पहले एक दिन में गटक जाते थे 10 करोड़ की शराब, लॉकडाउन में 3 दिन में 9 करोड़ की ही हुई बिक्री
Jharkhand. ग्राहकों का इंतजार हो रहा है। शराब व्यवसायी परेशान हैं। कहां से टैक्स चुकाएंगे। तीन दिनों के भीतर शराब की एक भी बोतल ऑनलाइन नहीं बिकी है।
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य में लॉकडाउन में लंबी अवधि तक बंद रहने के बाद तीन दिन पहले ही शराब की दुकानें खुलीं, लेकिन ग्राहकों में शराब के प्रति कोई खास ललक नहीं दिख रही है। पूरे राज्य में तीन दिन में महज नौ करोड़ रुपये की शराब बिकी है, जबकि लॉकडाउन के पूर्व राज्य में लोग एक दिन में ही औसतन 10 करोड़ रुपये की शराब गटक जाते थे। शराब की दुकानों पर इक्का-दुक्का ग्राहकों के पहुंचने और बिक्री प्रभावित होने से व्यवसायी परेशान हैं।
उनका कहना है कि शराब की खपत नहीं है और जेएसबीसीएल के गोदाम से उठाव निर्धारित है, जिसे उठाना ही है। सरकार को तो नुकसान नहीं है, लेकिन दुकानदार टैक्स कैसे चुकाएंगे, यह समस्या उन्हें सताने लगी है। राज्य में ऑनलाइन शराब बिक्री की योजना भी धरातल पर नहीं उतरी। ऑनलाइन डिलीवरी कंपनी जोमैटो व स्वीगी के साथ शराब व्यवसायियों का एग्रीमेंट ही नहीं हो पाया। ऐसी स्थिति में तीन दिनों के भीतर शराब की एक भी बोतल ऑनलाइन नहीं बिकी है।
क्या है शराब नहीं बिकने की मुख्य वजह
- लॉकडाउन के दौरान लोगों की जेबें खाली हो चुकी हैं। पैसे नहीं हैं कि शराब खरीदें।
- पहले बाहर में शराब पीने की इजाजत थी, अब नहीं होने के चलते अधिकतर लोग शराब अपने घर नहीं ले जा पाते हैं।
- कॉलेजों की छुट्टियों के चलते युवा घर पर ही रह रहे हैं, जिसके चलते शराब घर ले जाने से लोग परहेज कर रहे हैं।
- सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक ही शराब बेचने की इजाजत है, जबकि रात में सात बजे के बाद 70 फीसद शराब की बिक्री होती है, जो अब नहीं हो रही है।
- एक तो पैसे नहीं, उपर से शराब की कीमत का बढऩा भी शराब कम बिकने की है एक मुख्य वजह।
- स्वीगी व जोमैटो जैसी ऑनलाइन डिलिवरी कंपनियों के साथ दुकानदारों को अब तक एग्रिमेंट नहीं हो सका, जिसके चलते ऑनलाइन शराब भी नहीं बिक रही।
राज्य में कब कितने का हुआ कारोबार
20 मई : 3.50 करोड़ रुपये।
21 मई : 3.00 करोड़ रुपये।
22 मई : 2.5 करोड़ रुपये।
स्रोत : झारखंड खुदरा शराब विक्रेता संघ के अनुसार।