MLA रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड में कुंदन का साथी भजोहरी को NIA ने किया गिरफ्तार
NIA. विधायक की हत्या के लिए राजा पीटर ने पांच करोड़ की सुपारी दी थी। तब नक्सली कुंदन पाहन ने भजोहरी को सुपारी में मिले रुपयों में से 2.78 करोड़ रुपये सुरक्षित रखने को दिए थे।
रांची, राज्य ब्यूरो। तमाड़ के तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा की 09 जुलाई 2008 को हत्या मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने फरार अभियुक्त भजोहरी सिंह मुंडा (48) को गिरफ्तार कर लिया है। वह कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन का सहयोगी था और खूंटी जिले के अड़की थाना क्षेत्र के गुरुबेड़ा का रहने वाला है। उसकी गिरफ्तारी अड़की थाना क्षेत्र के ही जोजोहातू गांव से हुई है।
एनआइए के अनुसार भजोहरी सिंह मुंडा लंबे समय से फरार चल रहा था। उसके विरुद्ध एनआइए ने चार्जशीट दाखिल करते हुए उसे फरार भी घोषित कर दिया था। एनआइए की छानबीन में यह बात सामने आई है कि तमाड़ के तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा की हत्या के लिए पूर्व मंत्री राजा पीटर ने दो खेप में कुल पांच करोड़ रुपये की सुपारी कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन को दिया था।
पहली खेप में तीन करोड़ रुपये 08 जुलाई 2008 को राजा पीटर ने कुंदन पाहन को दिया था। इस तीन करोड़ रुपये में से कुंदन पाहन ने भजोहरी सिंह मुंडा को सुरक्षित रखने केलिए 2 करोड़ 78 लाख रुपये दिए थे, ताकि आगे झारखंड में नक्सल गतिविधियों में उक्त राशि का उपयोग किया जा सके। राजा पीटर ने अपने कर्मचारी के माध्यम से शेष दो करोड़ रुपये 11 जुलाई 2008 को कुंदन पाहन के सहयोगी बलराम साहू को दिया था।
राजा पीटर सहित 15 अभियुक्तों पर एनआइए ने दाखिल की थी चार्जशीट : तमाड़ के तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने पूर्व मंत्री राजा पीटर, कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन व विधायक के अंगरक्षक शेष नाथ खरवार सहित 15 अभियुक्तों पर चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में राजा पीटर को मुख्य साजिशकर्ता बताया गया था।
एनआइए की जांच के दौरान यह खुलासा हुआ है कि पूर्व मंत्री राजा पीटर ही विधायक रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड का मास्टरमाइंड व षड्यंत्रकारी था। यह खुलासा हुआ है कि राजा पीटर ने राजनीति में अपने कद को पाने के लिए अपराधिक षड्यंत्र रचकर माओवादियों के हाथों रमेश सिंह मुंडा को रास्ते से हटवाया। इसके लिए माओवादियों को पांच करोड़ रुपये नगदी व हथियार मुहैया कराया। इतना ही नहीं, माओवादियों की मदद से ही राजा पीटर ने रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड के बाद तमाड़ के उप चुनाव को जीता और इसके बाद झारखंड सरकार में मंत्री बने।
09 जुलाई 2008 को हुई थी विधायक की हत्या : बुंडू के एसएस हाई स्कूल में एक समारोह के दौरान तमाड़ के तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा सहित चार लोगों की हत्या हुई थी। इसके बाद रांची पुलिस कुछ दिनों तक पूरे मामलों की जांच की और बाद में यह मामला सीआइडी को स्थानांतरित हो गया था। इस मामले में सीआइडी के हाथ खाली रहे थे। इसके बाद एनआइए ने 28 जून 2017 को उक्तमामले को टेकओवर किया था और प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान शुरू की थी।
जिनके विरुद्ध एनआइए ने दाखिल किया था चार्जशीट : -शेषनाथ सिंह खरवार (07 अक्टूबर 2017 को गिरफ्तार)। -गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर (09 अक्टूबर 2017 को गिरफ्तार)।-प्रफुल्ल कुमार महतो उर्फ भक्ति महतो (15 जनवरी 2018 को गिरफ्तार)। -जय गणेश उर्फ जय गणेश लोहरा (15 जनवरी 2018 को गिरफ्तार)। -अमुश मुंडू उर्फ भीम (15 जनवरी 2018 को गिरफ्तार)। -बलराम साहू उर्फ बोलो उर्फ डेविड उर्फ राजू उर्फ अली खान (राज्य पुलिस ने 14 सितंबर 2009 को गिरफ्तार किया था)।-कुंदन पाहन उर्फ विकास दा उर्फ आशीष (राज्य पुलिस के सामने 27 मई 2017 को आत्मसमर्पण किया)।-राधे श्याम बड़ाइक (17 जुलाई 2017 को गिरफ्तार)।- भाजोहरी सिंह मुंडा (फरार था, अब पकड़ा गया)। - कृषि दांगिल उर्फ सुशील दांगिल उर्फ विनोद (फरार था, बाद में गिरफ्तार किया गया था)। - गुरुआ मुंडा (फरार)।- विवेक जी उर्फ विवेक दा उर्फ प्रयाग मांझी उर्फ करण दा उर्फ फुच्चू उर्फ लेतरा (फरार)।- रमेश उर्फ तुफान दा उर्फ अनल दा उर्फ पतिराम मांझी उर्फ पतिराम मरांडी (फरार)।- राजेश दा उर्फ राजेश संथाल उर्फ फुलचंद टुड्डू (फरार था, बाद में पकड़ाया)।- मनीष दा उर्फ प्रशांत बोस उर्फ किसन दा उर्फ बुधा (फरार)।
तीन मृत नक्सलियों पर भी दाखिल था चार्जशीट, बाद में नाम हटाया : -घासी राम मुंडा, तुलसी दास व पवन लोहरा।
इनकी भूमिका पर जारी है जांच : -सोनू, राजेश मछुआ, महेश व अन्य आरोपितों के विरुद्ध जांच जारी।