MS Dhoni Retirement: जब अपने नाम पर बने पवेलियन का उद्घाटन करने से धौनी ने किया था इन्कार
MS Dhoni Retirement News धौनी से उद्घाटन के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा कि अगर वे ग्राउंड का उद्घाटन करेंगे तो उन्हें ऐसा लगेगा कि वह कोई बाहरी हैं।
रांची, जेएनएन। MS Dhoni Retirement News महेंद्र सिंह धौनी बेहद सरल स्वभाव के व्यक्ति हैं। वह क्रिकेट की दुनिया में अपने कूल अंदाज के लिए जाने जाते हैं। यह सबने देखा है कि माही का कूल अंदाज भारतीय टीम के लिए बहुत कुछ अच्छा लेकर आया। धौनी के संन्यास की घोषणा के बाद उनके कई चर्चित फैसले एक बार फिर याद आने लगे हैं। मौका था भारत व ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे मैच का। मैच से पहले पूरी टीम ने माही के घर पर डिनर किया।
झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) ने रांची स्टेडियम में धौनी के नाम का स्टैंड बनाया। जिस तरह दिल्ली में वीरेंद्र सहवाग और मुंबई में सचिन तेंदुलकर के नाम से स्टेडियम में स्टैंड हैं, ठीक उसी तरह धौनी के नाम से भी रांची स्टेडियम में एक स्टैंड बनाया गया। एसोसिएशन चाह रहा था कि धौनी खुद मैच से पहले इसका उद्घाटन करें, लेकिन माही ने अपने ही अंदाज में इसका उद्घाटन करने से मना कर दिया। माही का वह अंदाज लोगों को काफी पसंद आया।
दरअसल, जब एसोसिएशन ने धौनी से उद्घाटन के लिए वक्त मांगा तो उन्होंने कहा कि अगर वो ग्राउंड का उद्घाटन करेंगे तो उन्हें ऐसा लगेगा कि वह कोई बाहरी हैं। तत्कालीन मीडिया रिपोर्ट में जेएससीए के सेक्रेट्री देबाशीष चक्रवर्ती ने बताया था कि जब धौनी को उनके नाम के स्टैंड का उद्घाटन करने के लिए कहा गया तो वे बोले कि दादा मैं तो इसका हिस्सा हूं। घर का लड़का अपने ही घर में क्या उद्घाटन करेगा। दरअसल, कैप्टन कूल प्रशंसा से हमेशा बचते रहे हैं। वह लोगों के साथ खुद को सामान्य बनाए रखने में ही सहज महसूस करते हैं।
उचित निर्णय लेने में माहिर हैं धौनी
धौनी ने संन्यास की घोषणा कर उसी तरह सबको चौंका दिया, जैसे उन्होंने दिसंबर, 2014 में टेस्ट से संन्यास लिया था। खेल के मैदान के साथ-साथ अपने करियर को लेकर भी धौनी ने जब भी कोई फैसला लिया उसकी भनक भी किसी को नहीं लगी। पिछले एक साल से क्रिकेट से दूर रहे धौनी के संन्यास लेने के कयास लगाए जा रहे थे, पर उन्होंने इस संदर्भ में कभी कुछ नहीं कहा।
बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो करियर का खाका पहले से तैयार कर लेते हैं। इस काम में माही अव्वल हैं। वह जानते थे कि हर खिलाड़ी का एक वक्त होता है। उसके बाद उसे जाना होता है। फिर कोई दूसरा वहीं रोल प्ले करने के लिए आता है। पूर्व रणजी खिलाड़ी आदिल हुसैन की कप्तानी में धौनी ने सीसीएल की ओर से क्रिकेट खेला था। वह कहते हैं, वह ऐसे महान क्रिकेटर हैं जो कभी टीम पर बोझ बन कर नहीं रहे। जानते हैं कि कब क्या करना है, लेकिन उन्हें संन्यास की घोषणा से पहले आइपीएल खेलना चाहिए था।
निर्णय लेने में माहिर धौनी ने फिर सबको चौंका दिया। भारतीय ए टीम के पूर्व सदस्य प्रदीप खन्ना कहते हैं कि धौनी के निर्णय लेने की क्षमता को कोई चुनौती नहीं दे सकता। मैदान हो या करियर, उन्होंने हमेशा सही समय पर सही निर्णय लिया है। उनका निर्णय हमेशा चौंकाने वाला होता है। हालांकि, अभी वह फिट हैं, अभी और दो साल खेल सकते थे। लेकिन वह कभी भी टीम पर बोझ बनकर रहना नहीं चाहते हैं।
दो साल और क्रिकेट खेल सकते थे धौनी
माही को क्रिकेट में लाने वाले स्कूल के प्रशिक्षक केआर बनर्जी कहते हैं कि माही ने तो मुझे भी चौंका दिया। अभी वह दो साल और खेल सकते थे। पर वह शुरू से ही ऐसे रहे हैं। वह निर्णय लेने में माहिर थे। वह कब क्या निर्णय लेंगे, यह बताना मुश्किल है। धौनी की कमी भारतीय टीम को खलेगी।