Move to Jagran APP

तीन साल के सेवा संबंधी बांड पर पीजी डॉक्टरों ने जताई आपत्ति

रिम्स के पीजी डॉक्टर्स ने राज्य सरकार के तीन साल के सेवा बांड का विरोध किया है। इस नए सेवा बांड में कहा गया है कि पीजी की पढ़ाई पूरी करने के बाद राज्य सरकार के अधीन कम से कम तीन साल तक सेवा प्रदान करनी होगी। ऐसा न करने पर तीस लाख का जुर्माना होगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Apr 2018 07:48 AM (IST)Updated: Mon, 30 Apr 2018 07:48 AM (IST)
तीन साल के सेवा संबंधी बांड पर पीजी डॉक्टरों ने जताई आपत्ति

रांची : रिम्स के पीजी चिकित्सकों ने बांड संबंधी सरकार के संशोधित आदेश पर आपत्ति जताई है। जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने रविवार को रिम्स आडिटोरियम में राज्य के स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे से मिलकर अपना विरोध दर्ज किया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अजीत, ने प्रधान सचिव को बताया कि राज्य सरकार द्वारा पढ़ाई पूरी करने के बाद एक साल सेवा देने संबंधी बांड नामांकन के समय ही ले लिया गया है । अभी यहां पीजी के तीन बैच (2015, 2016 एवं 2017) के छात्र अध्ययनरत हैं। इनमें 2015 बैच के नामांकन के समय कोई बांड नहीं हुआ था। प्रावधान के अनुसार कोर्स अवधि के बीच में बांड में बदलाव नहीं किया जाना चाहिए। नए संशोधन से संबंधी पत्र 24 अप्रैल 2018 को जारी हुआ है। इससे भ्रम की स्थिति बन गई है। उन्होंने आग्रह किया है कि पूर्ववर्ती छात्रों पर पहले किए गए बांड को ही लागू रखा जाए।

loksabha election banner

इससे संबंधी एक ज्ञापन प्रधान सचिव को सौंपा है। मौके पर डॉ. नवदीप, डॉ. रवींदर, डॉ. जालंधर, डॉ. संतोष आदि उपस्थित थे।

प्रधान सचिव ने उन्हें इस संबंध में जानकारी लेकर पहल करने का आश्वासन दिया है।

ज्ञात हो कि स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण विभाग ने कहा है कि चिकित्सा महाविद्यालयों में पीजी एवं यूजी में शत प्रतिशत नामांकित सीटों को बरकरार रखने, नामांकन नहीं लेने या बीच सत्र में महाविद्यालय छोड़ने पर आर्थिक दंड अधिरोपित करने संबंधी संकल्प में संशोधन किया गया है।

पीजी पाठ्यक्रम (मेडिकल, एमडीएस) में उत्तीर्ण होने के बाद तीन वर्षो की आवश्यक सेवा राज्य सरकार के अधीन करने की बाध्यता होगी। छात्रों से बांड लिया जाएगा कि तीन वर्षो तक सेवा नहीं देने पर उनसे 30 लाख रुपये की वसूली की जाएगी। साथ ही इस अवधि में प्राप्त छात्रवृत्ति एवं अन्य भत्तों की राशि एकमुश्त वापस करनी होगी। यह बांड नामांकन के समय ही छात्रों से ले लिया जाएगा। वर्तमान में जो नामांकित हैं, उनसे संबंधित चिकित्सा महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा बांड लिया जाना सुनिश्चित किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.