पुलिस का मुखबिर बता हॉकी कोच की उग्रवादियों ने कर दी हत्या
विजय मुंडा की हत्या की जिम्मेदारी पीपुल्स लिब्रेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) ने ली है।
जासं, लापुंग (रांची) : डे बोर्डिग ककरिया के हॉकी कोच की पीएलएफआइ उग्रवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। घटना बुधवार देर रात की है। रांची के लापुंग में यह हत्या हुई। रांची में पुलिस मुखबिर बताकर हत्या किए जाने का तीन दिनों में यह दूसरा मामला है। इससे पूर्व तमाड़ में नक्सलियों ने एक युवक की गला काटकर हत्या कर दी थी।
बुधवार की रात करीब नौ बजे आठ से दस की संख्या में उग्रवादी पैदल अकरोमा कैलुटोली स्थित विजय मुंडा के घर पहुंचे। उन्होंने दरवाजा खुलवाकर विजय को अगवा कर लिया और रांची-खूंटी जिले के सीमावर्ती इलाके के जंगल में कारो नदी के किनारे ले गए। यहां ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर विजय की हत्या कर दी गई। जानकारी मिलने पर लापुंग पुलिस घटनास्थल पर पहुंची।
विजय मुंडा की हत्या की जिम्मेदारी पीपुल्स लिब्रेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) ने ली है। दैनिक जागरण कार्यालय में पीएलएफआइ के एरिया कमांडर किशोर सुरीन उर्फ खिचड़ी ने फोन कर बताया कि विजय मुंडा पुलिस की मुखबिरी करता था। मुखबिरी के चक्कर में उसकी जान गई है।
हत्या में पीएलएफआइ का हाथ सामने आ रहा है। विजय के पुलिस के मुखबिर रहने की बात गलत है। पुलिस से उसका कोई संबंध नहीं था।
-संजय कुमार, डीएसपी, बेड़ो
माओवादियों ने एसपीओ की गर्दन काटी
नगर के तमाड़ में माओवादियों ने स्पेशल पुलिस ऑफिसर (एसपीओ) की गर्दन काटकर हत्या कर दी। साथ ही उसकी सवारी गाड़ी को भी जला डाला। जिस जगह यह वारदात हुई वहां से सीआरपीएफ कैंप की दूरी महज 500 मीटर है। घटना मंगलवार रात की है। पुलिस ने बुधवार की सुबह घटनास्थल जाकर शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भिजवाया। घटनास्थल के पास पर्चा छोड़कर माओवादियों ने बेलबेड़ा निवासी अब्राह्म टोपनो पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया। अब्राह्म टोपनो कुबासाल गांव में घर बनाकर रह रहा था।
मंगलवार को कुबासाल बाजार से यात्रियों को अपनी सवारी गाड़ी में बैठाकर बेलबेड़ा गया था। यात्रियों को छोड़कर वापस कुबासाल लौट रहा था। इसी दौरान विजयगिरी के सुरंगी डैम के ऊपर आठ से 10 की संख्या में हथियारबंद माओवादियों ने गाड़ी को रुकवाकर उसे अपने कब्जे में कर लिया तथा पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाते हुए अब्राहम का सिर धड़ से अलग कर दिया। गाड़ी को माओवादियों ने फूंक दिया जिसकी लपट दूर-दूर तक दिख रही थी। लोगों में इस बात को लेकर रोष था कि कैसे ये लपटें सीआरपीएफ कैंप के जवानों को नहीं दिखीं जबकि घटनास्थल से कैंप की दूरी महज 500 मीटर दूर है।
घटना को अंजाम देने के बाद माओवादी आराम से निकल गए। बाद में पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों ने घटना की जानकारी ली तथा एक घंटे तक बैठक की। रांची जोन के डीआइजी अमोल वेणुकांत होमकर ने कहा कि क्षेत्र में सघन छापामारी अभियान चलाया जा रहा है। दोषियों को किसी भी हालत में नहीं छोड़ा जाएगा। इधर, मृतक की पत्नी ने अज्ञात माओवादियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। घटना के क्षेत्र में दहशत का माहौल है।