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सहायक अभियंता नियुक्ति: गरीब सवर्णों को आरक्षण देने के मामले में सरकार और जेपीएससी को नोटिस

Supreme Court सुप्रीम कोर्ट में सहायक अभियंता नियुक्ति में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के मामले में सुनवाई हुई। अदालत ने सरकार और जेपीएससी को नोटिस जारी किया है। जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि परीक्षा पर रोक नहीं रहेगी।

By Kanchan SinghEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 01:08 PM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 01:08 PM (IST)
सहायक अभियंता नियुक्ति में सरकार और जेपीएससी को नोटिस जारी किया गया है।

रांची(राब्यू): सुप्रीम कोर्ट में राज्य में सहायक अभियंताओं की नियुक्ति में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को पिछली रिक्तियों में भी आरक्षण देने के खिलाफ दाखिल एसएलपी पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार और जेपीएससी को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्ति परीक्षा पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई। लेकिन कहा कि यह मामला कोर्ट के अंतिम आदेश से प्रभावित होगा। अदालत ने कहा कि इस मामले में जो भी आदेश आएगा उसका व्यापक असर होगा। इसलिए इस मामले के हर कानूनी पहलू पर व्यापक सुनवाई जरूरी है। इस संबंध में उत्तम कुमार उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की है।

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सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि सरकार ने वर्ष 2019 में नियुक्तियों में आर्थिक रूप से सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण देने का कानून बनाया है। आरक्षण का लाभ कानून बनने के बाद से होने वाली नियुक्तियों में ही लागू हो सकता है। लेकिन झारखंड सरकार ने वर्ष 2015 से 2019 तक की सभी रिक्तियों में सवर्णों को आरक्षण देने का प्रावधान किया है, जो कि यह गलत है। झारखंड हाई कोर्ट की एकलपीठ ने कानून बनने के पहले की रिक्तियों में गरीब सवर्णों को आरक्षण देने के लाभ को गलत बताया था और विज्ञापन को रद कर दिया था। अदालत ने नियुक्ति के लिए दोबारा विज्ञापन निकालने और वर्ष 2019 के बाद की रिक्तियों में ही सवर्णों को आरक्षण देने का निर्देश दिया था। प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता सौरभ शेखर ने पक्ष रखा।

खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश को किया निरस्त ः एकलपीठ के आदेश के खिलाफ झारखंड सरकार ने हाई कोर्ट की खंडपीठ में अपील दाखिल की थी। इस पर सुनवाई करते हुए सरकार के पिछली रिक्तियों में सवर्णों के आरक्षण के निर्णय को सही बताया था और एकलपीठ के आदेश को रद कर दिया था। खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि नियुक्ति प्रक्रिया जिस दिन से शुरू होती है उसी समय का नियम लागू होता है। पहले की रिक्तियां भी नए नियम के तहत ही भरी जातीं हैं। अदालत ने सरकार के निर्णय को सही ठहराते हुए जेपीएससी को नियुक्ति प्रक्रिया जारी रखने का निर्देश दिया था।

खंडपीठ के आदेश के खिलाफ एसएलपी दाखिल ः झारखंड हाई कोर्ट के खंडपीठ के आदेश के खिलाफ उत्तम कुमार उपाध्याय एवं अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की है। याचिका में हाई कोर्ट के खंडपीठ के आदेश को रद करने का आग्रह किया गया है। बुधवार को इसी याचिका पर सुनवाई हुई।


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