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Jharkhand Mining Scam: पलामू डीसी की सास की माइंस के लिए नदी का पेट चीर बनाया रास्ता, सरहज की फाइल पर ब्रेक

Jharkhand Mining Lease Scam Case पलामू डीसी की सास को पत्थर माइंस की लीज देने में जिस तरह जिला प्रशासन ने दरियादिली दिखाई है उसी तरह खनन में भी नियमों से परे जाकर मदद की जा रही है।

By Sanjay KumarEdited By: Published: Wed, 18 May 2022 12:33 PM (IST)Updated: Wed, 18 May 2022 12:34 PM (IST)
Jharkhand Mining Scam: पलामू डीसी की सास की माइंस के लिए नदी का पेट चीर बनाया रास्ता, सरहज की फाइल पर ब्रेक
Jharkhand Mining Lease Scam Case: पलामू डीसी की सास को पत्थर माइंस की लीज देने में प्रशासन ने दिखाई दरियादिली

मेदिनीनगर(पलामू), [मृत्युंजय पाठक]। Jharkhand Mining Lease Scam Case पलामू डीसी शशिरंजन की सास अंजना चौरसिया को पत्थर माइंस की लीज देने में जिस तरह जिला प्रशासन ने दरियादिली दिखाई है, उसी तरह खनन में भी नियमों से परे जाकर मदद की जा रही है। खनन कार्य में लगे भारी वाहनों की आवाजाही और पत्थरों के परिवहन के लिए नदी के गर्भ को नुकसान पहुंचाते हुए बीचों-बीच रास्ता बना दिया है। नदी के बीच से रास्ता निकालना पर्यावरण की शर्तों को खुलेआम चुनौती है। इससे नदी की धारा प्रभावित होना तय है।

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चिलबिलिया नदी के पेट को नुकसान

पलामू के ठेकेदार रणधीर पाठक को सामने कर उपायुक्त शशिरंजन ने अपनी सास अंजना चौरसिया के नाम पत्थर खदान का पट्टा हासिल किया है। यह पट्टा मौजा शाहपुर, थाना नौडीहा बाजार के थाना संख्या 380, खाता संख्या 72, प्लाट संख्या 295, 297, 299, 300, 302, 304 व 306 में रकबा 4.17 एकड़ पत्थर खनन की लीज चार वर्ष 11 माह के लिए दी गयी है। 21 फरवरी 2022 को झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा खनन की एनओसी मिलने के बाद युद्धस्तर पर पत्थरों का खनन चल रहा है। शाहपुर मौजा में खनन स्थल पर पहुंचने के लिए और पत्थरों के परिवहन के लिए नियमों को ताक पर रखकर नदी के बीच से ही रास्ता बना दिया गया है। नदी में मिट्टी-पत्थर डालकर 30 फीट चौड़ा और 3 फीट ऊंचा रास्ता बना दिया गया है। इस रास्ते से होकर भारी वाहनों को आना-जाना हो रहा है।

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने घर में चल रहा साइट आफिस

झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश द्वारा पलामू के डीसी द्वारा सास और सरहज के नाम पर पत्थर खदान की लीज लेने के मामले के खुलासे के बाद शाहपुर में पत्थर खनन की गति थोड़ी धीमी हो गई। दिन में यहां खनन कार्य नहीं हो रहा है। रात में खनन हो रहा है। खनन कार्य में लगे भारी मशीनों को दिन में हटा दिया जा रहा है। थोड़ी दूर पर जय मां विंध्यवासिनी स्टोन ( रणधीर पाठक और अंजना चौरसिया की साझेदार फर्म) के साइट आफिस के पास रखा जा रहा है। सबसे बड़ी बात है कि आफिस एक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने घर में खोला गया है। यह भी जांच का विषय है।

सरहज की लीज प्रक्रिया पर ब्रेक

पलामू के डीसी ने सास और सरहज के नाम पर पत्थर खदान का पट्टा हासिल किया है। उसका खुलासा होने के बाद जिला मुख्यालय से लेकर राजधानी रांची तक के अधिकारी सहम गए हैं। रणधीर पाठक के साथ साझेदारी में डीसी की सास के नाम माइंस लीज जारी होने के बाद खनन जारी है। लेकिन सरहज का मामला लटक गया है। रणधीर पाठक के पिता वैद्यनाथ पाठक ने डीसी की सरहज स्नेहा के साथ साझेदारी में मेसर्स प्राइम स्टोन की तरफ से आवेदन दिया गया था। अब मामले का खुलासा होने के लीज देने की प्रक्रिया पर ब्रेक लग गई है।

बचाव में उतरे रणधीर के पिता

पलामू डीसी की सास के साथ साझेदारी में पत्थर खदान का पट्टा लेने वाले रणधीर पाठक के पिता बैद्यनाथ पाठक ने पूरे मामले का बचाव किया है। उन्होंने कहा है कि नियमानुसार ही लीज ली गई है। शाहपुर में पत्थर खदान से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। रणधीर इस धंधे में नए हैं। इसलिए पत्थर माफियाओं की आंख की किरकिरी बन गए हैं। वे साजिश रच रहे हैं।

छतरपुर क्षेत्र में खनिज संपदा की लूट मची है: विधायक

छतरपुर विधायक पुष्पा देवी ने कहा कि शाहपुर के साथ ही पूरे छतरपुर क्षेत्र में खनिज संपदा की लूट मची है। इसमें पूरा ऊपर से नीचे तक का पूरा सिस्टम शामिल है। माफिया और अधिकारियों का गठजोड़ है। नियमों से परे खनन के कारण पर्यावरण का नुकसान हो रहा है। आज छतरपुर की स्थिति रहने लायक नहीं है। इस मामले में दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। मामले को विधानसभा में उठाऊंगी।


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