छह अति पिछड़े जिलों के विकास का खाका तैयार
राज्य ब्यूरो, रांची : राज्य के 19 आकांक्षी जिलों में से अति पिछड़े छह जिलों के विकास का खा
राज्य ब्यूरो, रांची : राज्य के 19 आकांक्षी जिलों में से अति पिछड़े छह जिलों के विकास का खाका तैयार कर लिया गया है। इनमें खूंटी, सिमडेगा, गुमला, पश्चिमी सिंहभूम, साहिबगंज तथा पाकुड़ शामिल हैं। गुरुवार को मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी की अध्यक्षता में हुई राज्य स्तरीय समिति की बैठक में इन जिलों में संचालित होनेवाली विकास योजनाओं की स्वीकृति मिली। संबंधित जिलों के उपायुक्तों ने इस संबंध में प्रस्ताव दिया था।
मुख्य सचिव ने बैठक में संबंधित उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे योजनाओं के चयन के दौरान सेवा से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता दें। स्थानीय लोगों का जीवन स्तर सुधरे और रोजमर्रा के जीवन में उन्हें सहुलियत हो, इसपर फोकस होना चाहिए।
इन छह जिलों के सर्वागीण विकास के लिए जिन योजनाओं की स्वीकृति दी गई उनमें स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, गरीबी उन्मूलन, सिंचाई, कृषि, रोजगार सृजन, कौशल विकास व आधारभूत संरचना आदि क्षेत्रों से संबंधित हैं। जिला मुख्यालय से सुदूर क्षेत्रों को जोड़ने के लिए पुल, पुलिया आदि योजनाओं को भी प्रमुखता दी गई है। स्थानीय उत्पाद आधारित कुटीर उद्योग, महिला स्वयंसेवी सहायता समूहों एवं सखी मंडलों के स्वावलंबन पर भी जोर दिया गया।
तीन वर्षो में इन जिलों के पिछड़ेपन को दूर कर इसे राष्ट्रीय पैमाने तक लाने का प्रयास किया जाएगा। इसके चालू वित्तीय वर्ष के बजट में प्रावधान किए गए हैं। छह जिलों में खूंटी, सिमडेगा, गुमला तथा पश्चिमी सिंहभूम उग्रवाद प्रभावित जिले हैं जिनके लिए केंद्र सरकार से प्रति वर्ष 28.57 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट उपलब्ध होगा। बैठक में उपायुक्तों को इन योजनाओं का प्रतिमाह समीक्षा करने का निर्देश दिया गया। वही, विकास आयुक्त प्रत्येक तीन माह पर इसकी समीक्षा करेंगे।
बैठक में विकास आयुक्त डीके तिवारी, योजना सह वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह के अलावा विभिन्न विभागों के सचिव व संबंधित जिलों के उपायुक्त उपस्थित थे।