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हेमंत ने उपायुक्तों को चेताया कहा भाजपा कार्यकर्ता की तरह न करें काम

झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले सियासत तेज हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Sep 2019 01:59 AM (IST)Updated: Sat, 14 Sep 2019 01:59 AM (IST)
हेमंत ने उपायुक्तों को चेताया कहा भाजपा कार्यकर्ता की तरह न करें काम
हेमंत ने उपायुक्तों को चेताया कहा भाजपा कार्यकर्ता की तरह न करें काम

रांची, राज्य ब्यूरो । झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले सियासत तेज हो गई है। नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने राज्य की भाजपानीत गठबंधन सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। शुक्रवार को आनन फानन में बुलाए गए प्रेस कांफ्रेंस में हेमंत सोरेन ने कहा कि कई जिलों के उपायुक्त भाजपा कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं। अधिकारी जनता के लिए काम नहीं कर रहे हैं।

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ये मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए भीड़ जुटाने और भाजपा के लिए चंदा उगाही में जुटे हैं। राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेना उनका धंधा हो गया है। रांची, पाकुड़, चतरा समेत कई जिलों के उपायुक्तों का ट्वीटर हैंडल देखकर लगता है कि ये आइएएस अफसर नहीं, भाजपा के नेता का ट्विटर हैंडल है।

समीक्षा बैठकों में भी उपायुक्त जन सरोकार की बातें कम और राजनीतिक गतिविधियों पर ज्यादा चर्चा करते हैं। उन्होंने लगे हाथों अफसरों को नसीहत भी दे डाली। कहा कि ऐसे अधिकारियों को मेरी सलाह है कि वे अपने लिए बने आचार संहिता का अध्ययन कर लें ताकि भविष्य में कोई परेशानी नहीं हो।

राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने के कारण एक आइपीएस अफसर पर एफआइआर भी दर्ज है। लोकसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग ने उस अधिकारी को राज्य बदर भी किया था। ऐसे में बेहतर होगा कि अधिकारी अपना भविष्य दांव पर नहीं लगाएं। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री की सभा के लिए पूरे राज्य में स्कूल बसों को जब्त किया जाना प्रशासनिक तानाशाही का नमूना है।

आधी-अधूरी विधानसभा भवन का करा दिया उद्घाटन

नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने नए विधानसभा भवन को लेकर भी सरकार को घेरा। कहा, हर मामले में राजनीति अच्छी बात नहीं है। विधानसभा भवन कानून का मंदिर है और इसकी पहली बैठक ही कानून की धज्जियां उड़ाकर हो रही है।

एक अफसर का हवाला देते हुए बताया कि अभी भवन को पूरा करने में कम से कम दो से तीन महीने का वक्त लगेगा। सवाल उठाया कि आखिर इतनी जल्दबाजी क्या थी कि आधे-अधूरे भवन का उद्घाटन कराया गया। हाई कोर्ट के निर्माणाधीन भवन का हवाला देते हुए कहा कि 300 करोड़ की योजना पर 700 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।

सरकार ने न्यायालय में बोला है कि अभी इसे बनने में कई साल लगेंगे, क्योकि इसमें काफी घपला हुआ है। सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि अगर घपला हुआ है तो ऐसा करने वाले कौन हैं और वे जेल में क्यों नहीं हैं। हेमंत सोरेन ने दावा किया कि घपला करने वालों को मुख्यमंत्री का संरक्षण प्राप्त है।

नहीं बोलने दिया आदिवासी नेताओं को, परंपरा की भी अनदेखी

हेमंत सोरेन ने विधानसभा के उद्घाटन समारोह की आड़ में आरोप लगाया कि राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष, संसदीय कार्यमंत्री और रांची की मेयर को कार्यक्रम में बोलने तक नहीं दिया गया। यह आदिवासियों के प्रति भाजपा के रवैये को दर्शाता है। भाजपा जब से सत्ता में आई है, वह मानती है कि सदन का मतलब सिर्फ सत्तापक्ष ही होता है। विपक्ष की भावनाओं, सलाह और मुद्दों की उपेक्षा और उपहास उड़ाना भाजपा का संस्कार हो गया है। उन्होंने कहा कि उद्घाटन समारोह में उन्हें भी नहीं बुलाया गया। यह गलत परंपरा की शुरुआत है।


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