तरह-तरह की राखियों से सज गया बाजार, पहुंचने लगे खरीदार
रक्षाबंधन के करीब आते ही बाजार में रौनक बढ़ गई है। नए कलेक्शन से राजधानी के बाजार पटे हैं।
रांची, सुरभि। रक्षाबंधन के करीब आते ही बाजार में रौनक बढ़ गई है। नए कलेक्शन से रांची के मेन रोड से ले अपर बाजार तथा छोटी-बड़ी दुकानें सज गई हैं। बाजार में पांच रुपये से लेकर हजार रुपये तक की राखियां उपलब्ध है।
इस बार स्टोन, मोती, सोने-चादी की राखिया तथा बड़े आकार के लुम्बें उपलब्ध हैं। जहा लड़किया अपनी पसंद की राखी से भाई की कलाई सजा सकती हैं, वही वे अपनी भाभियों के लिए लुम्बें भी खरीद रही है। बदलते ट्रेंड और लोगों की पसंद को देखते हुए इस बार बाजार में राखी की नई रेंज लोगों को काफी लुभा रही है।
बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए एक से बढ़कर एक डिजाइन की राखिया बाजार में नजर आ रही हैं। बच्चों के लिए काटूर्न कैरेक्टर और छोटी गिफ्ट लगी राखियों की डिमाड है। वहीं बड़ों के लिए पतले रेशम के साथ सोने चादी की राखियों की भी डिमाड है। अब रक्षाबंधन के लिए राखी की खरीदारी चरम पर है।
जिनके भाई बाहर रहते हैं और रक्षाबंधन पर घर नहीं आ पा रहे हैं, उनको स्पीड पोस्ट और डाक के जरिए राखिया भेजने के लिए लोग पहले ही राखियों की खरीदारी कर रहे है। बाजार में राखी खरीदने के लिए दुकानों में भीड़ लग रही है। वैसे तो रक्षाबंधन पर रेशम का धागा ही काफी होता है, लेकिन बदलते दौर में राखिया भी बदल गई हैं।
कैसी -कैसी राखिया
बाजार में विभिन्न डिजाइन उपलब्ध हैं, जिसमें मोर डिजाइन, जरी, पैच वर्क, रेशम, कुंदन, स्टोन और मोती से सजे गोल, बैंड स्टाइल, ब्रेसलेट आदि डिजाइन की राखियां उपलब्ध हैं।
वहीं गोल्ड में मीना वर्क और फूलों के डिजाइन लोकप्रिय है। व्हाइट गोल्ड राखियो की भी माग अच्छी है। चादी की राखिया भी लोगो को लुभा रही हैं। चादी की रखी में सोने का पानी चढ़ा राखी चलन में है।
छोटी राखियों और बड़े लु़म्बें का चलन
इस बार बाजार में लड़कियां छोटे आकार की राखियां पसंद कर रही हैं। वहीं महिलाओं के लिए बड़े आकार के लुम्बें बाजार में हैं इनमें जरी, नेट वर्क, बूटा आदि लगा है।
पसंद की जा रही सोने की राखियां
सोने से बनने वाली राखी महंगी होती है पर लोगो द्वारा काफी पंसद की जाने लगी है। चादी से तैयार होने वाली राखी 450 रुपए से लेकर 800 रुपए तक में मिलती हैं।
कुछ राखिया चादी और सोने के पानी से तैयार की जाती है। इनकी कीमत 300 से लेकर 500 रुपये तक होती है। वैसे शौकीन लोगों के लिये आर्डर पर सोने चादी और डायमंड से राखी भी तैयार की जाती है। इनकी कीमत डेढ़ लाख तक होती है।
त्योहार के लिए सराफा व्यापारियों ने भी कई तैयारिया की हैं। उन्होने बताया कि गोल्ड या सिल्वर राखियों की मेकिंग भी किसी दूसरे जेवर की तरह ही होती है। पहले डिजाइन बनाकर उसके अनुसार मशीन से पीस कटिंग होती है। बाद में इन्हें कारीगर जोड़ते हैं।
मल्टीपर्पस राखी
ब्रेसलेट और बैंड वाली राखिया सिर्फ रक्षाबंधन में ही नही बल्कि पूरे साल पहनी जा सकती है। इनको ऐसे डिजाइन किया जाता है कि इन्हें बाद में ब्रेसलेट, पेंडेंड, कड़ा, चेन आदि रूप में भी लोग पहन सके। खास बात यह है कि राखी में लगे ओम या स्वास्तिक को बाद में लॉकेट की तरह गले में पहन जा सकता है।
महिला कैदियों द्वारा निर्मित राखियां भी हैं खास
इस बार रांची के एक मॉल में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार की महिला कैदियों द्वारा निर्मित राखियां भी आकर्षण का केंद्र हैं। लड़कियों और महिलाओं को महिला कैदियों द्वारा निर्मित राखियां खासी लुभा रही है। ये राखियां बाजार में बिकने वाली राखी की तरह सुंदर हैं। हाथ से बनी राखियों की कीमत दस से 60 रुपये तक है।
कितनी है कीमत : रुपये में
स्टोन राखी - 30 - 90
बुटे और जरी वाली राखी - 30 से 150
रेशमी राखी - 20 - 70
मोली राखी - 10 से 30
लुम्बें बड़े आकार के - 60 - 160
लुम्बें छोटे आकार के 30 - 70