Jharkhand: हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन पर FIR, निशिकांत दूबे के ट्वीट से नीचे से ऊपर तक खलबली...
Jharkhand News Today भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने फिर से झारखंड में सियासी खलबली मचा दी है। गुरुवार को देर रात उन्होंने ट्वीट किया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भाई दुमका के विधायक बसंत सोरेन पर चुनाव में गलत जानकारी देने के कारण RP Act 125A के तहत केस होगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News Today: भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने फिर से झारखंड में सियासी खलबली मचा दी है। गुरुवार को देर रात उन्होंने ट्वीट किया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भाई दुमका के विधायक बसंत सोरेन पर चुनाव में गलत जानकारी देने के कारण RP Act 125A के तहत केस होगा। गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दूबे के मुताबिक दुमका के झामुमो विधायक बसंत सोरेन के खिलाफ निर्वाचन आयोग मुकदमा दर्ज कराएगा।
फ़ोन से परेशान होकर विधायक जी का नाम बताना पड़ रहा है,विधायक जी दुमका के बसंत सोरेन जी हैं,चुनाव में ग़लत जानकारी देने के कारण RP act 125A के तहत केस होगा,इस केस का सदस्यता वाले केस से संबंध नहीं है
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) May 12, 2022
बसंत सोरेन को चुनाव में गलत जानकारी देने के कारण जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 125 ए के तहत केस दर्ज होगा। इस केस का सदस्यता वाले केस से संबंध नहीं है। गौरतलब है कि विधायक बसंत सोरेन के खिलाफ कंपनियों का संचालन करने संबंधी शिकायत निर्वाचन आयोग से की गई थी। जानकारी के मुताबिक एक सप्ताह पूर्व भारत निर्वाचन आयोग द्वारा भेजे गए नोटिस का जवाब भी विधायक बसंत सोरेन ने आयोग को गुरुवार को प्रेषित कर दिया।
आज की मुलाक़ात बस इतनी! झारखंड के गैंग ऑफ बसेपुर पर थोड़ा इंतज़ार! चुनाव आयोग ने एक विधायक पर केस करने का इजाज़त दिया । इन्द्र प्रस्थ में नए राजा के नाम पर माथापच्ची— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) May 12, 2022
बसंत सोरेन को नोटिस भाजपा के एक उच्चस्तरीय शिष्टमंडल द्वारा राज्यपाल रमेश बैस को सौंपे गए ज्ञापन के आधार पर किया गया था। आरोप लगाया था कि वे ग्रैड माइनिंग नामक खनन कंपनी संचालित करते हैं। यह लाभ के पद के दायरे में आता है। राज्यपाल इसका संज्ञान लें और उन्हें विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जाए। राज्यपाल रमेश बैस ने इसे निर्वाचन आयोग को भेज दिया था।
इसी ज्ञापन के आलोक में निर्वाचन आयोग ने उनसे पक्ष मांगा था। जानकारी के मुताबिक विधायक बसंत सोरेन ने आयोग को भेजे गए जवाब में जिक्र किया है कि लगाए गए आरोप निराधार हैं। उन्होंने चुनाव के नामांकन पत्र में शपथपत्र के जरिए इसका उल्लेख किया है। उनपर तथ्यों को छिपाने का आरोप मनगढ़ंत और राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है।
सस्पेंड करने से कुर्सी नहीं बचेगी : निशिकांत
गोड्डा के सांसद निशिकांत दूबे ने गुरुवार को एक पर कई ट्वीट कर हेमंत सोरेन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सस्पेंड करने से मुखिया की कुर्सी नहीं बचेगी। आगे देखिए होता है क्या। उन्होंने दावा किया कि जेएमएम का कुनबा भी जल्द रिमांड पर होगा। पूजा सिंघल ने ईडी के सामने झारखंड के वर्तमान सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों का जो खुलासा किया, वह गैंग आफ वासेपुर को भी मात दे रहा है। यह गिरोह दलालों के साथ मिलकर राज्य को खोखला कर रहा है। गिरोह के एक-एक अधिकारी के पास कम से कम 500 से 2000 करोड़ की संपत्ति है।
कैसे दी क्लीन चिट, ईडी देखे या हेमंत सोरेन एसीबी जांच कराएं : सरयू
आइएएस पूजा सिंघल की गिरफ्तारी और निलंबन के बाद सियासी आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है। विधायक सरयू राय ने इसे लेकर गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया है कि पूजा सिंघल जिस मनरेगा घोटाला में गिरफ्तार हुई हैं, उसी मामले में पूर्ववर्ती सरकार ने उन्हें आरोप मुक्त कर दिया था, जबकि कार्मिक सचिव ने प्रतिकूल मंतव्य दिया था।
तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास और मुख्य सचिव राजबाला वर्मा की भूमिका की जांच ईडी करे या मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एंटी करप्शन ब्यूरो को जांच का आदेश दें। पूजा सिंघल पर 24 करोड़ के उसी मनरेगा घोटाला में कार्रवाई हो रही है जिसमें 2014-19 वाली डबल इंजन सरकार ने उन्हें क्लीन चिट दिया था। इसमें उनपर पांच प्रतशित कमीशन लेने का आरोप है,जो 1.20 करोड़ रुपये होता है, लेकिन उनके सीए के यहां से पकड़ा गया 19 करोड़! उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह धन क्लीन चिट देने वालों के समय का है?