Move to Jagran APP

अब सीओ ही बनाएंगे जाति प्रमाणपत्र

आवश्यकता पड़ने पर डीसी अथवा एसडीओ करेंगे अभिप्रमाणित आजीवन चलेगा एक बार बना सर्टिफिकेट

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 06:32 AM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 06:32 AM (IST)
अब सीओ ही बनाएंगे जाति प्रमाणपत्र

आवश्यकता पड़ने पर डीसी अथवा एसडीओ करेंगे अभिप्रमाणित, आजीवन चलेगा एक बार बना सर्टिफिकेट

loksabha election banner

रांची, राब्यू : अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को जाति प्रमाणपत्र बनवाने में अब मुसीबतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। पिछड़ा वर्ग और खासकर क्रीमी लेयर के दायरे में आने वाले लोगों को हर वर्ष जाति प्रमाणपत्र बनवाने की परेशानी से मुक्ति भी मिल गई है।

एक बार बना प्रमाणपत्र आजीवन चलेगा। अब इन्हें अपनी वार्षिक आमदनी को लेकर स्वघोषित आमदनी बतानी होगी। पुराने जाति प्रमाणपत्र इसी आधार पर रिन्यू माने जाएंगे। जाति प्रमाणपत्र बनवाने में हो रही देरी और इसके कारण आम लोगों के सामने आ रही परेशानियों को दूर करने के तहत कैबिनेट ने यह निर्णय लिया है।

इसके साथ ही जाति प्रमाणपत्र बनवाने के लिए सिर्फ अंचलाधिकारियों को अधिकृत कर दिया गया है। कुछ राज्यों में नौकरी के लिए एसडीओ अथवा डीसी के स्तर से जारी जाति प्रमाणपत्रों की मांग की जाती है। इसके लिए व्यवस्था बनाई गई है कि सीओ से प्राप्त प्रमाणपत्रों को एसडीओ अथवा डीसी अभिप्रमाणित करेंगे।

दूसरे राज्यों से झारखंड में पहुंचे आरक्षित श्रेणी के लोगों के लिए भी स्पष्ट नीति का निर्धारण कर दिया गया है। इसके साथ ही भूमिहीन का प्रमाणपत्र बनवाने की प्रक्रिया भी आसान कर दी गई है। नॉन-क्रीमी लेयर के लिए भी प्रक्रिया में संशोधन किया गया है। राज्य कैबिनेट ने गुरुवार को कुल 37 प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की जिसमें 15 प्रस्ताव सड़कों से संबंधित हैं।

1950-1978 से निवासी हों, दूसरे राज्य से आए हैं तो वहीं का लाभ

राज्य में जाति प्रमाणपत्र के लिए पुराने नियम जारी रहेंगे और यह सर्टिफिकेट उन्हीं लोगों का बनेगा जो यहां के स्थाई निवासी हों। एससी, एसटी के मामले में क्रमश: 10 अगस्त 1950 और 6 सितंबर 1950 के पूर्व से रह रहे लोगों को जाति प्रमाणपत्र मिल सकेगा।

अत्यंत पिछड़ा वर्ग और अन्य पिछड़ा वर्ग के मामले में यह तिथि 10 नवंबर 1978 है तथा केंद्रीय अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए तिथि 8 सितंबर 1993 है। अब दूसरे राज्यों से पहुंचे लोगों को उनके मूल राज्य में तय आरक्षण का ही लाभ मिलेगा।

भुइयां की नौ उपजातियों को एससी का दर्जा

राज्य में अनुसूचित जाति की श्रेणी में दर्ज भुइयां समाज के नौ उपजातियों को भी एससी का दर्जा दिया गया है। इन उपजातियों में क्षत्रिय पाइक, खंडित पाइक, कोटवार, प्रधान, मांझी, देहरी क्षत्रिय, खंडित भुइयां, दराई शामिल हैं।

10726 एसटी-एससी बहुल टोलों में पाइप से जलापूर्ति

राज्य के 10726 एसटी, एससी टोलों में पाइप से जलापूर्ति का निर्णय लिया गया है। इसपर 510.56 करोड़ की राशि खर्च आएगी। मुख्यमंत्री जन-जल योजना के तहत यह निर्णय लिया गया।

15 सड़कों के लिए 1258 करोड़ रुपये की स्वीकृति

राज्य की 15 महत्वपूर्ण और बड़ी सड़कों के लिए कैबिनेट ने 1258 करोड़ रुपये की तकनीकी स्वीकृति प्रदान की है। इससे लगभ 320 किमी सड़कें दुरुस्त और चौड़ी होंगी। ये सड़क इस प्रकार हैं :

सड़क का नाम दूरी राशि (लाख में)

गुमला के रामपुर से जीतुटोली तक - 25.26 - 10227.89

सिकिटिया से मनीगढ़ी तक - 11.6 - 5858.82

गोड्डा के मेहरमा से तेतरियामाल तक - 19.01- 4785.25

हजारीबाग के मुकुन्दगंज से ओरैया तक- 18.76-5622.09

कोडरमा के झुरझुरी मोड़ से पिपचो- 27.85 - 6890.95

बोकारो के को-ऑपरेटिव कॉलोनी से सिजुआ - 6.3 - 3297.74

साहेबगंज में तीनपहाड़-धमधमिया सेक्शन में आरओबी - 9394.54

रांची के चान्हो से लापुंग तक- 54.15- 17853.15

बोकारो के माझीडीह से डुमरी पथ- 47.6- 5285.51

गिरिडीह के गोविन्दपुर से टुंडी - 7.9- 2635.25

जमशेदपुर के आसनबनी-सलगाजोरी स्टेशन के बीच आरओबी- 2979.98

धनबाद के जामाडोबा-भागा स्टेशन के बीच आरओबी 1413.08

लातेहार के कुटमू से महुआटांड़-80.37- 12270.07

धनबाद के गोविंदपुर-सिन्दरी पथ- 22.15- 11722.85

धनबाद के मटकुरिया से आरा मोड़ तक अंडर पास व फ्लाई ओवर ब्रिज - 25654.46

कुल : 15 सड़कें, 320 किमी, 1258 करोड़ रुपये।

कैबिनेट के अन्य फैसले

- झारखंड मोटर वाहन करारोपण (संशोधन) विधेयक, 2018 के प्रारूप पर घटनोत्तर स्वीकृति दी गई। वाहनों से प्राप्त विभिन्न प्रकार के शुल्कों को बढ़ाया गया है।

- वित्तीय वर्ष 2018-19 से सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा 1 से 8 के बच्चों को निश्शुल्क पोशाक एवं विद्यालय किट योजना अंतर्गत सहायक शिक्षण सामग्री, स्कूल बैग उपलब्ध कराने की प्रक्रिया के निर्धारण की स्वीकृति दी गई।

- स्वर्गीय मुकेश कुमार वर्मा भारतीय प्रशासनिक सेवा तत्कालीन विशेष सचिव कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग झारखंड को विशेष परिस्थिति में एयर एंबुलेंस से राची से दिल्ली ले जाने एवं उस पर हुए खर्च 4 लाख रुपये की प्रतिपूर्ति की घटनोत्तर स्वीकृति।

- खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम के तहत पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत मौजा राजदोहा, हड़तोपा, पाकड़चाकरी, मुर्गागुटू आदि में कुल रकबा 1128. 32 एकड़ क्षेत्र पर मेसर्स यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के पक्ष में स्वीकृत/धारित यूरेनियम खनिज के खनन पट्टा के अवधि विस्तार की स्वीकृति दी गई।

- झारखंड राज्य में व्यावसायिक पायलट लाइसेंस प्रशिक्षण केंद्र के लिए पीपीपी मॉडल पर चयनित कंपनी आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के साथ इकरारनामा के लिए प्रस्ताव पर स्वीकृति दी गई।

- ग्राम स्तर पर चयनित जल सहिया के मानदेय तथा प्रोत्साहन राशि को निर्धारित करने की स्वीकृति दी गई।

- लोकायुक्त कार्यालय, झारखंड, राची के लिए अतिरिक्त 36 नए राजपत्रित/अराजपत्रित पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई।

- झारखंड राज्य की भुइया जाति की उपजातिया क्षत्रिय, पाइक, खंडित पाइक, कोटवार, प्रधान, माझी, देहरी क्षत्रिय, खंडित भुइया तथा गढ़ाही/गरही को भुइया जाति के अंतर्गत अनुसूचित जाति की श्रेणी में सम्मिलित किए जाने की स्वीकृति दी गई।

- माननीय सर्वोच्च/उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में अबुल कलाम को सह-प्राध्यापक, विद्युत अभियंत्रण विभाग, बीआइटी सिंदरी के पद पर नियुक्त करने की स्वीकृति दी गई।

- झारखंड राज्य जलछाजन मिशन अंतर्गत कुल 28 परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु कुल 300 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई।

- एशियन डेवलपमेंट बैंक संपोषित झारखंड अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत 4771.80 लाख रुपए की लागत पर तैयार हुसैनाबाद शहरी जलापूर्ति योजना को प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

- राज्य योजना अंतर्गत बासुकीनाथ नगर पंचायत की 57.77 करोड़ रुपये की तकनीकी स्वीकृति प्राप्त बासुकीनाथ शहरी जलापूर्ति योजना एवं 42.15 करोड़ रुपये की लागत पर मयूराक्षी नदी में दो बियर निर्माण अर्थात कुल 99.92 करोड़ रुपये की योजना को प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.