सांसद मशगूल उपलब्धियां गिनाने में, फंड पड़ा रहा खजाने में ..
झारखंड के लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों के फंड का एक तिहाई हिस्सा खजाने में पड़ा है।
रांची, आनंद मिश्र। झारखंड के कुछ सासद अपने क्षेत्र की विकास योजनाओं को लेकर बेहद गंभीर हैं तो कुछ बेहद सुस्त। लोकसभा और राज्यसभा में प्रदेश के कुल 20 सदस्य हैं। हालांकि इनमें कई सासद ऐसे हैं जो विभिन्न मंचों से खुद और सरकार की उपलब्धिया गिनाने में तो आगे रहते हैं लेकिन उनके फंड का बड़ा हिस्सा खजाने में ही रह गया।
वर्तमान लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों का 456 करोड़ रुपये की सासद निधि पर हक था लेकिन अब तक महज 293.50 करोड़ ही जारी हो सके। जाहिर है 162.5 करोड़ इस वजह से जारी नहीं हुए क्योंकि समय पर खर्च का लेखा-जोखा और उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं दिया जा सका। सासद निधि की एक तिहाई राशि सरकारी खजाने में ही पड़ी हुई है।
गिलुवा और नथवाणी रहे सबसे आगे: सासद इस राशि के जारी न होने को लेकर तर्क दे सकते हैं, सिस्टम की खामिया भी बता सकते हैं। लेकिन सिस्टम की इन खामियों के बीच चाईबासा के सासद लक्ष्मण गिलुवा ने न सिर्फ अपनी सासद निधि की पूरी राशि 25 करोड़ जारी करवाई बल्कि उसे 100 फीसद व्यय कर नजीर पेश किया है। राज्यसभा सदस्य परिमल नथवाणी ने 33.50 करोड़ रुपये की राशि जारी कराते हुए उसका 90 फीसद से अधिक खर्च किया।
उदासीन दिखते हैं निशिकांत दुबे: मुखर माने जाने वाले भाजपा सासद निशिकात दुबे सासद निधि को लेकर उदासीन दिखाई देते हैं। इन्हें अब तक महज 2.5-2.5 करोड़ की तीन किश्त 7.50 करोड़ जारी हुई हैं। इसमें से वे महज 4.32 करोड़ (57.61 प्रतिशत) खर्च कर सके हैं। राची के सासद रामटहल चौधरी और राजमहल के झामुमो सासद विजय कुमार हासदा का रवैया भी इस राशि की निकासी को लेकर सुस्त ही कहा जाएगा। इन दोनों सासदों को अब तक 12.50-12.50 करोड़ जारी हुआ है। दूसरी ओर, सासद निधि के व्यय और उसकी निकासी को लेकर पीएन सिंह, रवींद्र कुमार पाडेय गंभीर दिखते हैं। अन्य लोकसभा सदस्यों का प्रयास औसत ही दिखता है।
49 किश्त नहीं ले सके हमारे सांसद : सांसद विकास निधि की एक किश्त ढाई करोड़ की जारी होती है। सांसद के कार्यकाल में इस तरह की दस किश्तें जारी होती हैं। लेकिन हमारे लोकसभा सदस्य इनमें से 49 किश्त नहीं ले सके। इस तरह इनका 122.5 करोड़ अब तक जारी नहीं किया जा सका है।
राज्यसभा सदस्यों को खर्चवार नहीं होती क्षेत्र की बाध्यता : राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल चूंकि अलग-अलग होता है इसलिए उन्हें इस आकलन के लिए तयशुदा फार्मेट में नहीं आका जा सकता। सासद निधि के खर्च का ब्योरा रखने वाले साख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की वेबासाइट पर सासदों की अनुशसा पर व्यय के आकड़े मौजूद हैं। आकड़े जिला प्रशासन द्वारा मुहैया कराए जाते हैं। इसलिए संभव है अपडेट आकड़ों में कुछ भिन्नता हो लेकिन इसमें बहुत कुछ फेरबदल की गुंजाइश नहीं है।
लोकसभा सदस्यों की निधि का ब्योरा
सासद----निधि---जारी---ब्याजसमेत---व्यय---प्रतिशत
सुनील कुमार 25.00 15.00 15.16 10.45 71.45 पीएन सिंह 25.00 20.00 20.28 15.40 76.99
शिबू सोरेन 25.00 15.00 16.23 13.36 89.08 रवींद्र पाडेय 25.00 20.00 20.32 15.34 76.70 निशिकात दुबे 25.00 7.50 4.32 4.32 57.61
जयंत सिन्हा 25.00 15.00 16.41 14.14 94.29
विद्युत वरण महतो 25.00 15.00 16.26 12.91 86.09
कडिय़ा मुंडा 25.00 17.50 17.74 14.24 81.37
रवींद्र कुमार राय 25.00 17.50 17.70 12.90 73.71
सुदर्शन भगत 25.00 15.00 15.22 12.20 81.35
विष्णु दयाल राम 25.00 20.00 21.12 16.42 82.11
विजय कुमार हासदा 25.00 12.50 12.92 11.07 88.58 राम टहल चौधरी 25.00 12.50 12.66 9.40 75.19
लक्ष्मण गिलुवा 25.00 25.00 27.79 25.02 100.07
कुल 350.00 227.50 237.52 187.45 82.45
नोट : आकड़े करोड़ रुपये में हैं। स्त्रोत साख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की वेबासाइट
राज्यसभा सदस्यों की निधि का ब्योरा
सासद---निधि--- जारी ---ब्याज समेत ---व्यय---प्रतिशत
धीरज प्रसाद साहू 5.00 2.50 2.50 00.00 00.00
महेश पोद्दार 12.50 7.50 7.53 2.89 38.51
मुख्तार अब्बास नकवी 12.50 7.50 7.61 3.15 41.94
परिमल नथवाणी 46.00 33.50 34.01 30.39 90.70
प्रेमचंद गुप्ता 25.00 15.00 15.00 13.31 88.76
समीर उराव 5.00 0.00 0.00 0.00 0.00 कुल 106.00 66.00 66.65 49.74 74.73