Jharkhand News: घर में माता-पिता का पड़ा था शव, पुत्र कर रहा था फोन, पड़ोसी पहुंचे तो खुला राज
Ramgarh News झारखंड के रामगढ़ जिले के भुरकुंडा में बिजली करंट से पति-पत्नी की मौत हो गई है। घर पर कोई नहीं था। पुत्र ने जब पड़ोसियों को फोन किया तो पता चला कि दोनों की मौत हो गई है। पुलिस शव उठाकर ले गई है।
रामगढ़, जागरण संवाददाता। झारखंड के रामगढ़ जिले के भुरकुंडा ओपी क्षेत्र अंतर्गत रिवर साइड निवासी व सीसीएल कर्मचारी अजीत कुमार सिंह व उनकी पत्नी अनिता देवी की मौत रविवार को बिजली के करंट की चपेट में आने से हो गई। सीसीएल कर्मचारी अजीत सिंह पिपरवार परियोजना में कार्यरत थे। दोनों यहां अकेले रहते थे। इनके पुत्र और पुत्री बाहर रहकर नौकरी करते हैं।
पति को बचाने के क्रम में पत्नी जद में आई
जानकारी के अनुसार, रविवार की सुबह उनके पुत्र ने घर पर फोन किया था। लेकिन माता या पिता ने काफी देर तक फोन नहीं उठाया। इसके बाद पुत्र ने अपने पड़ोसी को फोन किया। जब लोग घर पहुंचे तो घर के अहाते का दरवाजा अंदर से बंद था। चारदीवारी फांद कर अंदर जाने पर आंगन में पति-पत्नी को मृत पाए गए। अजीत सिंह के सीने व अनिता के हाथ में कपड़ा सुखाने के लिए आंगन में बंधा तार चिपका हुआ था। कयास लगाया जा रहा है कि हर दिन की तरह अजीत सुबह ड्यूटी के लिए तैयार हो रहे थे। जबकि पत्नी किचन में खाना बना रही थी। इसी दौरान तार की चपेट में पहले अजीत सिंह आ गए होंगे। उनके शोर मचाने पर बाहर निकली पत्नी भी उन्हें बचाने के क्रम में हादसे का शिकार हो गई होंगी।
शव को ले गई पुलिस, स्वजन की प्रतीक्षा
सूचना के बाद मौके पर पहुंची भुरकुंडा ओपी पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रामगढ़ सदर अस्पताल भेज दिया है। इधर, मृतक के पुत्र और पुत्री को घटना की जानकारी दे दी गई थी। खबर लिखे जाने तक मौके पर फिलहाल कोई भी स्वजन अभी तक नहीं पहुंचा था।
झारखंड में चंद रोज में कई लोगों की मौत
मालूम हो कि इस कुछ दिनों के भीतर बिजली का करंट लगने से झारखंड के कई जिलों में लोगों की मौत हो गई है। राजधानी रांची में तीन चार घटनाएं तो इस वजह से हुई क्योंकि बिजली के तार झूल रहे थे और लोग इसकी चपेट में आ गए। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता ने तो इसे बिजली विभाग के अफसरों की लापरवाही बताते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र भी लिखा है। इस पत्र में कांग्रेस नेता ने बिजली विभाग पर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग तक की है। लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई है।