की कड़ी के अंतर्गत इस वर्ष नदियों के किनारे 250 किलोमीटर में पौधरोपण की तैयारी की गई है। चुनिंदा नदियों के उद्गम स्थल पर पौधे लगाने पर विशेष जोर होगा। मानसून के दौरान पौधे लगाए जाएंगे। गत वर्ष नदियों के किनारे जनभागीदारी से 135 किलोमीटर दूरी में पौधे लगाए गए थे।
अधिकतम 40 मीटर के दायरे में लगाए जाएंगे पौधे
नदियों के किनारे किसी भी एक तरफ अधिकतम 40 मीटर के दायरे में ही पौधरोपण किया जाएगा। चाहे वह वन भूमि हो, गैर मजरूआ हो या रैयती भूमि।
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