आठ विभागों ने 5128.59 करोड़ रुपये का नहीं दिया हिसाब
आठ विभागों के पास कुल बकाये का 83.10 फीसद हिस्सा बकाया है। राशि की बात करें तो इन विभागों ने 5128.59 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं दिया है। सर्वाधिक 1720.99 करोड़ रुपये का हिसाब ग्रामीण विकास विभाग ने नहीं दिया है।
राज्य ब्यूरो, रांची : राज्य सरकार के विभिन्न विभाग विभिन्न योजनाओं में मिली राशि खर्च तो करते हैं लेकिन समय पर उसका हिसाब नहीं देते है। अक्सर इसे लेकर महालेखाकार की आपत्तियों का सामना राज्य सरकार को करना पड़ता है। स्थिति यह है कि बार-बार निर्देश के बावजूद विभिन्न वित्तीय वर्षो में खर्च हुए 6171.26 करोड़ रुपये का हिसाब विभागों ने नहीं दिया है। इनमें से आठ विभागों के पास कुल बकाये का 83.10 फीसद हिस्सा बकाया है। राशि की बात करें तो इन विभागों ने 5128.59 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं दिया है। सर्वाधिक 1720.99 करोड़ रुपये का हिसाब ग्रामीण विकास विभाग ने नहीं दिया है। इस मामले में दूसरे स्थान पर कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग है।
योजना सह वित्त विभाग ने इसे स्वस्थ वित्तीय परंपरा के विरुद्ध बताते हुए इन विभागों को लंबित राशि का शीघ्र समायोजन कराने का निर्देश दिया है, ताकि महालेखाकार की बार-बार की आपत्तियों का सामना नहीं करना पड़े। योजना सह वित्त विभाग की सचिव हिमानी पांडेय ने इन आठ विभागों के सचिवों को पत्र लिखकर इस ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए शीघ्र सभी लंबित राशि का समायोजन कराने को कहा है। बहरहाल वित्त विभाग के आदेश के बाद संबंधित विभागों ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को संबंधित राशि का हिसाब देने को कहा है।
-------------
किस विभाग ने कितनी राशि का नहीं दिया हिसाब
ग्रामीण विकास विभाग : 1720.99 करोड़
कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता : 1087.14 करोड़
महिला एवं बाल विकास विभाग : 536.37 करोड़
स्वास्थ्य विभाग : 519.72 करोड़
गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग : 408.95 करोड़
अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक कल्याण : 324.20 करोड़
पर्यटन एवं कला संस्कृति विभाग : 243.68 करोड़।
--------