Jharkhand COVID Vaccine: जिलों को भेजी गई कोविशील्ड की डेढ़ लाख डोज, कोवैक्सीन की किल्लत
Jharkhand COVID Vaccine News झारखंड में कोवैक्सीन नहीं होने से दूसरी डोज के टीकाकरण में परेशानी हो रही है। तीन-चार दिनों में कोविशील्ड का भी स्टॉक खत्म हो सकता है। राज्य को पिछले 29 जून को कोवैक्सीन की 58 हजार डोज मिली थी।
रांची, राज्य ब्यूरो। कोरोना टीकाकरण को लेकर सोमवार को कोविशील्ड की 1,50,150 डोज जिलों को भेजी गई। स्वास्थ्य विभाग ने चतरा को छोड़कर अन्य सभी जिलों को आबादी और वैक्सीन की खपत के आधार पर आवंटन करते हुए जिलों को वैक्सीन भेजी है। यह डेढ़ लाख डोज दो जुलाई को राज्य को मिली छह लाख वैक्सीन में ही शामिल है। उक्त दिन साढ़े चार लाख वैक्सीन ही जिलों को भेजी गई थी। इधर, राज्य में एक बार फिर कोवैक्सीन की किल्लत हो गई है। इससे कई टीका केंद्रों पर इसका टीका नहीं लग पा रहा है। इससे खासकर दूसरी डोज लेनेवाले को परेशानी हो रही है। बता दें कि राज्य को पिछले 29 जून को कोवैक्सीन की 58 हजार डोज मिली थी, लेकिन इनमें लगभग 18 हजार डोज से भी कम कोवैक्सीन विभिन्न जिलों में बची हुई है।
अब नौ जुलाई को आएगी डोज
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, चार जुलाई को टीकाकरण के बाद कोवैक्सीन की 18,830 डोज तथा कोविशील्ड की 3,11,890 डोज ही बची थी। सोमवार को हुए टीकाकरण से इसमें और कमी आएगी। बताया जाता है कि कुछ जिलों में कोवैक्सीन पूरी तरह खत्म हो गई है। अब राज्य को कोवैक्सीन की एक लाख डोज नौ जुलाई को ही मिलेगी। राज्य में कोविशील्ड की अगली खेप 15 जुलाई को ही आनी है जिसमें 2,57,790 डोज वैक्सीन मिलेगी। ऐसे में जिस तरह दो दिनों से 1.40 लाख से अधिक लोगों का टीकाकरण हो रहा है, उससे तीन-चार दिनों में कोविशील्ड का भी स्टॉक खत्म हो सकता है। हालांकि सोमवार की शाम तक लगभग 70 हजार तक ही टीकाकरण हुआ था।
दूसरी डोज लेनेवाले बुजुर्गों को हो रही है परेशानी
केंद्र से मिलनेवाली वैक्सीन में 70 प्रतिशत वैक्सीन दूसरी डोज के टीकाकरण में इस्तेमाल होना है, लेकिन इसका अनुपालन नहीं हो रहा है। वर्तमान में अधिक वैक्सीन पहली डोज के रूप में ही लग रही है। इससे उन बुजुर्गों को परेशानी हो रही है, जिनका दूसरी डोज लेने का समय आ गया है। कई केंद्रों पर कोवैक्सीन नहीं मिल रही है। जहां कोविशील्ड मिल रही है, वहां काफी अधिक भीड़ हो रही है। स्वास्थ्य विभाग के सख्त निर्देश के बावजूद कई केंद्रों पर बुजुर्गों को बैठने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई है तथा उन्हें लंबी लाइन में खड़ा होना पड़ रहा है।
किस जिले को भेजी गई कितनी डोज कोविशील्ड
बोकारो : 9,000, देवघर : 8,500, धनबाद : 9,500, दुमका : 2,500, पूर्वी सिंहभूम : 14,500, गढ़वा : 3,000, गिरिडीह : 8,500, गोड्डा : 8,500, गुमला : 5,750, हजारीबाग : 10,750, जामताड़ा : 3,000, खूंटी : 2500, कोडरमा : 8,500, लातेहार : 3,000, लोहरदगा : 3,500, पाकुड़ : 4,000, पलामू : 8,500, रामगढ़ : 4,150, रांची : 12,000, साहिबगंज : 4,000, सरायकेला खरसावां : 4,000, सिमडेगा : 4,500, पश्चिमी सिंहभूम : 8,000