NHRC के तेवर तल्ख, झारखंड में अवैध खनन की CID जांच का आदेश
National Human Right Commission. आयोग ने 21 मई तक जांच रिपोर्ट नहीं मिलने पर 28 मई को मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने को कहा है।
रांची, राज्य ब्यूरो। National Human Right Commission अवैध खनन के दौरान मौत व घायल होने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पूरे मामले की जांच सीआइडी से करवाने का आदेश दिया है। इतना ही नहीं, मृतक के आश्रित व घायल को मुआवजे का भुगतान कर की गई कार्रवाई से 21 मई तक आयोग को अवगत कराने का आदेश दिया है। अगर 21 मई तक रिपोर्ट नहीं मिली तो 28 मई को आयोग कार्यालय में मुख्य सचिव को पूरी रिपोर्ट के साथ व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा। आयोग ने इस मामले में गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग को पत्र लिखा है।
पूरा मामला हजारीबाग जिले के बरका थाना क्षेत्र में अवैध खनन से संबंधित है। यह प्रोटेक्टेड फॉरेस्ट एरिया के अधीन आता है। यहां अवैध खनन के कारण एक व्यक्ति संतोष मरांडी की मौत हो गई थी, जबकि एक मजदूर सुनील हांसदा जख्मी हो गया था। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने निर्देश दिया है कि मृतक के आश्रित को तीन लाख रुपये व घायल को दो लाख रुपये आर्थिक मुआवजा के रूप में भुगतान करें। इतना ही नहीं, अवैध उत्खनन के क्रम में घटित घटना के दोषी पुलिस पदाधिकारी, वन विभाग के पदाधिकारी के विरुद्ध भी सीआइडी से जांच करवाएं। अगर उक्त मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी तो अनुसंधान संबंधित रिपोर्ट निर्धारित समय सीमा के भीतर आयोग को उपलब्ध कराएं।
अवैध खनन पर न पुलिस की रिपोर्ट मिली, न दोषियों पर कार्रवाई हुई : पूर्व में भी अवैध खनन की सीआइडी जांच व वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग झारखंड तथा खान एवं भूतत्व विभाग झारखंड से अवैध खनन के लिए दोषी पदाधिकारियों के विरुद्ध की गई कार्रवाई से संबंधित रिपोर्ट मांगी गई थी। इस मामले में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने किसी भी पदाधिकारी को दोषी नहीं पाया था। तर्क दिया था कि प्रोटेक्टेड फॉरेस्ट एरिया की सुरक्षा की जिम्मेदारी वन विभाग को है। वहीं, पुलिस मुख्यालय ने अवैध खनन के मामले अब तक जांच संबंधित कोई रिपोर्ट आयोग को उपलब्ध नहीं कराई।