इस बार मानसून नौ वर्षों में सबसे लेट, जानें-कब किस तिथि को पहुंचा मानसून
राजधानी समेत प्रदेश के अधिकतर हिस्से में अगले पांच दिनों तक बारिश के आसार नहीं के बराबर है। जाहिर है गर्मी झेलनी पड़ेगी।
जागरण संवाददाता, रांची। हिमालय के तराई क्षेत्रों की ओर रुख कर लेने से झारखंड में इस वर्ष मानसून आने में विलंब हो रहा है। देरी से मानसून आने में पिछले नौ वर्षों का रिकार्ड टूटने के आसार बन गए हैं। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि इस सीजन में 24 जून के बाद ही प्रदेश में मानसून प्रभावी हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि झारखंड में मानसून प्रवेश करने की सामान्य तिथि 10 से 12 जून है। राज्य में मानसून समय से नहीं आने से किसानों में मायूसी छा रहा है। धान समेत अन्य फसल इससे प्रभावित हो सकता है। आंकड़े पर नजर डालें तो 2010 से 2017 तक 15 से 19 जून तक प्रदेश में मानसून का प्रवेश होते रहा है। इस सीजन में अभी तक स्थिति मानसून के अनुकूल नहीं है। ओडिशा के दक्षिणी भाग तथा बंगाल की खाड़ी में मानसून ब्रेक हो चुका है। साथ ही, मानसून को आगे बढ़ाने वाला सिस्टम भी शिथिल पर चुका है। ओडिशा तथा बंगाल की खाड़ी के क्षेत्र में 13 जून से मानसून ने दस्तक दे दिया है।
अगले पांच दिनों तक नहीं हैं बारिश के आसार
राजधानी समेत प्रदेश के अधिकतर हिस्से में अगले पांच दिनों तक बारिश के आसार नहीं के बराबर है। जाहिर है गर्मी झेलनी पड़ेगी। खासकर उत्तरी झारखंड के जिलों में लू चलने की संभावना है। तेज धूप और शुष्क हवा परेशानी को बढ़ाएगा। यह स्थिति 22 जून तक बना रहेगा। सोमवार को रांची का अधिकतम तापमान 39 डिग्री के पार पहुंच गया। हालांकि दोपहर ढ़ाई बजे के बाद आसमान में बादल छाने और हल्की बूंदाबांदी होने के कारण लोगों को गर्मी से थोड़ी बहुत राहत मिली।