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सितंबर में 25 रुपये किलो थी प्याज, दिसंबर में 110-120 पर पहुंची

खुदरा बाजार में प्याज की कीमतों में पिछले दो माह के भीतर रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है। अभी रांची के बाजार में 110 रुपये किलो बिक रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 02:00 AM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 02:00 AM (IST)
सितंबर में 25 रुपये किलो थी प्याज, दिसंबर में 110-120 पर पहुंची
सितंबर में 25 रुपये किलो थी प्याज, दिसंबर में 110-120 पर पहुंची

जागरण संवाददाता, रांची: खुदरा बाजार में प्याज की कीमतों में पिछले दो माह के भीतर रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। 15 सिंतबर को रांची के खुदरा बाजार नागाबाबा खटाल, डेली मार्केट व हरमू बाजार में जो प्याज 25-30 रुपये प्रति किलो के दर से बिक रही थी। वह गुरुवार को 110-120 रुपये किलो पर पहुंच गई है। इधर, महाराष्ट्र में आई बाढ़ को भी अब दो माह बीत गए हैं। लेकिन प्याज की कीमतें अब भी बेकाबू है। आमलोगों पर इसका असर यह है कि जहां कुछ ने प्याज खाना ही छोड़ दिया है, वहीं, अधिकतर लोग अब महंगा प्याज खरीदने की बजाय बिना प्याज के इस्तेमाल से बनने वाली सब्जियां खरीद रहे हैं। यही वजह है कि सितंबर में 15-18 ट्रक तक होने वाली प्याज आवक घट पर चार से पांच ट्रक पर पहुंच गई है। सलाद की थालियों में ढूंढ़ना पड़ रहा है प्याज

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यही नहीं होटलों में परोसे जाने वाले सलाद की थालियों में भी प्याज ढूंढ़ना पड़ रहा है। अब लोगों को प्याज की जगह गाजर, मूली व खीरा से ही काम चलाना पड़ रहा है। वहीं, महंगे रेस्टोरेंट्स में मजबूरी वश लोगों को 110 रुपये किलो प्याज देना पड़ रहा है। महाराष्ट्र में आई बाढ़ से उबर नहीं पाई प्याज की कीमत

प्याज की कीमतों में पहली बार 23 सितंबर को वृद्धि हुई थी। जिसके बाद से नासिक से रांची में प्याज की आवक कम होनी शुरू हो गई। इसके बाद से लगातार गिरावट जारी है। 15 सितंबर तक 25 से 30 रुपये किलो बिकने वाली प्याज की कीमत 60 रुपये किलो हो गई थी। और अब 120 रुपये किलो पर पहुंच गई है। बिस्कोमान के प्याज ने दी थी थोड़ी राहत

प्याज की बढ़ती कीमतों से राहत दिलाने के लिए सरकार ने सुविधा केंद्रों में 60 रुपये के दर पर प्याज उपलब्ध कराया था। इसके बाद कुछ दिन तक नेफेड के सहयोग से बिस्कोमान द्वारा सस्ते दर पर प्याज की बिक्री की गई। लेकिन आदर्श आचार संहिता के कारण बीच में ही प्याज की बिक्री रोकनी पड़ी। एक बोरी प्याज बेचना हो रहा मुश्किल

नागाबाबा खटाल, डेली मार्केट, हरमू बाजार के खुदरा प्याज विक्रेता कहते हैं कि एक दिन में एक बोरी प्याज भी नहीं बेच पा रहे हैं। वहीं, पहले वह हर दिन तीन से चार (55 केजी वाली) बोरी प्याज बेचते थे। उनका कहना था कि महंगा होने के बाद लोग प्याज खरीद रहे हैं लेकिन पहले की अपेक्षा काफी कम।

------------------------------------ मंडी में अभी 4-5 गाड़ी प्याज की आवक हो रही है। नासिक से एक - दो गाड़ी प्याज आ रहा है। बाकि अलवर से प्याज की आपूर्ति हो रही है।

मदन साहू, थोक व्यापारी प्याज व चिकन एक ही भाव बिक रहे हैं। सब्जी में भी प्याज डालने के पहले सोचना पड़ रहा है। अगर यही हाल रहा, तो प्याज खाना छोड़ना पड़ेगा।

खुशबू, गृहणी प्याज काफी महंगा हो गया है। हमने तो प्याज खरीदना ही छोड़ दिया है। बिना प्याज की सब्जी बना रहे हैं।

सीता देवी, गृहणी


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