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झारखंड की सियासत में भागमभाग, पलटी मारने की फिराक में हैं कई विधायक

विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों के विधायकों में सुगबुगाहट देखी जा रही है। अवसर देखकर दलबदल कर कई नेता अपनी निष्ठा बदलने की तैयारी में हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 04 Jun 2019 07:06 AM (IST)Updated: Tue, 04 Jun 2019 07:46 PM (IST)
झारखंड की सियासत में भागमभाग, पलटी मारने की फिराक में हैं कई विधायक

रांची, [प्रदीप सिंह]। झारखंड बड़े पैमाने पर राजनीतिक उथलपुथल का गवाह बनेगा। लोकसभा चुनाव का एकतरफा परिणाम इसका संकेत दे रहा है। 12 सीटें फतह कर भाजपा ने 63 से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त हासिल कर विपक्षी खेमे में सनसनी फैला दी है। लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद से चिंतित विधायकों ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सुरक्षित दलों की तलाश शुरू कर दी है। इनमें ज्यादातर ऐसे विधायक हैं जिन्हें अपनी टिकट पर खतरा मंडराता दिख रहा है और ये अवसर रहते अन्य दल में अपने लिए सुरक्षित सीट फिक्स करना चाहते हैं।

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लोकसभा चुनाव के ऐन पहले भी इसका रिहर्सल हो चुका है। राजद की प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी ने भाजपा में शामिल होकर सनसनी फैला दी थी। आरंभ में इसका अहसास किसी को नहीं था कि राजद सुप्रीमो की विश्वस्त सिपहसलार उनके राजनीतिक विरोधी भाजपा के खेमे में शामिल होंगी। अन्नपूर्णा ने अवसर मिलने पर न सिर्फ दलीय निष्ठा बदली बल्कि टिकट हासिल कर चुनाव में भारी कामयाबी पाने में भी सफल रहीं। इससे इस बात के आसार प्रबल हैं कि चुनाव के पहले सभी दलों में भागमभाग मचेगी। 

झाविमो है साफ्ट टारगेट
2014 के विधानसभा चुनाव में आठ सीटें जीतने वाली बाबूलाल मरांडी का झारखंड विकास मोर्चा पस्त है। उनके छह विधायक पहले ही भाजपा में विलय कर चुके हैं। इस विलय को विधानसभा अध्यक्ष की अदालत ने विधि-सम्मत भी करार दिया है। उनके पास सिर्फ दो विधायक बचे हैं। मरांडी खुद चुनाव हार चुके हैं। उनके सिपहसलार प्रदीप यादव ने भी राजनीतिक जमीन खो दी है। प्रदीप यादव पोड़ैयाहाट से विधायक है। एक अन्य विधायक प्रकाश राम की नजदीकी भाजपा से बताई जाती है। संभव है कि वे चुनाव से पहले ठोस फैसला लें। 

दल में रहते हुए भी बदल चुके हैं निष्ठा
जयप्रकाश पटेल मांडू से झामुमो के विधायक हैं। पार्टी ने उन्हें अनुशासनहीनता के आरोप में निलंबित कर रखा है। लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज पटेल अब भाजपा और उसके सहयोगी दल आजसू पार्टी के कार्यक्रम में नजर आते हैं।

इसी प्रकार आजसू पार्टी के तमाड़ से विधायक विकास सिंह मुंडा अब झारखंड मुक्ति मोर्चा के ज्यादा करीब हैं। उन्हें आजसू पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में निलंबित कर रखा है। विधानसभा चुनाव के पहले ऐसे विधायक अपना ठिकाना बदल लेंगे। इससे इतर ऐसे कई विधायक हैं जो भीतर ही भीतर राजनीतिक आकाओं से संपर्क में हैं। उन्हें वेट एंड वाच की नसीहत दी गई है।

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