Coronavirus Update: 80% कोरोना मरीजाें में नहीं दिख रहे लक्षण, छोटे-बड़े हर किसी में फैल रहा संक्रमण
Jharkhand Coronavirus Cases. मरीजों में कोरोना का लक्षण न होना खतरनाक हो रहा है। रांची में संक्रमण के फैलाव का बड़ा कारण माना जा रहा है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Coronavirus Cases रांची में शुरू में बरती गई लापरवाही के अलावा सबसे अधिक खतरनाक कोरोना मरीजों में इसका लक्षण न होना माना जा रहा है। मरीजों में इसके लक्षण नहीं होने से दूसरे लोगों में भी तेजी से संक्रमण हो रहा है। राज्य सरकार के पदाधिकारी भी इसे लेकर काफी चिंतित हैं। राज्य में अब तक जितने भी मरीज मिले हैं उनमें 80 फीसद में इसका कोई लक्षण नहीं मिला है।
रांची में हाल के दिनों में हिंदपीढ़ी में तैनात एएसआइ के अलावा कई कोरोना वारियर्स के संक्रमण के लिए भी मरीजों में लक्षण नहीं होने को जिम्मेदार माना जा रहा है। ऐसा नहीं है कि ये संक्रमण से बचने के लिए सावधान नहीं थे। यह उन पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आ गए जिनमें न तो इसका लक्षण था और न ही उनकी पॉजिटिव होने की बात सामने आई थी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान, झारखंड के निदेशक डॉ शैलेश कुमार चौरसिया भी स्वीकार करते हैं कि मरीजों में लक्षण नहीं पाए जाना सबसे अधिक खतरनाक साबित हो रहा है। उनके अनुसार यह सबसे बड़ी चिंता का विषय है। बताया जाता है कि जांच में पॉजिटिव पाए गए मरीजों में लगभग 90 फीसद लोग ऐसे थे, जिनमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं था। उनकी जांच कांटेक्ट हिस्ट्री के आधार पर कराई गई थी। वहीं जांच में पॉजिटिव पाए गए मरीजों में 80 फीसद में ही इसके लक्षण काफी बाद सामने आए।
पांच दिनों में दोगुने से भी अधिक हो गए 11 से 30 वर्ष के मरीज
पिछले सप्ताह कोरोना का सबसे अधिक संक्रमण 11 से 30 वर्ष आयु के किशोरों एवं युवाओं को हुआ। स्थिति यह है कि पांच दिनों में इस आयु वर्ग के संक्रमितों की संख्या बढ़कर दोगुनी से अधिक हो गई। 23 अप्रैल को इस आयु वर्ग के मरीजों की संख्या महज 18 थी जो 27 अप्रैल को बढ़कर 42 हो गई। इसके पिछले सप्ताह सबसे अधिक संक्रमित 31 से 50 वर्ष आयु वर्ग के युवा थे। 23 अप्रैल को इस आयु वर्ग के 21 युवा संक्रमित थे। 27 अप्रैल तक इस आयु वर्ग के मरीजों की संख्या 35 ही पहुंची जो कि 11 से 30 आयु वर्ग के मरीजों की संख्या से काफी कम है।