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देश के 28 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में ओमिक्रोन की पुष्टि, झारखंड में कोरोना मरीजों की संख्‍या 25 हजार के पार

झारखंड में कोरोना के एक्टिव केस 25 हजार कर चुका है लेक‍िन यहां अभी तक ओमिक्रोन होने का पता ही नहीं चल रहा है। झारखंड में ओम‍िक्रोन जांच की कोई व्‍यवस्‍था नहीं है। लोगों को खुद पता नहीं चल रहा है क‍ि उन्‍हें क्‍या हुआ है।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Tue, 11 Jan 2022 07:56 AM (IST)Updated: Tue, 11 Jan 2022 07:56 AM (IST)
झारखंड में कोरोना मरीजों की संख्‍या 25000 पार कर चुकी है।

रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या लगभग 25 हजार हाे गई है। जानकार संक्रमण की रफ्तार के आधार पर यह मानकर चल रहे हैं कि राज्य में ओमिक्रोन का संक्रमण हो चुका है। इतनी अधिक संख्या होने में एक्टिव केस होने तथा संक्रमण में बेतहाशा वृद्धि के बावजूद राज्य में अधिकृत रूप से ओमिक्रोन होने की बात नहीं कही जा सकती।

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अंधेरे में तीर चला रहा झारखंड, नहीं बना पा रहे रणनीत‍ि

देश के 28 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में ओमिक्रोन की पुष्टि हो चुकी है। कई राज्यों में इसके मामले बढ़ भी रहे हैं। इसके दैनिक मामलों का भी खुलासा हाे रहा है, लेकिन झारखंड में सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग नहीं होने से कोरोना नियंत्रण के रणनीतिकार अंधेरे में हैं। ओमिक्रोन की पुष्टि नहीं हो पाने से कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण की स्पष्ट रणनीति नहीं बन पा रही है।

जांच कम होने से नहीं चला ओम‍िक्रोन का पता

राज्य में अक्टूबर तथा नवंबर में भेजे गए सैंपल में 25 सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट दिसंबर के अंतिम सप्ताह में आई थी। उनमें एक सैंपल में डेल्टा वैरिएंट होने की पुष्टि हुई थी। इसके बाद दिसंबर के पहले व दूसरे सप्ताह में भेजे गए सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट आई थी, जिसमें आठ में डेल्टा होने की पुष्टि हुई थी। बहुत कम सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग होने के कारण अभी तक झारखंड में ओमिक्रोन होने की पुष्टि नहीं हो पाई है।

जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भुवनेश्वर भेजा जात है नमूना

बता दें कि राज्य में लैब नहीं होने से आरटी-पीसीआर पाजिटिव सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भुवनेश्वर भेजे जाते हैं। वहां से जांच रिपोर्ट आने में एक माह से अधिक समय लग जा रहा है। वहां लोड अधिक होने से पर्याप्त सैंपल की सिक्वेंसिंग भी नहीं हो पाती है। दूसरी तरफ, आइसीएमआर ने आरटी-पीसीआर में पाजिटिव पाए गए सैंपल में पांच प्रतिशत सैंपल की सिक्वेंसिंग अनिवार्य रूप से करने को कहा है ताकि कोरोना के वैरिएंट की पहचान समय पर हो सके तथा उससे निपटने के लिए स्पष्ट रणनीति बनाई जा सके।


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