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झारखंड भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ एकजुट हुआ विपक्ष

नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ की चुनौती स्वीकारी। कहा, भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक समेत अन्य सभी मसलों पर वे बहस करने को तैयार हैं।

By Sachin MishraEdited By: Published: Mon, 18 Jun 2018 10:53 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 11:00 AM (IST)
झारखंड भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ एकजुट हुआ विपक्ष
झारखंड भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ एकजुट हुआ विपक्ष

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक ने राज्य के विपक्षी दलों को एकजुट होने का मौका दे दिया है। सोमवार को इसकी बानगी भी देखने को मिली। नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन के आवास पर विपक्षी दलों के तमाम दिग्गज जुटे। बैठक में पांच जुलाई को झारखंड बंद आहूत करने पर सहमति बनी। नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने इसकी घोषणा भी की। उन्होंने बताया कि साझा आंदोलन के लिए विपक्ष समन्वय समिति का गठन करेगा। जल्द ही इसकी घोषणा कर दी जाएगी। लगभग चार घंटे तक चली बैठक में झारखंड मुक्ति मोर्चा के तमाम वरीय नेताओं समेत कांग्रेस, झारखंड विकास मोर्चा, राजद ने शिरकत की।

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आदिवासी जनसंगठनों के नेता भी बैठक में मौजूद रहे। हालांकि बैठक के दौरान झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की अनुपस्थिति को लेकर ऊहापोह की स्थिति रही। बताया गया कि वे रांची से बाहर रहने के कारण नहीं आ पाए। पार्टी के वरीय नेता बंधु तिर्की समेत अन्य नेताओं ने बैठक में मौजूदगी दर्ज कराई। कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष डा. अजय कुमार, पूर्व सांसद फुरकान अंसारी, प्रदेश मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर बैठक में उपस्थित रहे। वामदलों के वरीय नेताओं भुवनेश्वर प्रसाद मेहता, गोपीकांत बख्शी, अजय सिंह, जर्नादन प्रसाद, केडी सिंह ने भी बैठक में शिरकत की। बैठक में आदिवासी जनसंगठनों से जुड़े प्रेमशाही मुंडा, वासवी किडो, दयामनी बारला समेत अन्य नेता भी मौजूद रहे।

जहां चाहे बहस कर ले भाजपा: हेमंत सोरेन
नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ की चुनौती स्वीकारी। कहा, भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक समेत अन्य सभी मसलों पर वे बहस करने को तैयार हैं। विपक्ष के अन्य नेता भी बहस करने की चुनौती स्वीकार करते हैं। जिससे बहस करना चाहते हैं उन्हें वे भेज देंगे। हेमंत सोरेन ने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास लाठी के बल पर सत्ता चलाना चाहते हैं। राज्य में त्राहिमाम की स्थिति है। भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल से गांव से लेकर शहर तक हर व्यक्ति के मन में सवाल पैदा हो रहा है। इससे लोगों में गहरा आक्रोश है। संपूर्ण विपक्षी दल और सामाजिक संगठनों के साथ विचार-विमर्श में जल, जंगल, जमीन से जुड़े मुद्दे सामने आए हैं। सरकार को जवाब देना होगा। उन्होंने सरकार पर सामाजिक सौहा‌र्द्र बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब उन्हें झारखंड की असली ताकत दिखानी है। लड़ाई सामूहिक होगी और सरकार के छिपे हुए एजेंडा का पर्दाफाश होगा। विपक्ष कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने की तमाम कोशिशों को नाकाम करेगा।

राज्यव्यापी आंदोलन की घोषणा
-19 जून - राज्य भर में सरकार का पुतला दहन।
-21 जून - प्रखंड स्तर पर धरना।
-25 जून - सभी जिला मुख्यालयों पर धरना।
-28 जून - राजभवन के समक्ष महाधरना।
-30 जून -हुल दिवस को मनाएंगे संकल्प दिवस के तौर पर।
-5 जुलाई -24 घंटे का राज्यव्यापी बंद। आवश्यक सेवा बंद से मुक्त।


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