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खूंटी के कटहल के लिए सिंगापुर का ऑर्डर

झारखंड में फूड प्रोसेसिंग इकाइयों के खुलने का असर धीरे-धीरे दिखने लगा है। रांची में होटवार में ग्लोबल एग्रीकल्चर फूड समिट में एक्सप‌र्ट्स का जुटान हो रहा है। सभी अपनी रुचि दिखा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Nov 2018 01:10 PM (IST)Updated: Fri, 30 Nov 2018 01:10 PM (IST)
खूंटी के कटहल के लिए सिंगापुर का ऑर्डर

रांची : राज्य में फूड प्रोसेसिंग इकाइयों के खुलने का असर धीरे-धीरे दिखने लगा है। मदर डेयरी के उत्पाद सफल के बिजनेस हेड प्रदीप्त कुमार साहू ने इसका खुलासा करते हुए बताया कि खूंटी से एक कंटेनर कटहल का ऑर्डर कंपनी को सिंगापुर से मिला है। अगले कुछ महीनों में यह ऑर्डर डिस्पैच कर दिया जाएगा। मदर डेयरी ने दो वर्ष पूर्व नगड़ी में 27 एकड़ भूखंड पर फूड प्रोसेसिंग प्लांट की शुरुआत की थी जो अब बनकर तैयार है। फ्रोजेन फॉर्म से भेजी जाएगी कटहल

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यहां से कटहल फ्रोजेन फॉर्म में भेजी जाएगी। उन्होंने बताया कि सौ करोड़ का निवेश कंपनी ने किया है और अब टमाटर, मटर से लेकर अमेरिकन स्वीट कॉर्न तक की खरीदारी झारखंड से हो रही है। कंपनी के प्रोत्साहन पर ही कुछ किसानों ने अमेरिकन स्वीट कॉर्न की खेती भी शुरू कर दी है। झारखंड में टमाटर का उत्पादन 13 लाख टन होता हैऔर इस वर्ष से एक लाख टन टमाटर की प्रोसेसिंग कंपनी शुरू कर देगी। उन्होंने कहा कि कंपनी यह साबित कर देगी कि कृषि का मतलब खुशी होता है। नगड़ी में कंपनी के प्लांट से 50 हजार तक किसान जुड़ेंगे।

उद्योग के साथ कृषि में भी विकास की संभावना : मुख्य सचिव

रांची : राज्य के मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूड समिट में अतिथियों और किसानों का स्वागत करते हुए कहा कि लोग सोचते होंगे कि खनिजों की धरती पर कृषि को लेकर समिट क्यों हो रहा है? ऐसे में यह जानना जरूरी है कि झारखंड में खनिज आधारित उद्योगों के विकास की जितनी संभावना है उतनी ही संभावना कृषि के क्षेत्र में विकास की है। कहा, झारखंड में कृषि की अपार संभावनाएं हैं और देश ही नहीं विदेशों में भी यहां के किसान अपनी पहचान बना सकते हैं और झारखंड अग्रणी राज्यों में शुमार होगा। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षो में झारखंड में कृषि के क्षेत्र में बड़ा काम हुआ है। महिला कृषकों को भी मुख्य धारा में शामिल किया गया है। कृषि आधारित उद्योगों के लिए भी नीति बनाई गई है। इस प्लेटफॉर्म से तेज रफ्तार विकास संभव है।


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