Chandrayaan 2 Landing: रांची में देर रात तक उत्साह का माहौल, टीवी से चिपके रहे लोग
Chandrayaan 2 Live. राजधानी रांची के लोगों ने चंद्रयान-2 की लैंडिंग टीवी पर देखने के लिए उत्साहित रहे। लोग ऑफिस औैर काम से आने के बाद अपने टीवी से चिपके रहे।
रांची, जासं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से चंद्रयान-2 की लैंडिंग के ऐतिहासिक क्षण का लाइव टेलिकास्ट देखने को कहा था। रांची वासियों में इसको लेकर शुक्रवार सुबह से लेकर देर रात तक उत्साह का माहौल था। लोग खासे उत्साहित रहे। देर रात को लोग टीवी पर इसरो से मिले एक-एक मिनट का अपडेट देखते रहे। कई लोगों ने अपने घरों में इसके लिए खास इंतजाम भी कर रखा था। लोग ऑफिस औैर काम से आने के बाद अपने टीवी से चिपके रहे।
रांची के लोग इस बात से रोमांचित थे कि भारत चांद पर अपना उपग्रह पहुंचाने वाला चौथा देश बनने जा रहा है। युवाओं में इसको लेकर खास उत्साह था। कई हॉस्टलों में छात्रों ने लैंडिंग को सेलिब्रेट करने के लिए केक का भी इंतजाम कर रखा था। यह उन छात्रों के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण रही, जिनकी दिलचस्पी स्पेस विज्ञान में हैं।
लोगों के लिए ये वक्त चंद्रमा और चंद्रयान-2 के बारे में जानने-समझने के लिए काफी महत्वपूर्ण है। विज्ञान से जुड़े रांची के कई लोग रातभर जागे। रांची विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. अमर कुमार चौधरी ने कहा कि अंतरिक्ष में भारत का पहला मिशन बैलगाड़ी से चला था। देश के लोगों के लिए यह एक सपना पूरा होने जैसा है।
'यह बहुत गर्व का क्षण है। चंद्रयान-2 की लैंडिंग का इंतजार हमलोगों को काफी दिनों से थी। लाइव टेलिकास्ट देखने के लिए खास इंतजाम कर रखा है।' -विजय
'हम सभी आज इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बन गए हैं। हमलोग रात में जागकर लाइव टेलिकास्ट देख रहे हैं। यह काफी रोमांच से भरा पल है।' -विशाल
'रांची के लोगों में चंद्रयान-2 को लेकर काफी उत्साह है। पूरी दुनिया की नजरें हमारे देश पर है। मेरे घर में सभी लोग रात 9 बजे से ही टीवी देख रहे हैं।' -कोयना गुप्ता
'टीवी पर चंद्रयान-2 की लैंडिंग को लाइव देखने के लिए खास इंतजाम किया है। पूरे हॉस्टल की लड़कियां एक जगह बैठकर टीवी पर लाइव प्रसारण देख रहीं हैं।' -अर्चि आर्या
रोवर की सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला चौथा देश बन भारत
डॉ. राजकुमार सिंह पीजी भौतिकी विभाग के प्राध्यापक हैं। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 का मॉड्यूल विक्रम चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए तैयार है। इससे पहले रूस, अमेरिका और चीन अपने रोवर चंद्रमा तक पहुंचा चुका है। जबकि, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अपना लैंडर उतारने वाले भारत पहला देश होगा।
चंद्रमा की बनावट को समझने में मदद मिलेगी
नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय के कुलपति व फिजिक्स के प्रोफेसर डॉ. एसएन सिंह ने कहा कि इस ऐतिहासिक मिशन से चंद्रमा की बनावट को समझने में सहायता मिलेगी। दूरदर्शन के साथ दूसरे चैनलों ने भी चंद्रमा पर उतरने की घटना का सीधा प्रसारण दिखाने की व्यवस्था की है।
चंद्रयान-2 से कई अहम सवालों का समाधान होगा
पर्यावरणविद और भूगर्भशास्त्र के प्राध्यापक नीतीश प्रियदर्शी ने कहा कि चंद्रयान-2 से कई अहम सवालों का समाधान होगा। यह भारत के लिए राष्ट्रीय गौरव की बात है। चंद्रमा पर पानी है यह बात तो हमें पता है, लेकिन इस मिशन से वहां पर पानी के स्रोत का पता लगाने और भविष्य के मिशन के लिए उसके इस्तेमाल की संभावना को समझने में मदद मिलेगी।