तेजस्वी यादव और रघुवंश को अदालती अवमानना का नोटिस
चारा घोटाले में सुखदेव सिंह व बिहार के पूर्व डीजीपी व निगरानी ब्यूरो के आईजी डीपी ओझा के खिलाफ मुकदमा चलेगा।
जागरण संवाददाता, रांची। चारा घोटाले में वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव व देवघर के तत्कालीन उपायुक्त सुखदेव सिंह और बिहार के पूर्व डीजीपी व निगरानी ब्यूरो के आईजी डीपी ओझा के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलेगा। दोनों के खिलाफ अदालत ने मुकदमा दर्ज कर 23 जनवरी 2018 को अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया है। देवघर कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाले की सुनवाई के दौरान सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने पाया कि जब सुखदेव सिंह देवघर के उपायुक्त पद पर कार्यरत थे, उस दौरान धड़ल्ले से कोषागार से निकासी हो रही थी। इसकी जानकारी और मामला दर्ज करने के लिए अनुशंसा नहीं की गई। इससे निकासी को संरक्षण मिलता गया।
डीपी ओझा बिहार पटना के निगरानी ब्यूरो में आइजी के पद पर कार्यरत थे। उनकी ओर से मामले को दर्ज कर जांच में विलंब करने का आरोप लगा है। अदालत का मानना है कि घोटाले को लेकर शुरुआत में मामला दर्ज होता तो निकासी पर रोक लगती। 1994-95 व अन्य वर्षो में धड़ल्ले से हो रही निकासी पर प्रतिबंध लगता। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। इसके अलावा अदालत ने चार नेताओं के खिलाफ अदालती अवमानना का नोटिस जारी किया है। बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, रघुवंश प्रसाद सिंह, मनीष तिवारी व शिवानंद तिवारी के खिलाफ अदालती अवमानना का नोटिस जारी करते हुए अदालत ने 23 जनवरी को जवाब देने का आदेश दिया है।
अदालत ने शो-कॉज नोटिस में कहा है कि क्यों न उनके खिलाफ अदालती अवमानना का मुकदमा चलाया जाए। अदालत ने मौखिक व्यंग्य करते हुए कहा कि मीडिया के सामने नेताओं को टर-टर करने की आदत हो गई है। अदालत पर भी सवाल उठाने लगे हैं। उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद को दोषी करार दिए जाने और डॉ. जगन्नाथ मिश्र को बरी किए जाने को लेकर नेताओं ने अदालत के खिलाफ अनर्गल बयान देते हुए अदालत के फैसले पर सवाल उठाए थे।
दो सरकारी गवाहों को शो-कॉज नोटिस
सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने चारा घोटाले के दो सरकारी गवाहों- शिव कुमार पटवारी और शैलेश प्रसाद सिंह को नोटिस जारी किया। इसमें अदालत ने सीबीआइ को भी आड़े हाथों लिया है। अदालत ने कहा है कि सीबीआइ ने गवाह बनाकर आरोपियों को लाभ पहुंचाया है। क्यों न इस मामले में दोनों को सरकारी गवाह के रूप में मिली छूट को वापस लिया जाए। साथ ही आरोपी बनाकर मामले का ट्रायल किया जाए। अदालत ने 23 जनवरी को शो-कॉज का जवाब देने का आदेश दिया है।
जेल अधीक्षक को भी शो-कॉज
चारा घोटाले के अभियुक्तों द्वारा शिकायत के बाद सीबीआइ की विशेष अदालत ने बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के अधीक्षक को भी शो-कॉज किया है। अधीक्षक के खिलाफ कैदियों को रखने में भेदभाव बरतने की शिकायत अभियुक्त आइएएस व पशुपालन विभाग के तत्कालीन सचिव, पटना बिहार के बेक जूलियस और महेश प्रसाद ने की थी। शिकायत में कहा था कि जेल मैनुअल के अनुसार कैदियों को सुविधा नहीं दी जा रही है।
बेक जूलियस की ओर से हुई सुनवाई
चारा घोटाले के दोषी अभियुक्त आइएएस व पशुपालन विभाग के तत्कालीन सचिव, पटना बिहार के बेक जूलियस की ओर से सजा के बिंदुओं पर सुनवाई हुई। उनके अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि जिस अवधि में देवघर कोषागार मामले से अवैध निकासी हुई है, उस समय वे वहां पदस्थापित नहीं थे। बाद की अवधि में वे वहां कार्यरत थे। ऐसे में उन्हें सजा नहीं दी जाए। मामले में सीबीआइ की ओर से बहस लंबित है। सुनवाई गुरुवार को होगी।
दो अधिवक्ताओं के निधन से टली सुनवाई
जिला बार एसोसिएशन के दो अधिवक्ताओं- प्रभुनाथ भैया और विंदेश्र्वरी पाठक के निधन से चारा घोटाले के मामले में लालू सहित 16 दोषियों के खिलाफ सजा के बिंदु पर होनेवाली सुनवाई बुधवार को टल गई। सुनवाई अब गुरुवार को होगी। इस दौरान दोषी अभियुक्तों को न्यायालय में उपस्थित होना होगा। देवघर कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाले की सुनवाई सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में होनी थी।
दोषी अभियुक्तों को बुधवार को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए दो बजे का समय निर्धारित किया। इसके बाद अधिवक्ताओं ने आग्रह किया कि एसोसिएशन के दो अधिवक्ताओं का निधन हो गया है। 1:30 बजे शोक सभा होनी है। शोकसभा के बाद अधिवक्ता न्यायिक कार्य में भाग नहीं लेंगे। न्यायाधीश ने आग्रह को स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए गुरुवार का दिन निर्धारित किया। इसके पूर्व मामले के दोषी लालू प्रसाद, जगदीश शर्मा, डॉ. आरके राणा सहित अन्य को अदालत में पेश किया गया था।
अल्फावेटिकल होगी सुनवाई :
अदालत ने गुरुवार को सजा के बिंदु पर अल्फावेटिकल सुनवाई करने की बातें कही है। इस दौरान ए नाम वाले अभियुक्त की ओर से सुनवाई पहले होगी। ऐसे में लालू का नाम एल से शुरू होता है तो उनकी सुनवाई बाद में होने की संभावना है। अदालत ने एक दिन में चार अभियुक्तों की ओर से सुनने की बात कही थी, लेकिन अधिवक्ताओं ने आग्रह किया कि मामले में 16 अभियुक्त हैं। ऐसे में सुनवाई की जा सकती है।
कोर्ट में उत्पन्न हो गई अजीब स्थिति :
चारा घोटाले में अभियुक्तों की सजा के बिंदु पर सुनवाई होनी थी। इस दौरान रांची जिला बार एसोसिएशन के महासचिव संजय कुमार विद्रोही ने 11 बजे कोर्ट रूम में प्रवेश किया। जब उन्हें जानकारी मिली कि सुनवाई दो बजे होगी तो उन्होंने न्यायाधीश के कक्ष में जाकर उनसे कंडोलेंस होने की जानकारी दी। कहा कि सुनवाई के दौरान अधिवक्ता न्यायिक कार्य में भाग नहीं लेंगे। ऐसे में कौन पक्ष रखेगा। इसके बाद वे कोर्ट रूम से निकलकर अधिवक्ताओं को सचेत किया कि सभी को कंडोलेंस नोटिस दे दिया गया है।
अधिवक्ताओं से आग्रह किया कि वे 1:30 बजे शोक सभा में भाग लें और न्यायिक कार्य से दूर रहें। बाहरी अधिवक्ता (जो रांची जिला बार एसोसिएशन के सदस्य नहीं हैं) से भी आग्रह किया कि वे एसोसिएशन की मर्यादा को ख्याल रखें। इसके बाद अदालत में अभियुक्त बेक जूलियस की ओर से सुनवाई हुई। अन्य अभियुक्तों की सुनवाई गुरुवार को होगी। कंडोलेंस होने की वजह से अधिवक्ता ने न्यायालय की दूसरी पहर में न्यायिक कार्य में भाग नहीं लिया।