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Jharkhand Elections 2019: झामुमो और कांग्रेस को बड़ा झटका, ये विधायक होंगे भाजपाई; 23 को रांची में महामिलन समारोह

सुखदेव भगत मनोज यादव कुणाल षाडंगी जेपी पटेल और चमरा लिंडा के अलावा कुछ पूर्व वरिष्ठ पदाधिकारी भी भाजपा में शामिल होंगे। कांग्रेस विधायक बादल पत्रलेख भी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 06:49 AM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 12:21 PM (IST)
Jharkhand Elections 2019: झामुमो और कांग्रेस को बड़ा झटका, ये विधायक होंगे भाजपाई; 23 को रांची में महामिलन समारोह
Jharkhand Elections 2019: झामुमो और कांग्रेस को बड़ा झटका, ये विधायक होंगे भाजपाई; 23 को रांची में महामिलन समारोह

रांची, राज्य ब्यूरो। विधानसभा चुनाव से पूर्व झारखंड की राजनीति मेें बड़ा फेरबदल होने जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विपक्षी खेमे में सेंध लगाते हुए झामुमो और कांग्रेस को बड़ा झटका देने की तैयारी मुक्कमल कर ली है। कांग्रेस के सुखदेव भगत व मनोज यादव और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कुणाल षाडंगी व चमरा लिंडा का 23 अक्टूबर को भाजपा में शामिल होना तय माना जा रहा है।

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इनके अलावा, झामुमो के निष्कासित विधायक जेपी पटेल और कुछ पूर्व वरिष्ठ पदाधिकारी भी भाजपा में शामिल होंगे। चर्चा तो यह भी है कि कांग्रेस विधायक बादल पत्रलेख को भी भाजपा में शामिल कराया जा सकता है। चुनाव पूर्व इस महामिलन समारोह को भाजपा ने भव्य बनाने की तैयारी की है। रांची के हरमू मैदान में आयोजित समारोह में ये तमाम नेता अपने-अपने दलों को त्यागकर भाजपाई हो जाएंगे।

कांग्रेस और झामुमो के ये तमाम विधायक पिछले एक माह से भाजपा के संपर्क में थे। भाजपा का टिकट मिलने की सौ फीसद गारंटी और मनपसंद सीट से चुनाव लडऩे का भरोसा मिलने के बाद ही इन्होंने पार्टी में शामिल होने का निर्णय ले लिया है। बताया जा रहा है कि इन नेताओं की मुख्यमंत्री रघुवर दास से कई दौर की वार्ता के बाद रविवार शाम को इस संबंध में अंतिम सहमति बनी।

गड़बड़ाएगा विपक्ष का गणित

झामुमो और कांग्रेस के इन विधायकों के विधानसभा चुनाव से ऐन पूर्व पाला बदलने से विपक्ष के गणित गड़बड़ा सकता है। लोहरदगा, बरही, बहरागोड़ा और विशुनपुर ऐसी सीटें हैं, जिन पर विपक्ष अपनी जीत तय मानकर चल रहा था। मांडू विधायक जेपी पटेल को छोड़ दें, तो कांग्रेस और झामुमो तमाम चर्चाओं के बाद भी अपने मौजूदा विधायकों पर भरोसा करके चल रहे थे।

पार्टी नेतृत्व से नाराजगी ही पाला बदलने का बड़ा कारण

जो विधायक कांग्रेस और झामुमो को छोड़कर भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं, उनकी अपनी-अपनी वजहें बताई जा रही हैं। कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत खुलेआम बोल चुके हैं कि लोहरदगा लोकसभा चुनाव में उन्हें हराने का काम रामेश्वर उरांव ने किया, जो अब प्रदेश अध्यक्ष हैं।

मनोज यादव अध्यक्ष पद के बड़े दावेदार थे और लोकसभा चुनाव में उनके विरोध के बावजूद फ्रेंडली फाइट में राजद को उतार दिया गया। चमरा लोकसभा चुनाव में टिकट न दिए जाने से पार्टी से खफा थे। वहीं, कुणाल षाडंगी का बैकग्राउंड शुरू से ही भाजपा का रहा है। जेपी पटेल को लोकसभा चुनाव के दौरान झामुमो ने निष्कासित कर दिया था। 


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