Jean Dreze : जनसभा करने पर हिरासत में लिए गए अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज को झारखंड पुलिस ने छोड़ा
Jean Dreze Detained in Jharkhand. जाने-माने अर्थशास्त्री और सामाजिक कार्यकर्ता ज्यां द्रेज को बिना अनुमति के कार्यक्रम करने के कारण पुलिस हिरासत में लिया गया था।
रांची/गढ़वा, जेएनएन। जाने-माने अर्थशास्त्री और सामाजिक कार्यकर्ता ज्यां द्रेज को झारखंड पुलिस ने बिना अनुमति सभा करने और आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में हिरासत में ले लिया । उनके साथ दो अन्य लोगों को भी थाने लाया गया है। ज्यां द्रेज गढ़वा जिले के विशुनपुरा में मनरेगा से जुड़े किसी कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे। वहां प्रशासन की ओर से कार्यक्रम की अनुमति नहीं होने पर पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। बाद में ज्यां द्रेज समेत तीनों लोगों को करीब तीन घंटे के बाद पुलिस ने आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर थाने से छोड़ दिया है।
जानकारी के अनुसार गुरुवार को विशुनपुरा पोखरा चौक स्थित सामाजिक संस्था डेहान ग्रुप के द्वारा रोजगार, पेंशन, स्वास्थ्य, शिक्षा को लेकर एक जनसभा का आयोजन किया जाना था। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ज्यांद्रेज भाग लेने आए थे। कार्यक्रम को लेकर कार्यकर्ताओं द्वारा सुबह से तैयारी की जा रही थी। इस बीच विशुनपुरा थाना प्रभारी विजय सिंह ने स्थल पर आकर कार्यक्रम को स्थगित करने को कहा। मौके पर मौजूद रहे ग्रामीणों ने कार्यक्रम की पूर्व सूचना प्रशासन को दिए जाने की बात कही, लेकिन वे उचित अनुमति पत्र नहीं दिखा सके।
संस्था द्वारा कार्यक्रम करने पर अड़े रहने के कारण मौके से ज्यां द्रेज और उनके दो सहयोगियों को पुलिस हिरासत में थाने लाया गया है। ज्यां द्रेज के साथ संस्था डेहान ग्रुप के अध्यक्ष विवेक गुप्ता, सचिव अनुज गुप्ता को भी पुलिस थाना लेकर आई है। कार्यक्रम स्थल से एक साउंड बॉक्स और कपड़े आदि जब्त किए गए हैं।
बता दें कि ज्यां द्रेज बेल्जियम में जन्मे अर्थशास्त्री और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जिनका काम भारत में भूख, अकाल, लैंगिक असमानता, बाल विवाह, स्वास्थ्य, शिक्षा और मनरेगा जैसे मुद्दों पर अध्ययन करना रहा है। भारत में मनरेगा की अवधारणा और ग्रामीण रोजगार का मसौदा तैयार करने का श्रेय भी उनको है।
ज्यां द्रेज को हिरासत में लेने को भाकपा माले ने बताया निंदनीय
भाकपा माले के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद ने प्रेस बयान जारी कर ज्यां द्रेज को हिरासत में लेने की निंदा की है। कहा गया है कि ज्यां प्रमुख अर्थशास्त्री हैं, जिन्होंने हमेशा गरीबों की आवाज बुलंद की है। गढ़वा जिले की पुलिस के द्वारा बिशुनपुर थाना में उनके दो साथियों के साथ हिरासत में लेना निंदनीय है।ज्यां द्रेज पूरे देश में नरेगा जैसी योजना के सूत्रधार रहे हैं और हमेशा ही गरीब-गुरबों की, दलित, आदिवासियों व समाज के कमजोर वर्ग के लोगों की आवाज रहे हैं, उनके उत्थान को लेकर आवाज बुलंद करते रहे हैं।
भोजन के अधिकार को लेकर पूरे झारखंड नहीं पूरे देश में अभियान चलाने वाले इस शख्स की सभा करते हुए गिरफ्तारी इस बात का सबूत है कि झारखंड की पुलिस लोकतंत्र की हत्या कर रही है। आचार संहिता के बहाने लोकतांत्रिक अधिकारों को रौंदना यह भारतीय लोकतंत्र के खिलाफ है, आचार संहिता चुनाव लड़ने वाली पार्टियों व प्रत्याशियों के लिए है, न कि लोकतंत्र की हत्या के लिए। इसीलिए ज्यां द्रेज और उनके साथियों को अविलंब रिहा किया जाए और जिन पुलिस अधिकारियों ने उनकी गिरफ्तारी की उस पर कार्रवाई की जाए।
पार्टी ने कहा कि जनता के बीच अपनी बात रखने का हर नागरिक को अधिकार है, ज्याद्रेज की गिरफ्तारी इस लोकतांत्रिक अधिकार पर हमला है। चुनाव के मौके पर इसकी रक्षा करना आवश्यक है। चुनाव आयोग इस लोकतांत्रिक अधिकार की रक्षा करे व लोकतंत्र पर हमला करने वाले पर कार्रवाई करे।