सीटीवीएस विभाग में स्टाफ की कमी के कारण मरीजों का टल रहा ऑपरेशन
रिटायर होने वाली नर्सो के सहारे ही रिम्स का सीटीवीएस विभाग चल रहा। नर्स की कमी के कारण ऑपरेशन टल जा रहा है।
जागरण संवाददाता, रांची : रिटायर होने वाली नर्सो के सहारे ही रिम्स का सीटीवीएस विभाग चल रहा है। लगातार तीन सर्जरी करने के बाद नर्से छुट्टी लेकर घर चली जाती हैं। इस विभाग में हार्ट लंग्स मशीन आने के बाद एक महीने में 13 सर्जरी की जा चुकी है, लेकिन विभाग की व्यवस्था और स्टाफ की कमी के कारण मरीजों की सर्जरी टालने की नौबत आ रही है। ये बातें सीटीवीएस विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अंशुल ने कही। उन्होंने कहा कि ओपन हार्ट सर्जरी, लंग सर्जरी समेत अन्य तरह की सर्जरी के लिए कम से कम विभाग में 30 नर्सिग स्टाफ की जरूरत है।
26 सृजित पद होने के बावजूद वर्तमान में विभाग में महज दो सीनियर नर्से ही है। आने वाले एक दो सालों में वे भी रिटायर होने वाले हैं। इसके अलावा अन्य दो नर्से हैं जिसमें एक अनुबंध पर है और दूसरी नर्सिग की छात्रा है। सीनियर नर्स सिर्फ इंचार्ज बनकर ही रह जाती है और सारा काम सिर्फ दो नर्सो के हाथों रहता है। ऐसे में इस सप्ताह लगातार तीन सर्जरी करने के बाद दो नर्से व एक टेक्निशियन छुट्टी पर चले गए हैं। स्टाफ की कमी के कारण शुक्रवार को होने वाला ओपन हार्ट सर्जरी को टाल दिया गया।
पूरे फ्लोर को संभालती है एक ही नर्स रिम्स के सुपर स्पेशियलिटी कार्डियोलॉजी बिल्डिंग में चार फ्लोर है। सभी में अलग-अलग विभाग हैं। दूसरे तल्ले में कार्डियोलॉजी और सीटीवीएस दोनों का वार्ड है। जहां रोजाना करीब 60-70 मरीज भर्ती रहते हैं। न सिर्फ पूरे वार्ड में बल्कि पूरे फ्लोर में रात के समय एक ही नर्स रहती है। कई बार रात में मरीजों को परेशानी होती है। इसके बाद भी रिम्स प्रबंधन उदासीन बना हुआ है। इसके अलावा इसी भवन में पीडियाट्रिक सर्जरी वार्ड, यूरोलॉजी समेत कई विभाग है। सभी का हाल यहीं है।
सीटीवीएस विभाग के लिए सृजित पद पद - कितने होने चाहिए - कितने है एडिशनल प्रोफेसर - 1 - 1 असिस्टेंट प्रोफेसर (कार्डियक एनेस्थिेसिया) - 3 - 2 असिस्टेंट प्रोफेसर (इंटेंसिव केयर) - 3 - 0 सीनियर रेजिडेंट - 3 - 0 सीनियर रेजिडेंट (कार्डियक एनेस्थिेसिया) - 3 - 2 फिजियोथेरेपिस्ट - 2 - 0 एएनएस (असिस्टेंट नर्सिग स्टाफ) - 1 - 0 स्टाफ नर्स - 25 - 4 वेंटिलेटर टेक्नीशियन - 3 - 0 परफ्यूजनिस्ट - 3 - 1 ओटी टेक्नीशियन - 4 - 1 ओटी असिस्टेंट - 4 - 0 एलडीसी - 1 - 0 ईसीजी टेक्नीशियन - 2 - 0 -------
रिम्स में पहली बार माइटल वाल्व रिप्लेसमेंट कर बचाई गई जान
रिम्स के सीटीवीएस विभाग में गुरुवार देर रात पहली बार विश्रामपुर की 35 वर्षीय मरीज गुड्डी देवी का माइटल वाल्व रिप्लेसमेंट किया गया। डॉ. अंशुल ने बताया कि मरीज को सांस लेने में परेशानी हो रही थी। रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग में डॉ. प्रशांत से दिखाने के बाद सीटीवीएस विभाग में रेफर किया गया। जांच के बाद उसकी बीमारी का कारण पता चला।
डॉ. अंशुल की टीम, डॉ. शिव प्रिय, डॉ. अमित, डॉ. नितेश समेत अन्य ने मिलकर मरीज के माइटल वाल्व का प्रत्यारोपण किया। इसके बाद मरीज की स्थिति बिल्कुल ठीक है। इससे पहले रिम्स में यह सर्जरी भाड़े के उपकरण और बाहरी डॉक्टर के सहयोग से किया गया था। इस बार खुद के उपकरण के साथ पहली बार सर्जरी की गई।