Move to Jagran APP

Shab-e-Barat 2020: शब ए बरात आज, घरों में इबादत कर कोरोना वायरस से निजात की दुआएं मांगें

Shab e-Barat. एलान किया गया है कि आतिशबाजी कतई न हो। कब्रिस्तान भी न जाकर घरों से इसाले सवाब के लिए दुआएं पढ़ें।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 09 Apr 2020 10:15 AM (IST)Updated: Fri, 10 Apr 2020 01:59 AM (IST)
Shab-e-Barat 2020: शब ए बरात आज, घरों में इबादत कर कोरोना वायरस से निजात की दुआएं मांगें

रांची, जासं। शब ए बरात आज सूर्यास्त के बाद से होगी। इसे लेकर एदार ए शरीया झारखंड, इमारत ए शरिया झारखंड, अंजुमन इस्लामियां सहित रांची के सभी मस्जिदों की ओर से एलान कर दिया गया है। सभी एदारों की ओर से देशभर में लागू लॉकडाउन का अनुपालन करते हुए घरों में इबादत करने की अपील की गई है। इस इबादत के साथ कोरोना वायरस जैसी महामारी से निजात और देश की खुशहाली और स्वास्थ्य के लिए दुआएं करने की अपील भी की गई है।

loksabha election banner

एदारों की ओर से कहा गया है कि शब ए बरात की रात मस्जिदों में न जाकर अपने घरों में ही इबादत करें। इसके अलावा शब ए बरात के मौके पर कतई आतिशबाजी ना हो। इसे हराम बताया गया है। अंजुमन इस्लामियां के सेक्रेटरी मोख्तार अहमद ने अपील की है कि लॉकडाउन का अनुपालन करते हुए घरों में नमाज अदा करें। मस्जिदों में न जाएं। क्रब्रिस्तान न जाकर घरों से ही मरहूमों के इसले सवाब के लिए दुआएं पढ़ें। शब ए बारात को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने तैयारियां पूरी कर ली है।

बुधवार को पूरे दिन लोगों ने घरों की साफ-सफाई की। कई लोगों ने सुबह के समय राशन दुकानों से विशेष पकवानों के लिए सामग्री खरीदा गया। लॉकडाउन की वजह से लोगों को परेशानी हुई, लेकिन कई लोगों ने सामानों की खरीदारी की। कई ने ऑनलाइन ऑर्डर देकर सामान मंगवाए। बताते चलें कि एक दिन पहले राज्य के डीजीपी एमवी राव ने भी घरों में रहकर इबादत करने की अपील की थी।

छुटकारे की रात है शब ए बरात, अकीदत व एहतेराम से आज मनाएं : मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी

एदार ए शरीया झारखंड के नाजिमे आला मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने कहा है कि जुमेरात दिन गुजार कर आने वाली रात शब ए बरात है। अल्लाह ताला का खास करम है कि उसने हमें शबे बरात जैसी नूरानी और मुकद्दस रात से सरफराज फरमाया है। यह रहमत, मगफिरत, जहन्नम से छुटकारा और कबूलियत की रात है। इसमें ज्यादा से ज्यादा तौबाव असत्गफार करें।

बहुत सारे लोग इसकी अहमीयत को नहीं समझते और पूरी रात सोकर, खेल तमाशा, आतिशबाजी और फिजुल कार्यों में पूरी रात बर्बाद कर देते हैं जो अफसोस की बात है। शबे बरात वह मुबारक रात है, जिसमें इस साल में पैदा होने वाले और मरने वाले का नाम लिख दिया जाता है। इसी रात को रिज्क तक्सीम होती है। तकदीरें लिखी जाती हैं।

इस मुबारक रात में बाद नमाज मगरिब या बाद नमाजे ईशा बेरी ( बैर) के पत्ते से जोश दिए हुए पानी से गुसल कर लें फिर अतर की खुशबू का इस्तेमाल करके तन्हाई में बैठ कर अपने घर में  इबादत और तेलावत करें। इससे हर बला व मुसीबत से निजात मिलती है। हदीसे पाक में  आया  कि शाबान की पंद्रहवीं रात जो शब ए बरात है इसमें जो शख्स इबादत करेगा उसे अल्लाह ताला जहन्नम से  आजादी का परवाना अता फरमाता है, यह रात बख्शीश की रात है।

शबे बरात में ये अमल करें

  1. अल्लाह की बारगाह में सच्चे दिल से गुनाहों से तौबा करें।
  2. मां बाप को राजी करें और जिन्हें कोई तकलीफ पहुंचाई हो जाने अनजाने में  हाथ से या किसी साजिश या बात या कलम या अमल से तो उनसे माफी मांगे और सीने को  नफरत, हसद जलन और कीना कपट से पाक रखें।
  3. सदका व खैरात ज्यादा से ज्यादा करें, यतीमों, बेसहारों, मोहताजें और मजबुर पड़ोसियों को खासकर नकदी दें ताकि वह अपनी जरूरत की चीज हासिल कर सकें।
  4. शब ए बरात के दूसरे दिन यानी 15 शाबान को रोजा रखें। रमजान के रोजा अगर कजा हो तो कजा की नियत से रोजा रखें। यह ज्यादा बेहतर है कि फर्ज भी अदा हो जाएगा और नफ्ल रोजे का भी सवाब मिलेगा।
  5. कुराने पाक की तिलावत ज्यादा से ज्यादा करें और तिलावत के वक्त दिल में हर तरह की भलाई नेक नियती और मुसीबत व बला से निजात की नियत रखें।
  6. कम से कम 300 बार दरूद शरीफ पढें। घर के अंदर रात की तन्हाइयों में छूटी हुई कजा नमाजें अदा करें जिसे आम बोलचाल में कजाए उमरी कहते हैं। हर रोज की कजा 20 रिकअते हैं जैसे 2 रिकअत फज्र की, 4 रिकअत जोहर की, 4 रिकअत असर की, 3 रिकअत मगरिब की, 4 रिकअत इशा और 3 रिकअत वित्र की। आसानी के लिए छोटी सुरत पढें। कजा नमाजे पढ़ने से शब्बेदारी का सवाब मिलेगा और कजा भी अदा होगी और नफ्ल नमाजों का भी सवाब मिलेगा।
  7. इस रात में जिस किसी से दुनयावी सबब से नाराज भी हों, उसको खाली अल्लाह की खुशनुदी के लिए माफ करें अपने गुनाहों को याद करके तोबा असत्गफार करें। जिसका हक वाजिब उल अदा हो, उसको उसका हक अदा करने की कोशिश करें।
  8. हदीसे पाक में आया है कि हर हकदार को उसका हक अदा करो। अपनी औलाद के लिए और अपने तालुकात और आम लोगों  के लिए दुआ करें। इस समय दुनिया के सामने महामारी की मुसीबत है। इस महामारी से निजात की खुसुसी दुआ करें।

ये भी अमल करें

  • फातेहा, नियाज खास कर हजरत अवैस करनी रजीअल्लाहे तआला अन्हो के नाम से फातिहा करें, और अपने खान्दान के तमाम मरहुमीन को याद करें सवाब बख्शें।
  • कोरोना वायरस के खतरात और लॉकडाउन के मद्देनजर घर पर ही इबादत करें और कब्रिस्‍तान जाने के बजाए घर ही से मरहुमीन के लिए इसाले सवाब करें।
  • दो-दो रिकअत कर के शबे बरात की नियत करके नफ्ल नमाज 12 रिकअत इस तरह पढें कि हर रिकअत में सुर ए फातेहा के बाद सुर ए एखलास 3, 5 या 7 बार पढें। हर दो रिकअत के बाद 100 बार तीसरा कलमा पढें फिर दुआ करें।

सलातुत तस्बीह, कजाए हाजात पढें

रिकअत नमाज दो-दो सलाम से अदा करें। हर रिकअत में सुर ए फातेहा के बाद सुर ए खलास 10-10 बार पढें। रिवायतों में आया है कि इस नमाज के पढ़ने वाले के लिए अल्लाह तआला बेशुमार फरिश्ते मोकर्रर करेगा जो अजाबे कब्र से निजात की और जन्नत में दाखिल होने की खुशखबरी देंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.