Navratri 2022: सज गया माता का दरबार, कहीं अमरनाथ गुफा तो कहीं इस्कान मंदिर का होगा दर्शन; रांची में कहां कैसा बना पूजा पंडाल
Navratri 2022 झारखंड की राजधानी रांची के विभिन्न पूजा पंडालों में माता का दरबार सज गया है। नवरात्र का आज चौथा दिन है। इस साल श्रद्धालुओं को कहीं अमरनाथ गुफा तो कहीं इस्कान मंदिर का दर्शन होग। रांची में कहां कैसा बना पूजा पंडाल बना है देखें...
रांची, जासं। Navratri 2022 नवरात्र का आज चौथा दिन है। श्रद्धालु मां दुर्गा के चौथे रूप कूष्माण्डा की आराधना में लीन हैं। झारखंड की राजधानी रांची के प्रमुख पूजा पंडालों में शुमार बकरी बाजार, ओसीसी क्लब दुर्गा पूजा समिति, शिव पूजा पंडाल का आज शाम में उद्घाटन होगा। आज शाम से श्रद्धालु माता का दर्शन कर सकते हैं। वहीं पंचमी तिथि शुक्रवार को शहर के अधिकांश बड़े पूजा पंडालों को आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिया जाएगा।
कोकर दुर्गा पूजा एचबी रोड में मंदिर का प्रारुप
कोकर दुर्गा पूजा एचबी रोड में 48 वर्षों से दुर्गा पूजा का आयोजन हो रहा है। इस वर्ष मंदिर का प्रारुप तैयार कराया है। इसके लिए बंगाल के पुरुलिया से कारीगरों को मंगाया गया है। अबकी बार 20 लाख रुपये की लागत से पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है। श्रद्धालुओं की सम्भावित भीड़ को देखते हुए पंडाल का डिजाइन तैयार किया गया है। ताकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो। एक तरफ से श्रद्धालुओं के आने का तो दूसरी ओर से बाहर जाने का रास्ता तैयार किया गया है। ये सारी व्यवस्था एक ही पंडाल में उपलब्ध रहेगी।
बकरी बाजार में मायापुर के इस्कान मंदिर का प्रारुप
रांची शहर के बकरी बाजार स्थित भारतीय युवक संघ ने अबकी बार मायापुर के इस्कान मंदिर का प्रारुप डिजाइन कराया है। अध्यक्ष अशोक कुमार चौधरी बताते हैं कि इस वर्ष 60 लाख की लागत से पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है। जहां श्रद्धालुओं को मायापुर का इस्कान मंदिर नजर आएगा। इसके लिए पश्चिम बंगाल से आई कारीगरों की 100 सदस्यीय टीम ने दिनरात मेहनत कर पंडाल का निर्माण किया है। 64 वर्षों से बकरी बाजार में दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है। यहां प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन को आते हैं।
कोकर में अमरनाथ गुफा का होगा दर्शन
कोकर बाजार दुर्गा पूजा कमेटी के द्वारा अबकी बार बाबा अमरनाथ के गुफा का प्रारुप तैयार कराया जा रहा है। पंडाल के साज सज्जा के लिए कोलकाता से आए कारीगर दिनरात काम में लगे हैं। इस पंडाल को 16 लाख रुपये की लागत से तैयार कराया जा रहा है। जिसमें 4.50 लाख रुपये लाइट में तो 2.50 से 3 लाख रुपये गाजे बाजे के लिए खर्च किए जा रहे हैं। पंडाल को देखने के लिए श्रद्धालुओं को कम से कम 20 मिनट का समय लगेगा। अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को जो कुछ भी नजर आता है वो सबकुछ यहां दिखेगा। बता दें कि पंडाल में प्रवेश करते ही सबसे पहले पहलगाम दिखेगा जहां श्रद्धालु शिवजी के नंदी को देखेंगे। इसके बाद चंदनबाड़ी को डिजाइन किया जाएगा। यहां शिवजी के चंद्रमा के दर्शन होंगे। फिर शेषनाग झील में शिवजी के सर्पों का दर्शन होगा। महागुंस पर्वत पर शिवजी और गणेश जी के दर्शन होंगे। अंत में पंचतरणी में शिवजी व माता पार्वती के दर्शन होंगे। जहां शिव पार्वती जी को अमर कथा सुनाते दिखेेंगे। साथ ही श्रद्धालुओं को हिमलिंग के दर्शन होंगे।
जैसी करनी वैसा फल की झलक
राजस्थान मित्र मंडल सेवा सदन पिछले 43 वर्षों से दुर्गा पूजा का आयोजन करता आ रहा है। इस वर्ष जैसा कर्म वैसा फल...थीम पर पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है। कोलकाता के मेदिनीनगर के कंटई दीघा से कारीगरों की टीम दिनरात पंडाल निर्माण कर रही है। अध्यक्ष अशोक पुरोहित ने बताया कि इस बार 25 लाख रुपये की लागत से पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है। पंडाल को तीन हिस्सों में बांटा गया है। ताकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को स्वर्ग नरक के अलावे इंद्रदेव का दरबार और माता दरबार का दर्शन हो सके। बेहद भव्य तरीके से नए थीम पर काम किया जा रहा है। पंडाल में तकनीक का भरपूर प्रयोग किया जा रहा है। यमलोक में पापियों को दी जाने वाली यातनाओं के अलावे परी लोक, इंद्रलोक को भी जीवंत तरीके से सजाया जा रहा है। अंत में माता दरबार में श्रद्धालु माता के भव्य व विराट स्वरुप का दर्शन करने व प्रसाद ग्रहण करने के बाद बाहर निकलेंगे।
बिहार क्लब दुर्गा पूजा समिति 95 वर्षों से कर रही है आयोजन
बिहार क्लब दुर्गा पूजा समिति पिछले 95 वर्षों से दुर्गा पूजा का आयोजन कर रही है। अध्यक्ष डा अजीत कुमार सहाय बताते हैं कि अबकी बार 22 लाख रुपये की लागत से पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है। जिसमें करीब 7-8 लाख रुपये की लागत से लाइटिंग और सजावट का कार्य कराया जा रहा है। कोलकाता के चंदननगर से कारीगर को मंगाया है।