पद्म सम्मान कहीं कड़िया मुंडा की सम्मानजनक विदाई तो नहीं!
भाजपा के वरिष्ठ सांसद कड़िया मुंडा को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है, कहीं यह उनकी सम्मानजनक विदाई तो नहीं है।
रांची, राज्य ब्यूरो। भाजपा के वरिष्ठ सांसद कड़िया मुंडा को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। नि:संदेह वे इस सम्मान के हकदार भी हैं, लेकिन राजनीतिक गलियारों में उनके इस सम्मान को सक्रिय राजनीति से उनकी सम्मानजक विदाई के तौर पर देखा जा रहा है।
वैसे भी भाजपा में यह चर्चा आम है कि पार्टी 2019 के चुनाव में वरिष्ठ सदस्यों को टिकट से वंचित रख सकती है। कड़िया मुंडा (82 वर्ष) भाजपा में लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के बाद सबसे वरिष्ठ सांसद हैं।
आठ बार के सांसद रह चुके कड़िया पहली बार 1977 में जनता पार्टी के टिकट से चुनाव जीत छठी लोकसभा में पहुंचे थे। सातवीं व आठवीं लोकसभा में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद नौंवी से 16 वीं लोकसभा में सिर्फ एक बार छोड़कर (14 वीं लोकसभा) उन्होंने लगातार खूंटी से जीत हासिल की। यूपीए के समय वे लोकसभा उपाध्यक्ष भी रहे।
इतने वरिष्ठ सांसद को सीधे-सीधे टिकट से वंचित नहीं रखा जा सकता। ऐसे में पद्म भूषण सम्मान एक बड़ा इशारा कर रहा है। खूंटी लोकसभा सीट को लेकर भाजपा के पास पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा और नीलकंठ सिंह मुंडा के रूप में बेहतर विकल्प भी हैं।
हालांकि, कड़िया मुंडा पद्म सम्मान से खुश हैं। वह अभी भी अपने को थका हुआ नहीं मान रहे हैं। स्पष्ट कहते हैं कि यदि पार्टी की ओर से टिकट मिलेगा तो वह चुनाव मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह जनता से दूर नहीं रहे हैं और दूर रह भी नहीं सकते हैं।