केवल मार्किंग स्कीम नहीं, परीक्षार्थी के प्रयास को भी देखें
मूल्यांकन में केवल मार्किंग स्कीम नहीं परीक्षार्थी के प्रयास को भी देखना चाहिए। उक्त बातें जैक अध्यक्ष अरविंद सिंह ने कही।
जागरण संवाददाता, रांची : मूल्यांकन में केवल मार्किंग स्कीम नहीं, परीक्षार्थी के प्रयास को भी देखें। जो जितना डिजर्व करता है उसे उतने अंक जरूर मिले। संवेदना व ईमानदारी का पालन करें। ये बातें झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. अरविंद प्रसाद सिंह ने कही। वे शनिवार को जैक सभागार में नव नियुक्त हाई स्कूल शिक्षकों को मूल्यांकन के तौर-तरीके बता रहे थे। गौरतलब है कि मैट्रिक व इंटरमीडिएट की परीक्षा 11 फरवरी शुरू हो कर 28 फरवरी तक चलेगी। इसके बाद उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन होगा। मूल्यांकन में नव नियुक्त शिक्षकों को भी लगाया जाएगा। इसलिए इनके लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया था। जज की भूमिका में होते हैं शिक्षक
जैक अध्यक्ष ने कहा कि मूल्यांकन पॉजिटिव एट्टीटयूड व स्वस्थ मानसिकता के साथ करें। कहा, मूल्यांकन ऐसा करें कि रिजल्ट के बाद छात्रों को परेशानी नहीं हो। पूर्व उप निदेशक रतन कुमार ने कहा कि शिक्षक जज की भूमिका में होते हैं, इसलिए ईमानदारी व पारदर्शिता अहम है। संयुक्त सचिव कल्पना वर्मा ने भी बेहतर मूल्यांकन के तरीके बताए। उत्तर की तैयारी व स्टेप मार्किंग का कर लें अभ्यास
जैक सचिव महीप कुमार सिंह ने कहा कि मूल्यांकन कार्य से पहले शिक्षक घर में उत्तर की तैयारी कर लें। साथ ही स्टेप मार्किंग का भी अभ्यास कर लें तो वे छात्रों के साथ न्याय कर पाएंगे। अंक लिखने में ओवर राइटिंग से बचें। अंकों को जोड़कर मुख्य पृष्ठ पर लिखने वक्त सावधानी बरतें। सेंटर पर समय से पहुंचें। उन्होंने कहा कि केंद्र पर बायोमिट्रिक उपस्थिति जरूरी है। किसी प्रकार का इलेक्ट्रोनिक गजेट्स अपने साथ नहीं रखें। कम या अधिक अंक मिलने पर करें पुनर्मूल्यांकन
सचिव ने कहा कि कम अंक या अधिक अंक मिल रहे हैं या फेल कर रहे हैं तो पुनर्मूल्यांकन करें। उत्तरपुस्तिका में कुछ भी नहीं लिखा हुआ है तभी शून्य अंक दें। कुछ लिखा है तो अंक देने का प्रयास करें। सचिव ने कहा कि अंक देते समय बच्चों के उम्र का ध्यान रखें कि उनकी सोच किस स्तर तक की हो सकती है। मूल्यांकन के समय घर का या किसी वजहों से तनाव में नहीं रहें। स्टेप मार्किंग का ध्यान रखें।