पत्थलगड़ी को हवा दे रहे माओवादी, पुलिस कैंप हटाने की बना रहे रणनीति
पत्थलगड़ी समर्थकों की कोचाग-कुरूंगा समेत दूसरे गांवों में रात में हो रही बैठक।
रांची : पत्थलगड़ी को जिंदा रखने की कवायद कोचाग-कुरूंगा में जोर-शोर से चल रही है। जानकारी के अनुसार स्वयंभू नेता यूसुफ पूर्ति और उनके गुर्गे रात में ग्रामीणों के साथ कोचाग-कुरूंगा और आसपास के गावों में बैठक कर आगे की रणनीति अख्तियार कर रहे हैं।
शनिवार और रविवार को भी कुरूंगा और कोचाग में यूसुफ पूर्ति के गुर्गो ने ग्रामीणों के साथ बैठक की थी। बैठक में मुख्य रूप से उस क्षेत्र में पुलिस कैंप को हटाने पर चर्चा हुई। सभी ग्रामीणों को स्पष्ट रूप से कहा गया कि कैंप में रहने वाले पुलिस वालों की किसी भी तरह से मदद नहीं करनी है। ग्रामीणों को भी पुलिस से बात करने से भी मना कर दिया गया है।
उन्हें कहा गया कि पुलिस यदि गाव में आए तो उसके पास नहीं जाना है। देखकर भाग जाना है। ऐसा अंदाजा लगाया जा सकता है कि पत्थलगड़ी समर्थक और माओवादी मिलकर उस क्षेत्र में बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं। इनलोगों की बैठक हर दिन अलग-अलग स्थानों पर होती है। कभी जोंबरो, जमीदा, कुदाडीह, चिंगडीदा, लोयादा में होती है।
यह सभी इलाका पश्चिमी सिंहभूम में पड़ता है। उसी क्षेत्र में स्वयंभू नेता यूसुफ पूर्ति भी शरण लिए हुए है। इसके अलावा अड़की थाना क्षेत्र के कोचाग, कुरूंगा, बनामगड़ा के आसपास के गांवों में भी बैठक हो रही है।
जब से पत्थलगड़ी नेता जॉन जुनास तिडू और बलराम समद की गिरफ्तारी हुई है, तब से पुलिस का ऑपरेशन धीमा पड़ गया है। उस क्षेत्र में कैंप होने के बाद भी यूसुफ पूर्ति के गुर्गो की गिरफ्तारी नहीं हो पा रही है। जिस सुखराम मुंडा, शातिमय हेमरोम को पुलिस ढूंढ रही थी वर्तमान में उन्हें देखकर भी नहीं पकड़ रही है।