फिर फन फैलाने की ताक में नक्सली, झारखंड पुलिस का शिकंजा ढीला; पढ़ें खास रिपोर्ट Ranchi News
Naxalite Killed five Policemen in Jharkhand. कहा जा रहा था कि झारखंड से नक्सलियों के पांव उखड़ने को हैं। लेकिन बीते दिन पांच पुलिसवालों को मारकर वे फिर से जिंदा हो गए हैं।
रांची, [जागरण स्पेशल]। Five Policemen Killed in Naxal Attack in Jharkhand - कब से कहा जा रहा था कि झारखंड से नक्सलियों के पांव उखड़ने को हैं। लक्षण भी कुछ इसी तरह के दिख रहे थे, लेकिन बीते दिन पांच पुलिसवालों को मारकर वे फिर से जिंदा हो गए हैं। अपनी सशक्त मौजूदगी दर्ज कराने को लेकर उन्होंने बीते दिन जिस तरह से खूनी तांडव मचाया, उससे जनमानस सकते में है। सरायकेला-खरसांवा जिले के तिरूलडीह थाना क्षेत्र के कुकुड़ू साप्ताहिक हाट में शुक्रवार को नक्सली हमले में पांच पुलिसकर्मी शहीद हो गए। इस घटना ने रांची के राहे की उस घटना की याद दिला दी, जब बैंक ड्यूटी से पैदल राहे बाजार होते हुए ओपी लौट रहे एसटीएफ के पांच जवानों की हत्या के बाद नक्सली इंसास रायफल लूटकर चले गए थे।
पांच दिसंबर 2008 की उस घटना में नक्सलियों ने सिर्फ भुजाली का इस्तेमाल किया था। सभी जवानों पर अचानक कहर बनकर टूटे, उन्हें भुजाली से गोंद दिया और उनके इंसास रायफल को लूटकर आसानी से जंगल की ओर भाग निकले थे। बीते दिन सरायकेला के तिरूलडीह में भी दो अफसरों सहित पांच पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद नक्सली उनसे तीन इंसास आैर दो पिस्टल लूटकर ले गए हैं।
- रांची के राहे बाजार में 5 दिसंबर 2008 को नक्सलियों ने खेली थी खूनी होली
- तब बैंक ड्यूटी से लौट रहे पांच जवानों को मारकर लूट लिए थे हथियार
- सरायकेला-खरसांवा ने ताजा की नक्सली वारदात की पुरानी घटना
इंस्पेक्टर फ्रांसिस इंदवार को बाजार से उठाया और कर दी हत्या
30 सितंबर 2009 को खूंटी जिले के अड़की थाना क्षेत्र के हेम्ब्रोम बाजार से खुफिया विभाग के इंस्पेक्टर फ्रांसिस इंदवार का नक्सलियों ने अगवा कर लिया था। इंस्पेक्टर सूचना संकलन के लिए बाजार में गए थे कि नक्सलियों ने उन्हें उठा लिया था। उनकी सिर कटी लाश छह अक्टूबर को नामकुम के रइसा घाटी में मिली थी। उनके शव के पास नक्सलियों ने एक पर्चा छोड़कर बताया था कि पुलिस मुठभेड़ में धनंजय मुंडा व मोती मुंडा की हत्या का बदला लिया है। फ्रांसिस इंदवार गुमला जिले के बसिया के रहने वाले थे।
पाकुड़ के तत्कालीन एसपी व पांच अंगरक्षकों को मारा था
02 जुलाई 2013 को दुमका-पाकुड़ मार्ग पर काठीकुंड के अमतल्ला के पास घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने पाकुड़ के तत्कालीन एसपी अमरजीत बलिहार व उनके पांच अंगरक्षकों को मार दिया था।
डीएसपी व उनके 5 अंगरक्षकों को गाड़ी सहित उड़ाया
30 जून 2008 को तमाड़ थाना क्षेत्र के पुंडीदीरी में सर्च ऑपरेशन कर लौट रहे बुंडू के तत्कालीन डीएसपी प्रमोद कुमार व उनके पांच अंगरक्षकों को नक्सलियों ने गाड़ी सहित उड़ा दिया था।
कार्यक्रम के दौरान विधायक व उनके अंगरक्षकों को मार डाला था
09 जुलाई 2008 को बुंडू के एसएस हाई स्कूल में एक कार्यक्रम के दौरान नक्सलियों ने धावा बोल दिया था। इस हमले में समारोह के मुख्य अतिथि तमाड़ के तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा, उनके दो अंगरक्षक शिवनाथ मिंज व खुर्शीद आलम तथा एक छात्र रामधन पातर की मौके पर ही मौत हो गई थी।
नक्सल हमले में शहीद हो गए थे झारखंड जगुआर के छह जवान
27 जून 2018 को गढ़वा जिले के चिंजो में एंटी नक्सल ऑपरेशन पर निकले झारखंड जगुआर के जवानों पर नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया। इस हमले में छह जवान शहीद हो गए।
लोकसभा चुनाव के बाद की नक्सली घटनाएं
20 मई : खरसावां थाना से 8 किमी दूर जवानों को नक्सलियों ने आईईडी विस्फोट किया। किए गए 21 ब्लास्ट में तीन जवान घायल हुए।
28 मई : सरायकेला-खरसावां के कुचाई में आईईडी विस्फोट किया। 26 जवान घायल हुए।
1 जून : लोहरदगा के पेशरार में नक्सलियों ने भाजपा कार्यकर्ता सह एसपीओ दिलीप भगत की गोली मारकर हत्या कर दी।
03 जून : दुमका के रानेश्वर थाना क्षेत्र स्थित कठलिया गांव में नक्सलियों से मुठभेड़ में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) का एक जवान शहीद, चार जख्मी।
अलग राज्य बनने के बाद 400 से ज्यादा जवान दे चुके हैं शहादत
सन 2000 में झारखंड अलग राज्य बनने के बाद से लेकर अब तक राज्य में 400 से अधिक जवानों ने अपनी शहादत दी है। झारखंड में नक्सली शुरूआत समय से ही नासूर रहे हैं। हाल के दिनों में यह दावा किया जाता रहा है कि नक्सली पहले की तुलना में कमजोर पड़े हैं, लेकिन हाल की घटनाओं को देखा जाए तो नक्सली लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं और पुलिस को मात देने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप