हाथ में आयुष्मान कार्ड फिर भी खरीद रहे हजारों की दवा, क्यों लोगों को नहीं मिल रही नि:शुल्क इलाज की सेवा?
आयुष्मान कार्ड योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को इलाज में पांच लाख रुपये तक का सहयोग मिलता है। हालांकि जमीनी हकीकत कुछ और ही है। हाथ में कार्ड होने के बावजूद मरीजों के परिजनों को सर्जरी से पहले हजारों रुपये की दवा खरीदनी पड़ रही है। कई निजी और सरकारी अस्पताल योजना के तहत अभी तक बकाया राशि का भुगतान नहीं कर सके हैं।
अनुज तिवारी, रांची। Ayushman Yojna : आयुष्मान योजना के तहत इसके लाभुकों को इलाज में पांच लाख रुपये तक का सहयोग मिलता है। जिनके पास आयुष्मान योजना का कार्ड है वे किसी भी अस्पताल में पैकेज के अनुसार नि:शुल्क इलाज करवा सकते हैं। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
लाभुकों को नहीं मिल रही नि:शुल्क सेवा
सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के पास कार्ड पड़ा है और बाहर से हजारों रुपये देकर दवा खरीद रहे हैं। दूसरी ओर निजी अस्पतालों में भी बकाया का बताकर एक लाख के अंदर का इलाज किया जा रहा है।
इलाज में अधिक का बजट आने पर मरीजों को खुद से पैसे की व्यवस्था कर इलाज करने को कहा जा रहा है। निजी अस्पताल संचालक करोड़ों रुपये का भुगतान नहीं होने का रोना रो रहे हैं, तो सरकारी अस्पताल में ऐसे लाभुकों को पूछने वाला कोई नहीं है। ऐसा नहीं कि लाभ बिल्कुल नहीं मिल रहा है लेकिन पूरी तरह नि:शुल्क सेवा नहीं मिल रही है।
रिम्स का आयुष्मान योजना के तहत करीब 10 करोड़ बकाया
आयुष्मान योजना रिम्स के नोडल अधिकारी डा. राकेश रंजन बताते हैं कि मरीजों को आयुष्मान योजना का लाभ दिया जाता है, लेकिन कई स्तर में कमियां रह जाती है, जिन्हें चिह्नित कर ठीक किया भी जा रहा है। जो भी शिकायतें आती हैं उस पर तुरंत राहत देने का काम शुरू होता है।आयुष्मान मित्रों को सजग किया जाएगा ताकि हर एक लाभुक को लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि अभी रिम्स का आयुष्मान योजना के तहत करीब 10 करोड़ रुपये बकाया है, फिर भी इस योजना से मरीजों को लाभ देना बंद नहीं किया गया है। मालूम हो कि निजी अस्पतालों में इस योजना के तहत कई इलाज प्रभावित हैं, क्योंकि उनके बकाये का भुगतान नहीं हो पाया है।
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