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प्रत्येक प्रखंड में विकसित होगा एक लीडर स्कूल, परफार्मेंस पर मिलेगी शिक्षकों को प्रोन्नति

Jharkhand. मुख्य सचिव डीके तिवारी ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को निर्देश दिया है। कहा कि लीडर स्कूल ऐसा हो जो सभी आवश्यक मानक पूरा करता हो।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 31 Oct 2019 08:40 PM (IST)Updated: Thu, 31 Oct 2019 08:40 PM (IST)
प्रत्येक प्रखंड में विकसित होगा एक लीडर स्कूल, परफार्मेंस पर मिलेगी शिक्षकों को प्रोन्नति
प्रत्येक प्रखंड में विकसित होगा एक लीडर स्कूल, परफार्मेंस पर मिलेगी शिक्षकों को प्रोन्नति

रांची, राज्य ब्यूरो। मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने प्रत्येक प्रखंड में कम से कम एक स्कूल को इस तरह विकसित करने का निर्देश दिया है, ताकि वह 'लीडर स्कूल' के रूप में कार्य कर सके और दूसरे स्कूलों के लिए प्रेरणा स्रोत बने। ये लीडर स्कूल बुनियादी सुविधाओं से लैस होंगे, जहां अनुशासन के साथ-साथ खेल, संगीत, वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि गतिविधियां नियमित रूप से होंगी।

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मुख्य सचिव ने गुरुवार को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा संचालित 'साथ-ई' कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिया। मुख्य सचिव ने कहा कि लीडर स्कूल ऐसा हो, जो सभी आवश्यक मानक पूरा करता हो, ताकि दूसरे स्कूलों के छात्र-शिक्षक और अभिभावक भी वहां जाकर उसकी व्यवस्था को देखें और प्रेरणा लें। उन्होंने औपचारिक किताबी शिक्षा के साथ-साथ मानसिक क्रियाशीलता पर जोर देते हुए स्कूलों में विभिन्न गतिविधियां आयोजित करने का निर्देश दिया।

स्कूलों का प्रदर्शन सुधारने के लिए छात्रों-शिक्षकों को प्रोत्साहन देने तथा सुधार नहीं करने वाले स्कूलों के शिक्षकों को दंडित करने पर जोर दिया। उन्होंने शिक्षकों के वेतन तथा उनकी प्रोन्नति आदि को उनके परफार्मेंस से जोडऩे का निर्देश दिया। कहा कि इस प्रक्रिया को लेकर शिक्षकों और उनके संघ को भी जागरूक करने की जरूरत है। बैठक में कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल, स्कूली शिक्षा के प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह, राज्य परियोजना निदेशक उमाशंकर सिंह आदि उपस्थित थे।

केंद्रीयकृत कॉल सेंटर बनाएं, स्वयं कॉल कर फीडबैक भी लें

मुख्य सचिव ने विभाग को एक केंद्रीयकृत कॉल सेंटर बनाने और उसका व्यापक प्रचार-प्रसार का निर्देश शिक्षा विभाग को दिया, ताकि स्कूल से जुड़ी कोई भी सूचना अभिभावक, छात्र और आम लोग तत्काल दे सकें। इससे पता चलेगा कि स्कूल समय पर खुला या नहीं। मुख्य सचिव ने अभिभावकों तथा स्कूल के आसपास के लोगों के नंबर का डाटाबेस बनाकर उसपर कॉल कर फीडबैक लेने का भी निर्देश दिया।

पूर्वजों की याद में स्कूलों को दें दान

मुख्य सचिव ने कहा कि स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं सरकार दे रही है। यदि आम लोग भी अपने पूर्वजों की याद में स्कूलों को कुछ दान करना चाहें, तो उन्हें प्रोत्साहित करने की जरूरत है। उन्होंने स्कूलों की मॉनीटरिंग सिस्टम को डिजिटल बनाने के प्रयास की सराहना की।


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