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फ्यूचर के लिए रिन्यूएबल एनर्जी को स्थापित करने जरूरत

टेड-एक्स काके के द्वारा द राइज ऑफ ए न्यू व‌र्ल्ड विषय पर रविवार को वेबिनार का आयोजन हुआ।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 01:30 AM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 01:30 AM (IST)
फ्यूचर के लिए रिन्यूएबल एनर्जी को स्थापित करने जरूरत
फ्यूचर के लिए रिन्यूएबल एनर्जी को स्थापित करने जरूरत

जागरण संवाददाता, रांची : टेड-एक्स काके के द्वारा द राइज ऑफ ए न्यू व‌र्ल्ड विषय पर रविवार को वेबिनार का आयोजन किया गया। इसकी लाइव स्ट्रीमिंग फेसबुक, यूट्यूब पर की गई। टेड-एक्स के क्यूरेटर राजीव गुप्ता के संचालन में इस साप्ताहिक आयोजन में इस बार विचारकों ने पावर सेक्टर : भविष्य में विकास का मुख्य आधार पर अपनी बात रखी। वेबिनार में मुख्य वक्ता जेएसडब्ल्यू एनर्जी लिमिटेड के ज्वाइंट एमडी सह सीईओ प्रशात जैन ने पावर सेक्टर पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि अक्षय ऊर्जा भविष्य की जरूरत है। इस दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है। पूरी दुनिया अब थर्मल पावर की तकनीक से बाहर निकलकर अक्षय ऊर्जा की ओर शिफ्ट होने की दिशा में आगे बढ़ रही है। देश की जीडीपी के हिसाब से पिछले 20 वर्षो में ऊर्जा की भी खपत बढ़ी है। इसलिए वर्तमान समय में ऊर्जा के क्षेत्र में अपेक्षित कार्य करने की जरूरत है। इसके लिए हमें अपनी ऊर्जा तकनीक को विकसित बनाते हुए रिन्यूएबल एनर्जी को अपनाना होगा। प्रशात जैन ने कहा कि कोयला आधारित बिजली के मुकाबले अक्षय ऊर्जा का उत्पादन काफी सस्ता है। इसका ट्रासमिशन एवं वितरण लागत भी कम होता है। विकसित देशों के मुकाबले भारत मे ऊर्जा की खपत काफी कम है। ऐसे में ऊर्जा खपत के मामले में विकसित देशों की श्रेणी में खड़ा होने के लिए हमें लंबा सफर तय करना होगा।

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आइएएस डॉ. सुनील वर्णवाल ने वक्ता से भविष्य में कोल रिसोर्स एवं कमर्शियल माइनिंग से जुड़े बिंदु पर प्रश्न पूछा। जिसके जवाब में प्रशात जैन ने कहा कि कोल इंडस्ट्री के प्राइवेटेशन की दिशा में कदम उठाने में थोड़ी देर हो गई है। चीन के 4.5 बिलियन टन कोयला उत्पादन के मुकाबले भारत में फिलहाल 750 मिलियन टन उत्पादन हो रहा है। निजीकरण की स्थिति में भूमि अधिग्रहण और फारेस्ट क्लीयरेंस सबसे बड़ी समस्या होगी। समस्याओं के निपटान में राज्य सरकार की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।


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