Jharkhand: राज्यभर के डॉक्टरों की हड़ताल पर बोले स्वास्थ्यमंत्री- जल्द निकालेंगे समाधान
बकाया एरियर की भुगतान की मांग को लेकर आज तीसरे दिन भी राज्यभर के लगभग 700 डाक्टर आंदोलनरत रहें। इस दौरान रिम्स सहित राज्य के छह मेडिकल कालेजों में ओपीडी सेवा बाधित रही। रिम्स में बाहर से इलाज कराने मरीज व उनके परिजन परेशान दिखें।
रांची, जासं । बकाया एरियर की भुगतान की मांग को लेकर आज तीसरे दिन भी राज्यभर के लगभग 700 डाक्टर आंदोलनरत रहें। इस दौरान रिम्स सहित राज्य के छह मेडिकल कालेजों में ओपीडी सेवा बाधित रही। रिम्स में बाहर से इलाज कराने मरीज व उनके परिजन परेशान दिखें। हालांकि आज स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने डाक्टरों का आश्वासन दिया है। मंत्री ने कहा कि मैं अपने चिकित्सकों के प्रति संवेदनशील था, हूं और रहूंगा। OPD बहुत आंशिक रूप से प्रभावित है। इसका हम जल्द ही निष्कर्ष निकालने जा रहे हैं। हम डॉक्टरों के हितैषी है।
इससे पहले रिम्स की ओपीडी सेवा बुधवार को भी बाधित रही। डॉक्टरों ने सुबह से ही ओपीडी बंद कराया। मरीजों को खूब परेशानी हो रही है। मंगलवार को ओपीडी बंद होने के कारण कई मरीज बुधवार को इलाज होगा इस आस में अस्पताल में ही रुक गए थे, लेकिन बुधवार को भी ओपीडी काउंटर नहीं खुला। कुछ गंभीर मरीजों ने इमरजेंसी में अपना इलाज कराया। यह ओपीडी बहिष्कार का तीसरा दिन है। बता दें कि एरियर भुगतान की मांग को लेकर डाक्टरों की मांगों पर स्वास्थ्य विभाग के स्तर से कोई उचित आश्वासन अब तक नही मिला है।
रिम्स जूनियर डाक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. विकास कुमार ने कहा कि मंगलवार को ओपीडी सेवाएं पूर्ण रूप से बाधित रही। लेकिन मरीजों के हितों का ध्यान रखते हुए, हरसंभव प्रयास करते हुए इमरजेंसी, लेबर वार्ड, इंडोर, कोरोना वार्ड में मरीजों को देखा गया। दिन भर ओपीडी बंद रहने के बाद भी सरकार के ओर से मांगों को लेकर कोई पहल नहीं किया गया है। इसलिए सरकार के निष्कृय रवैए को देखते हुए बुधवार को भी ओपीडी सेवा बंद रहेगी।
इधर, रिम्स समेत राज्य के अन्य पांच मेडिकल कालेजों में चल रहे रेजिडेंट डाक्टरों के विरोध प्रदर्शन में ट्राइबल मेडिकल एसोसिएशन भी आगे आई है। टीएमए के सचिव डा. निशिथ एक्का ने विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि तीन साल से डाक्टरों का एरियर बकाया है। ये उनकी वाजिब मांग है। कोरोना काल में भी इन डाक्टरों का अहम योगदान रहा है। ट्राइबल मेडिकल एसोसिएशन जेडीए व आरडीए के इस आंदोलन का नैतिक समर्थन करती है और सरकार से मांग करती है कि रेजिडेंट डाक्टरों के बकाये एरियर की भुगतान जल्द की जाए। ताकि ओपीडी का संचालन सुचारू रूप से हो सके और मरीजों को परेशानी न हो।