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झारखंड में सदन से सड़क तक हंगामा

हंगामे के बीच सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष का पहला अनुपूरक बजट सदन में पेश किया।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 09 Aug 2017 10:16 AM (IST)Updated: Thu, 10 Aug 2017 10:09 AM (IST)
झारखंड में सदन से सड़क तक हंगामा
झारखंड में सदन से सड़क तक हंगामा

राज्य ब्यूरो, रांची। विधानसभा सत्र के दूसरे दिन बुधवार को सदन से सड़क तक हंगामा होता रहा। हालांकि इस दौरान राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष का पहला अनुपूरक बजट बुधवार को सदन में पेश किया। इसमें 1987.14 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है। विधानसभा में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष खासकर झामुमो ने जमकर हंगामा किया। हंगामे के कारण लगभग 40 मिनट तक कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

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वहीं, विधानसभा का घेराव करने पहुंचे कांग्रेस नेता व कार्यकर्ताओं को बिरसा चौक पर ही रोक दिया गया। इस दौरान उग्र हुए प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने वाटर कैनन से पानी का फव्वारा छोड़ भीड़ को तितर बितर किया तो लाठियां भी चटकाई। प्रदर्शन के कारण दिन भर शहर अस्तव्यस्त रहा। सदन में विपक्षी बेंच पर कांग्रेस के डा. इरफान अंसारी ने खड़े होकर पार्टी कार्यकर्ताओं को रोकने व लाठीचार्ज का विरोध किया। उनका कहना था कि विधानसभा घेराव के लिए आ रहे कांग्रेसियों को रोका जा रहा है और पुलिस उनके साथ मारपीट कर रही है।

झामुमो के स्टीफन मरांडी का तर्क था कि आज आदिवासी दिवस है लेकिन स्पीकर ने इसपर कुछ नहीं कहा। इस बीच झामुमो के अधिकांश विधायक वेल में चले आए। तमाम विधायकों ने हाथ में पर्चे ले रखे थे। कांग्रेस विधायक निर्मला देवी भी इनका साथ दे रही थीं। इस पर सत्तापक्ष के विधायकों ने भी जमकर विरोध किया। आरोप-प्रत्यारोप के बीच विधानसभा में सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर का सब्र जवाब दे गया। उन्होंने कहा कि सदन सिर्फ प्रतिपक्ष के लिए नहीं है। सत्तापक्ष और विपक्ष के लिए सदन है। विपक्ष के नेता विधानसभा की गरिमा धूमिल कर रहे हैं।

सरकार ने हाइजैक कर लिया सदन को: हेमंत

नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन का आरोप है कि सरकार ने सदन को हाइजैक कर लिया है। इस पर मंत्री सरयू राय ने कहा कि आसन पर हस्तक्षेप गलत है। अगर उन्हें अध्यक्ष पर भरोसा नहीं है तो वे उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने को स्वतंत्र हैं। बुधवार को विधानसभा का सत्र 12 बजे तक स्थगित होने के बाद जब फिर कार्यवाही शुरू हुई तो हेमंत सोरेन के तेवर तल्ख थे। उन्होंने कहा कि सदन में सरकार का पुरजोर हस्तक्षेप है। सवाल दबाए जाते हैं। जैसा विधेयक चाहते हैं पारित करा लेते हैं। संवेदनशील विषयों पर भी सरकार उदासीन है। सीएनटी-एसपीटी संशोधन विधेयक का विरोध नहीं होता तो राज्यपाल इसे वापस नहीं करतीं। अभी भूमि अधिग्रहण विधेयक-2013 में संशोधन की तैयारी चल रही है।

परेशानी है तो लाएं अविश्वास प्रस्ताव: सरयू

हेमंत सोरेन के आरोप पर संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। अपने कक्ष में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि झामुमो छोड़ सारे दल चाहते हैं कि सदन चले। हेमंत सोरेन के सारे आरोप बेबुनियाद हैं। हेमंत सोरेन को अपनी बातें वापस लेनी चाहिए। विधानसभा और सरकार संवैधानिक नियमों से चलती है। सदन का बहुमत अध्यक्ष की नियुक्ति करता है। अध्यक्ष दबाव में नहीं आ सकते। आसन पर बैठने के बाद अध्यक्ष किसी दल विशेष का नहीं रह जाता है। 

देखें तस्वीरें, कांग्रेसियों ने किया विधानसभा का घेराव

मंगलवार को सदन की कार्यवाही आरंभ होने के पहले नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन के कक्ष में विपक्षी दलों के विधायकों की बैठक हुई। इसके बाद झामुमो के विधायकों ने विधानसभा भवन के सामने प्रदर्शन किया। इनका विरोध किसानों की आत्महत्या को लेकर था।

नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि मुख्यमंत्री निवास के चंद किलोमीटर दूर किसान आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है। राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति भी दिनोंदिन खराब होती जा रही है, लेकिन उसे दुरुस्त करने की दिशा में कोई काम नहीं हो रहा है।विपक्ष के तेवर को भांपते हुए सरकार ने सदन को सुचारू रूप से चलाने की मुहिम आरंभ कर दी है। कार्यवाही समाप्त होने के तुरंत बाद कार्यमंत्रणा समिति की बैठक विधानसभा अध्यक्ष के चैंबर में हुई।

इसमें मुख्यमंत्री समेत तमाम पार्टी विधायक दल के नेताओं ने भाग लिया। आग्रह किया गया किसदन के संचालन में विपक्षी दल सहयोग करें। हालांकि सत्तापक्ष की तमाम कवायद के बावजूद भूमि अर्जन विधेयक और धर्म स्वतंत्र विधेयक पर गतिरोध के पूरे आसार हैं। विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर सदन की कार्यवाही बाधित करेगा।

तरीका बदलकर जमीन छीनना चाहती है सरकार: झामुमो

झामुमो का आरोप है कि सीएनटी-एसपीटी संशोधन विधेयक वापस होने के बाद सरकार ने जमीन छीनने का तरीका बदल दिया है। सरकार भूमि अर्जन कानून लाकर जमीन लेना चाहती है। झामुमो इसका डटकर विरोध करेगा। पार्टी मुख्यालय में मीडिया से मुखातिब विधायक दीपक बिरूआ और महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यह गैरकानूनी है। झामुमो नेताओं के मुताबिक, 2013 के जिस कानून को संसद ने बनाया, उसके समानांतर कानून बनाने का अधिकार राज्य विधानमंडल को नहीं है।

स्पीकर बोले, सदन में बनी रहे मिठास

विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन की कार्यवाही की शुरुआत अध्यक्ष दिनेश उरांव के संबोधन से हुई। शुरुआत में ही उन्होंने उत्सवों की बधाई देते हुए कहा कि पर्व की मिठास सत्र के दौरान बनी रहनी चाहिए। देश के शीर्ष संवैधानिक पदों पर निर्वाचन का काम हाल ही में संपन्न हुआ है। रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति और वेंकैया नायडू उप राष्ट्रपति निर्वाचित हुए हैं। दोनों का राजनीतिक सफर लंबा रहा है। इन दोनों के कुशल नेतृत्व में देश विकास की नई ऊंचाइयां तय करेगा।

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की राजनीतिक सूझबूझ भी अत्यंत गहरी रही है। प्रधानमंत्री ने इसी वजह से उनके भीतर अपने पिता की छवि को पाया और सार्वजनिक रूप से इसका इजहार भी किया। उन्होंने सदस्यों को कहा कि पांच दिवसीय सत्र में सरकार अनुपूरक बजट पेश करने के साथ-साथ कुछ महत्वपूर्ण विधेयक भी सदन के विचार के लिए लाएगी। इनपर सार्थक चर्चा के साथ सदस्य एक-एक पल का उपयोग करें।

2019 का बजट सत्र विधानसभा के नए भवन में: रघुवर

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि 2019 का बजट सत्र निर्माणाधीन विधानसभा के नए भवन में होगा। उन्होंने इस लक्ष्य को केंद्र में रखकर काम करने की नसीहत संवेदक और मजदूरों को दी। समय से पूर्व काम पूरा होने पर उन्होंने संवेदक और मजदूरों को पुरस्कृत करने की भी घोषणा की।

उन्होंने दावा किया कि यह देश की सबसे अच्छी विधानसभा होगी, जो पर्यावरण सापेक्ष हरियाली के बीच बनी होगी। मुख्यमंत्री मंगलवार को निर्माणाधीन विधानसभा परिसर में आयोजित पौधरोपण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल, जंगल, जमीन हमें विरासत में मिली है। इसका संरक्षण हम सभी का दायित्व है। 

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