झारखंड के पद्मश्री मुकुंद नायक को राष्ट्रपति ने दिया संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार
Sangeet Natak Akademi Awards 2017. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में यह सम्मान दिया।
रांची, जासं। पद्मश्री मुकुंद नायक को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार 2017 से सम्मानित किया गया है। बुधवार को राष्ट्रपति भवन के दरबार हाॅल में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नायक को यह पुरस्कार दिया। उन्हें यह पुरस्कार लोक संगीत श्रेणी में प्राप्त हुआ है। मुकुंद अफ्रीका के सेनेगल की राजधानी डकार में आयोजित तिरंगा महोत्सव में झारखंड के प्रतिनिधित्व कर मंगलवार को ही दिल्ली पहुंचे थे। उनकी टीम में शामिल 12 सदस्यों ने एक से तीन फरवरी तक चले महोत्सव में एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी। मुकुंद नायक 9 फरवरी को रांची आएंगे।
मुकुंद नायक ने यह सम्मान झारखंड के लोक संगीत के संवर्द्धन एवं संरक्षण में अहम भूमिका अदा करने वाले यहां के कलाकारों को समर्पित किया है। राष्ट्रपति के हाथों ताम्रपत्र ग्रहण करने के बाद दूरभाष पर बातचीत करते हुए मुकुंद नायक ने कहा कि अवार्ड पाने के बाद उनकी जवाबदेही और भी बढ़ गई है। इस अवार्ड से निश्चित तौर पर झारखंड की परंपरा, संस्कृति, लोक संगीत, नृत्य आदि को प्रोत्साहन मिला है। यहां के कलाकारों को उचित मंच पर लाने और छिपी हुई प्रतिभा को ढूंढ निकालने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस कार्य में सरकार समेत समाज के हर तबके को आगे आना होगा।
अफ्रीका के सेनेगल में झारखंड का परचम लहराकर लौटी मुकुंद की टीम
मुकुंद नायक पश्चिमी अफ्रीकी देश सेनेगल की राजधानी डकार में आयोजित तीन दिवसीय तिरंगा महोत्सव में झारखंड का परचम लहराकर मंगलवार को दिल्ली लौटे थे। मुकुंद अपनी टीम के साथ नौ फरवरी को रांची लौटेंगे। एक से तीन फरवरी तक चले तिरंगा महोत्सव में अलग-अलग प्रदेशों की तीन टीमों ने देश का प्रतिनिधित्व किया।
मुकुंद नायक के नेतृत्व वाली 12 सदस्यीय टीम ने महोत्सव में गीत-संगीत के जरिए स्वतंत्रता संग्राम में झारखंड के वीरों की गाथा, यहां की सांस्कृतिक विरासत और परंपरा की झलक पेश की। मुकुंद नायक के अनुसार महोत्सव के पहले दिन झारखंड की टीम नागपुरी गीत (मर्दानी झूमर) '15 अगस्त आए, भारत आजादी पाए, आजादी ले जन-जन हर्षाए, आकाशे तिरंगा लहराए' पेश किया। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय फलक पर विख्यात भगवान बिरसा मुंडा और यहां की संस्कृति से जुड़े कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी।
मुकुंद नायक को जानें
सिमडेगा जिले के बोकबा गांव में 1949 में जन्म -मुकुंद नायक लोक गायक और नर्तक हैं उन्होंने सैकड़ों गीत भी लिखे हैं -मुकुंद नायक की शिक्षा सिमडेगा, चाईबासा और देवघर से हुई। -लगभग दर्जन भर देशों में कार्यक्रम पेश कर चुके हैं। -मुकुंद झारखंड सरकार के सूचना एवं प्रसारण विभाग से सेवानिवृत्त हैं। -उन्हें पद्मश्री के अलावा झारखंड गौरव सम्मान, झारखंड रत्न अवार्ड, सांस्कृतिक सम्मान आदि सम्मान से भी नवाजा जा चुका है।