नेता विपक्ष हेमंत सोरेन बोले-झारखंड का गठन अटल जी की इच्छाशक्ति का ही नतीजा
झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष ने अटलजी को राजनीति का अजातशत्रु बताया।
रांची, राज्य ब्यूरो। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी वाकई राजनीति के अजातशत्रु थे। सभी पार्टियों के लोग उन्हें दिल से चाहते और सम्मान देते थे। उन्होंने कभी किसी को विरोधी नहीं बनने दिया। वे हमेशा शुचिता की राजनीति करते रहे। मतभेद पर मनभेद को उन्होंने कभी हावी नहीं होने दिया। झारखंड का गठन उनकी प्रबल इच्छाशक्ति का ही परिणाम है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के संघर्ष से आंदोलन को मुकाम मिला लेकिन उन्होंने हमारी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक और यथार्थ को ध्यान में रखकर निर्णय किया। झारखंड के लोग उनके ऋणी हैं।
नेता प्रतिपक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के यही भाव थे नई दिल्ली रवाना होने के पहले। उन्होंने नई दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के अंतिम संस्कार में मौजूदगी दर्ज कराई और नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दी। कहा कि अटलजी का निधन मर्माहत करने वाला है। वे कद्दावर राजनेता थे और उन्होंने कभी परिस्थितियों से समझौता नहीं किया। राजनीति में अपने सिद्धांत पर अड़े रहे और विरोधियों को भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
यही वजह है कि सत्ता में रहे या विपक्ष में, उनका सम्मान सबने किया। निधन के बाद उनके प्रति उमड़ा स्नेह भी इस बात का द्योतक है कि अगर राजनीति के क्षेत्र में ऊंचाई पर रहकर आप आम जनमानस की फिक्र करते हैं तो वह आपको अपने दिल में बसाती है। अटलजी की यही पूंजी थी। उनका पारदर्शी जीवन हमेशा प्रेरणा देता है कि आम जनमानस के साथ हम ऐसा ही व्यवहार करें। सत्ता को ठोकर मारने में भी उन्होंने कभी देर नहीं की। उनका निधन एक राजनीतिक युग व अध्याय का अवसान है।