Palamu News: करोड़ों खर्च होने के बाद भी जहरीला पानी पाने को मजबूर ग्रामीण
Palamu News पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर प्रखंड के फ्लोराईड प्रभावित चुकरू गांव समेत नेवाटीकर व बखारी गांव के लोगों को अब भी शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा। तीन करोड़ रुपया खर्च होने के बावजूद पेयजलापूर्ति योजना अब तक नियमित रूप से धरातल पर नहीं उतर रही है
रांची, जासं: पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर प्रखंड के फ्लोराईड प्रभावित चुकरू गांव समेत नेवाटीकर व बखारी गांव के लोगों को अब भी शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा। तीन करोड़ रुपया खर्च होने के बावजूद पेयजलापूर्ति योजना अब तक नियमित रूप से धरातल पर नहीं उतर रही है। इस कारण यह योजना ग्रामीणों के लिए अनुपयोगी साबित हो रही है।
इस कारण चुकरू व आसपास के ग्रामीण फ्लोराइड युक्त पानी पीने को विवश हैं। 17 फरवरी 2021 से पेयजल आपूर्ति पूरी तरह बंद है। विभागीय सूत्रों के अनुसार चुकरू में कोयल नदी तट पर बना पंप हाउस में बालू भर गया है। इस कारण पेयजलापूर्ति ठप है। अभी तक पंप हाउस से बालू नहीं निकाला गया है ।
अधिक फ्लोराइडयुक्त पानी पीने के कारण 5 वर्षों में आधा दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है। चुकरू गांव में फ्लोराइड से निपटने के लिए पेयजल स्वच्छता विभाग ने एंटी फ्लोराइड फिलटर का इस्तेमाल किया। इससे ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मिलने लगा था। करीब 6 माह से एंटी फ्लोराइड फिल्टर मशीन भी खराब पड़ी है। अधिक फ्लोराइड युक्त पानी पीने से लोग दिव्यांग हो रहे हैं। उनके शरीर अकड़ जाते हैं। 15 से 20 वर्षों के अंदर उनकी मौत हो जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि अधिक फ्लोराइड युक्त पानी पीने से मुक्ति मिलती तो हम लोगों की आयु बढ़ जाएगी।
पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर स्थित मेदिनी राय मेडिकल कालेज के डा. रोहित पांडेय कहते हैं कि पेयजल में फ्लोराइड की अत्याधिक मात्रा मानव शरीर के लिए बेहद खतरनाक है। दांत खराब करता है। हड्डी को कमजोर करता है। साथ ही इससे बोन कैंसर होने की संभावना बनी रहती है। भूमिगत एक लीटर पानी में फ्लोराइड की मात्रा 0.2 से 0.5 तक होना चाहिए। मापदंड से ज्यादा फ्लोराइड रहने की स्थिति में फ्लोराइड मानव शरीर के लिए घातक बनने लगता है।