Move to Jagran APP

गुमला जेल में शराब, चिकन और खाने-पीने के सामान के साथ डेढ़ लाख रुपये कैसे पहुंचे, संलिप्तता उजागर

Jharkhand News गुमला जेल (Gumla Gail) में कुख्यात गैंगस्टर सुजीत सिन्हा (Gangster Sujit Sinha) एवं अन्य अपराधियों (Criminals) द्वारा पार्टी (Party) मनाने के वायरल वीडियो (Viral Video) मामले में एसडीओ रवि आनंद (SDO Ravi Anand) और डीएसपी प्राण रंजन कुमार (DSP Pran Ranjan Kumar) ने रिपोर्ट उपायुक्त को सौंपी।

By Sanjay KumarEdited By: Published: Thu, 13 Jan 2022 08:19 AM (IST)Updated: Thu, 13 Jan 2022 08:19 AM (IST)
गुमला जेल में शराब, चिकन और खाने-पीने के सामान के साथ डेढ़ लाख रुपये कैसे पहुंचे

गुमला, (संतोष कुमार)। Jharkhand News : गुमला जेल (Gumla Gail) में कुख्यात गैंगस्टर सुजीत सिन्हा (Gangster Sujit Sinha) एवं अन्य अपराधियों (Criminals) द्वारा पार्टी (Party) मनाने के वायरल वीडियो (Viral Video) मामले में बीते मंगलवार को सदर एसडीओ रवि आनंद (SDO Ravi Anand) और मुख्यालय डीएसपी प्राण रंजन कुमार (DSP Pran Ranjan Kumar) ने जांच कर बुधवार को रिपोर्ट उपायुक्त को सौंप दी है। रिपोर्ट में जेल प्रबंधन (Jail Management) की संलिप्तता उजागार हुई है।

loksabha election banner

जेल में शराब, चिकन और खाने-पीने के सामान के साथ डेढ़ लाख रुपये भी पहुंचे

रिपोर्ट के अनुसार दिन के उजाले में ही पार्टी मनाई गई थी। जेल में शराब, चिकन और खाने-पीने के सामान के साथ डेढ़ लाख रुपये भी पहुंचे थे। जांच में डेढ़ लाख रुपये नहीं मिले। इस रुपये के संबंध में किसी के द्वारा कुछ भी नहीं बताया गया। सुजीत सिन्हा के साथ अन्य तीन लोग जो पार्टी मना रहे हैं उनमें से एक दीपक कुमार और दूसरा सूरज पंडित हैं। इन्हें दिसंबर माह में डाक्टर की हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। तीसरा व्यक्ति राजीव रंजन सिंह एनडीपीएस एक्ट में जेल में बंद है।

वायरल तस्वीर का मिलान जेल के अंदर मनाई गई पार्टी के स्थान

जांच रिपोर्ट में उल्लेख है कि वायरल तस्वीर का मिलान जेल के अंदर मनाई गई पार्टी के स्थान से की गई है। जेल में जिस स्थान पर पार्टी की गई है वहां दरवाजा का कुछ भाग, दीवार, बैठने का स्थान, दीवार पर लगी भगवान की तस्वीर वायरल फोटो जैसी ही है। इससे यह स्पष्ट है कि वायरल तस्वीर गुमला जेल की ही है।

जेल प्रबंधन की संलिप्तता

जांच रिपोर्ट में जेल अधीक्षक सुनील कुमार, प्रभारी जेलर कोलेश्वर राम पर संलिप्तता से इन्कार नहीं किया गया है। जेल प्रबंधक की सहमति के बगैर इतनी सारी सामग्री, रुपये नहीं लाए जा सकते हैैं। जेल में दिन के उजाले में पार्टी मनाना इतना आसान नहीं है। यह साक्ष्य जेल प्रबंधन की संलिप्तता को मजबूत करता है। जेल के बाहर से अधिक जेल के भीतर संतरी रहते हैं। वे जेल की हर गतिविधियों पर नजर रखते हैं।

बिना संलिप्तता के किसी प्रकार का समान अंदर जाने का प्रश्न नहीं

जेल के भीतर ले जाने वाले सामान की जांच तीन लेयर में होती है। जेल कैंपस के मुख्य गेट पर पहले तलाशी ली जाती है। इसके बाद जेल में प्रवेश करने से पूर्व डोर फिटेट मेटल डिटेक्टर से जांच की जाती है। इसके बाद जेल में प्रवेश का पहला द्वारा खोला जाता है। इसके बाद जांच की जाती है। इसके बाद दूसरा दरवाजा खोला जाता है। इसके बाद भी सुरक्षा बलों द्वारा जांच होती है। ऐसे में बिना संलिप्तता के किसी प्रकार का समान अंदर जाने का प्रश्न नहीं होता है।

पूर्व में मोबाइल और सिम की होती रही है बरामदगी

गुमला जेल में मोबाइल और सिम ले जाने की पूर्व में भी शिकायत मिलती रही है। साबुन में सिम और कंबल के बीच में मोबाइल डालकर जेल के भीतर भेजे जाने की बात चर्चा में सामने आती रही है। ये आरोप भी लगे हैं कि जेल से ही अपराधी काल कर लेवी वसूलने का काम करते थे। गुमला जेल में 2018 में छापामारी के दौरान मोबाइल , सिम और थोड़ी मात्रा में सिगरेट, गांजा बरामद हुआ था। उस दौरान तत्कालीन एसडीओ केके राजहंस ने जांच रिपोर्ट में जेल प्रबंधन पर शिथिलता बरतने का आरोप तय किया था, लेकिन इस मामले में किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।

मुलाकाती और खाने पीने का सामान अंदर ले जाने होती है वसूली गुमला जेल में तैनात संतरी और सुरक्षा कर्मियों द्वारा मुलाकाती से राशि वसूली जाती है। मुलाकाती की क्षमता का आकलन कर उससे पैसे लिए जाते हैं। खाने पीने का सामान अंदर तक पहुंचाने के लिए अतिरिक्त राशि देनी पड़ती है। मुलाकाती को अलग से अकेले में मिलने के लिए भी अलग से राशि निर्धारित है। यह राशि से 50 रुपये से शुरू होकर हजार तक पहुंचती है। मुलाकाती की हैसियत के अनुसार तय किया जाता है।

दबंग प्रवृत्ति वाले अपराधी जेल में करते हैं मनमानी

जेल के बाहर भले पुलिस का पहरा रहता है और आदेश निर्देश जेल सुप्रीटेंडेंट का चलता है। लेकिन जेल के भीतर दबंग प्रवृति वाले अपराधी का राज चलता है। जेल में चंद लोगों का गिरोह शासन करता है। जिन बंदियों का सामान बाहर से आता है उसमें उनका भी हिस्सा होता है।

गैंगस्टर के आने के बाद ही जेल में मनी पार्टी

गुमला जेल में गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के आने के बाद ही पार्टी मनी है। इससे पूर्व कभी पार्टी किए जाने की जानकारी नहीं है। गुमला जेल में पूर्व में कोई बड़ा गैंगेस्टर, माफिया या साधन संपन्न अपराधी नहीं रहा है। यही कारण है कि जेल में इस तरह की पार्टी नहीं मनी है।

गुमला जेल की घटना बहुत संवेदनशील

गुमला उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा बताते है कि गुमला जेल की घटना बहुत संवेदनशील है। जांच रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है। जल्द ही प्रमंडलीय आयुक्त और जेल आइजी को वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए कार्रवाई की अनुशंसा कर दी जाएगी। जेल प्रबंधन के मिलीभगत के बगैर इस तरह का पार्टी कर पाना असंभव है।

जेल प्रबंधन की झलक रही है संलिप्तता

गुमला मुख्यालय के पुलिस उपाधीक्षक प्राण रंजन कुमार का कहना है कि जांच रिपोर्ट उपलब्ध करा दी गई है। जांच में जेल प्रबंधन की संलिप्तता झलक रही है। जेल मैन्यूअल का उल्लंघन हुआ है।

उच्चस्तरीय जांच से मामला सही रूप से आएगा सामने

गुमला के जेल सुपरिटेंडेंट सुनील कुमार ने कहा कि इस मामले पर ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहूंगा। इसकी जांच चल रही है। उच्चस्तरीय जांच से मामला सही रूप से सामने आएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.